रांची: झारखंड में बकोरिया हत्याकांड को एक बड़ा मुद्दा बनाने की पूरी तैयारी कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल ने कर ली है. बकोरिया कांड में सीबीआई द्वारा कोर्ट को सौंपी गई क्लोजर रिपोर्ट को पीड़ितों के साथ अन्याय करार देते हुए कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर और राष्ट्रीय जनता दल के प्रदेश उपाध्यक्ष अनिता यादव ने कहा कि भाजपा के दवाब में उन लोगों को बचाने का काम किया गया, जो संदेह के घेरे में थे. इस मामले में क्लोजर रिपोर्ट में सीबीआई ने यह कहते हुए जांच बंद करने की बात कही है कि फर्जी मुठभेड़ होने का कोई सबूत नहीं मिला है.
राजेश ठाकुर ने कहा-गलत काम को सही करने की कोशिश दुर्भाग्यपूर्णः इस मामले में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने कहा कि बकोरिया कांड में निर्दोष और छोटे-छोटे बच्चे मारे गए थे. चार-साढ़े चार साल तक सीबीआई क्या जांच करती रही. राजेश ठाकुर ने कहा कि पुलिस ने अपने आपको पुरस्कृत कराने के लिए बकोरिया कांड की साजिश रची थी. राजेश ठाकुर ने कहा कि बकोरिया कांड में कौन लोग सम्मानित हुए यह बड़ा विषय है. सम्मानित होने वाले वहीं लोग थे जो जांच के दायरे में आते, लेकिन सीबीआई उन लोगों के दायरे में आती है. इसलिए मामले को रफा-दफा किया जा रहा है. कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि बकोरिया के पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए कांग्रेस चुप नहीं बैठेगी. उन्होंने कहा कि अदालत को भी देखना चाहिए कि क्या सीबीआई की क्लोजर रिपोर्ट सही है.
राजद का आरोप- बकोरिया कांड में पिछड़ी जातियों का हुआ था दमन: बकोरिया कांड को पिछली भाजपा सरकार में पिछड़ी जातियों पर दमन बताते हुए झारखंड राजद की उपाध्यक्ष अनिता यादव ने कहा कि राष्ट्रीय जनता दल इस मुद्दे को यूं ही नहीं जाने देगा. सीबीआई की क्लोजर रिपोर्ट को गलत बताते हुए राजद नेता ने कहा कि भाजपा का ओबीसी विरोधी चेहरा अब सामने आया है.
सीपी सिंह ने कहा-सरकार में कांग्रेस-राजद शामिल कार्रवाई क्यों नहीं करती: पूर्व मंत्री और भाजपा नेता सीपी सिंह ने बाकोरिया कांड पर भाजपा के दवाब में सीबीआई द्वारा क्लोजर रिपोर्ट सबमिट करने के आरोप को बेबुनियाद बताते हुए कहा कि भाजपा ने किसी को बचाने का ठेका नहीं ले रखा है. आज राज्य में महागठबंधन की सरकार है. ऐसे में अगर सरकार में शामिल लोगों को लगता है कि पुलिस के पूर्व डीजीपी या अन्य अधिकारी दोषी हैं तो वह खुद जांच कर कार्रवाई क्यों नहीं करती. सीपी सिंह ने कहा कि भाजपा कभी भी ओबीसी की विरोधी नहीं रही है. पीएम मोदी की सरकार में ही ओबीसी के लिए आयोग बनाया गया है.
बकोरिया कांड को क्यों बड़ा मुद्दा बनाना चाहती है कांग्रेस और राजद: दरअसल, भाजपा राहुल गांधी के सारे मोदी वाले बयान को ओबीसी विरोधी बता रही है. ऐसे में झारखंड कांग्रेस को यह लगता है कि अगर बकोरिया कांड को लेकर वह आंदोलित हुई तो झारखंड के ओबीसी समाज में एक अच्छा संदेश जाएगा. जिस समय बकोरिया कांड हुआ था, उस समय राज्य के डीजीपी डीके पांडेय थे. सेवानिवृति के बाद उन्होंने भाजपा का दामन थाम लिया था. ऐसे में कांग्रेस और राजद को सीबीआई की क्लोजर रिपोर्ट के बाद भाजपा पर राजनीतिक हमला करने का एक और मौका मिल गया है.
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कब हुआ था बकोरिया कांड: झारखंड के पलामू इलाके के बकोरिया में आठ जून 2015 को एक मुठभेड़ हुई थी, जिसमें 12 लोगों की जान चली गई थी. इस घटना को लेकर पुलिस ने दावा किया था कि उसने 12 नक्सलियों को मार गिराया है. जबकि मृतक के परिजनों ने इसे फर्जी मुठभेड़ बताया था और मामले की उच्च स्तरीय जांच के लिए झारखंड उच्च न्यायालय से गुहार लगाई थी. सुनवाई के दौरान झारखंड उच्च न्यायालय ने अक्टूबर 2018 में मामले को सीबीआई के हवाले कर दिया था. इस घटना में जिन 12 लोगों की मौत हुई थी उसमें दो नाबालिग और एक पारा शिक्षक के भी मारे जाने की बात सामने आई थी. अब सीबीआई द्वारा फर्जी मुठभेड़ का कोई सबूत नहीं मिलने का हवाला देते हुए क्लोजर रिपोर्ट दायर की गई है. कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल सीबीआई द्वारा दाखिल क्लोजर रिपोर्ट को पीड़ित परिवार के साथ नाइंसाफी बताते हुए आंदोलन की बात कह रहे हैं.