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कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ओपी लाल के निधन पर शोक सभा का आयोजन, रखा गया 2 मिनट का मौन

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Published : Nov 23, 2020, 6:56 PM IST

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और एकीकृत बिहार सरकार के मंत्री रहे ओपी लाल के निधन पर झारखंड कांग्रेस स्टेट हेड क्वार्टर में सोमवार को शोक सभा का आयोजन किया गया. इस दौरान उनकी आत्मा की शांति के लिए दो मिनट का मौन रखा गया.

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कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ओपी लाल के निधन पर शोक सभा का आयोजन

रांची: कांग्रेस स्टेट हेड क्वार्टर में सोमवार को वरिष्ठ नेता और एकीकृत बिहार सरकार के मंत्री रहे ओपी लाल के निधन पर शोक सभा का आयोजन किया गया. इसकी अध्यक्षता प्रदेश कांग्रेस कमिटी के कार्यकारी अध्यक्ष केशव महतो कमलेश ने की और इसका संचालन प्रदेश कांग्रेस कमिटी के प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद ने की.

आत्मा की शांति के लिए दो मिनट का मौन धारण

कार्यक्रम के अंत में दिवंगत आत्मा की शांति के लिए दो मिनट का मौन रखा गया. इस अवसर पर पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय, विधायक दीपिका पांडेय सिंह, अंबा प्रसाद और पूर्व विधायक डाॅ जयप्रकाश गुप्ता विशेष रूप से उपस्थित थे. कार्यक्रम के अंत में दिवंगत आत्मा की शांति के लिए दो मिनट का मौन रखा गया. शोकसभा को संबोधित करते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय ने कहा कि ओपी लाल का जाना कांग्रेस पार्टी के लिए अपूरणीय क्षति है. उन्होंने कहा कि ओपी लाल निर्वाचित जनप्रतिनिधि तो थे ही, साथ ही साथ वो मजदूर आंदोलन के पूरोद्धा के रूप में सदैव याद किये जाएंगे. उनका जाना हमारे लिये व्यक्तिगत क्षति है.

ये भी पढ़ें-कुपवाड़ा से सटे एलओसी के पास आतंकियों और सुरक्षाबलों के बीच मुठभेड़

पांच दशक तक राजनीति में रहे सक्रिय

पूर्व केंद्रीय ने कहा कि 1985, 1990, 1995 से तीन बार लगातार उनका निर्वाचित होना, उनकी लोकप्रियता का द्योतक था. एक राजनेता होने के साथ-साथ एक सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में पांच दशक तक वो लगातार सक्रिय भूमिका में काम करते रहे. ऐसे लोगों के जीवनी से हमें सीखने का अवसर मिलता है. विशेषतः कोलयांचल क्षेत्र में इंटक, आरसीएमएस जैसे मजदूर संगठनों के पदाधिकारी के रूप में वो लगातार मजदूर हितों की आवाज बुलंद करते रहे हैं. उन्होंने कहा कि अत्यंत मृदुभाषी और मिलनसार स्वभाव होने के नाते कार्यकर्ताओं से तुरंत घुल-मिल जाते थे. संगठन का कार्यक्रम कहीं भी हो, उनकी सक्रियता उनकी उपस्थिति के रूप में झलकती थी.

मिलनसार स्वभाव के राजनेता थे ओपी लाल

वहीं, विधायक दीपिका पांडेय सिंह ने कहा कि ओपी लाल का जीवन सदैव प्रेरणा श्रोत के रूप में उनका मार्गदर्शन करते रहेगा. 50 वर्षों तक सार्वजनिक जीवन में उनकी सक्रियता उनकी लोकप्रियता का पैमाना है. अपने अस्वस्थ्यता के कुछ दिन पूर्व तक वो लगातार संगठनिक कार्यक्रमों में हिस्सा लेते रहे. कांग्रेस पार्टी के विचार-धारा का विस्तार और जनहित के मुद्दों को लेकर किया गया उनका संघर्ष सदैव हमारे दिलों में बसा रहेगा. विधायक ने शोक व्यक्त करते हुए कहा कि ओपी लाल के निधन से हुए नुकसान का भरपाई जल्द नहीं हो सकता. आज के युग में भी ऐसे शांत मृदुभाषी मिलनसार स्वभाव के राजनेता का राजनीति में सक्रिय रहना अपने आप में बड़ी बात है. उनका जाना झारखंड राज्य के लिए अपूरणीय क्षति है.


मौके पर प्रदेश कांग्रेस कमिटी के प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद ने कहा कि कांग्रेस संगठन विस्तार के प्रति प्रतिकूल परिस्थितियों में भी उनकी प्रतिबद्धता सदैव प्रेरणा का श्रोत बने रहेंगे. आज कांग्रेस पार्टी को ऐसे नेतृत्वकर्ताओं की कमी खलेगी. वो हम सभी के दिलों में रहेंगे.

रांची: कांग्रेस स्टेट हेड क्वार्टर में सोमवार को वरिष्ठ नेता और एकीकृत बिहार सरकार के मंत्री रहे ओपी लाल के निधन पर शोक सभा का आयोजन किया गया. इसकी अध्यक्षता प्रदेश कांग्रेस कमिटी के कार्यकारी अध्यक्ष केशव महतो कमलेश ने की और इसका संचालन प्रदेश कांग्रेस कमिटी के प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद ने की.

आत्मा की शांति के लिए दो मिनट का मौन धारण

कार्यक्रम के अंत में दिवंगत आत्मा की शांति के लिए दो मिनट का मौन रखा गया. इस अवसर पर पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय, विधायक दीपिका पांडेय सिंह, अंबा प्रसाद और पूर्व विधायक डाॅ जयप्रकाश गुप्ता विशेष रूप से उपस्थित थे. कार्यक्रम के अंत में दिवंगत आत्मा की शांति के लिए दो मिनट का मौन रखा गया. शोकसभा को संबोधित करते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय ने कहा कि ओपी लाल का जाना कांग्रेस पार्टी के लिए अपूरणीय क्षति है. उन्होंने कहा कि ओपी लाल निर्वाचित जनप्रतिनिधि तो थे ही, साथ ही साथ वो मजदूर आंदोलन के पूरोद्धा के रूप में सदैव याद किये जाएंगे. उनका जाना हमारे लिये व्यक्तिगत क्षति है.

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पांच दशक तक राजनीति में रहे सक्रिय

पूर्व केंद्रीय ने कहा कि 1985, 1990, 1995 से तीन बार लगातार उनका निर्वाचित होना, उनकी लोकप्रियता का द्योतक था. एक राजनेता होने के साथ-साथ एक सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में पांच दशक तक वो लगातार सक्रिय भूमिका में काम करते रहे. ऐसे लोगों के जीवनी से हमें सीखने का अवसर मिलता है. विशेषतः कोलयांचल क्षेत्र में इंटक, आरसीएमएस जैसे मजदूर संगठनों के पदाधिकारी के रूप में वो लगातार मजदूर हितों की आवाज बुलंद करते रहे हैं. उन्होंने कहा कि अत्यंत मृदुभाषी और मिलनसार स्वभाव होने के नाते कार्यकर्ताओं से तुरंत घुल-मिल जाते थे. संगठन का कार्यक्रम कहीं भी हो, उनकी सक्रियता उनकी उपस्थिति के रूप में झलकती थी.

मिलनसार स्वभाव के राजनेता थे ओपी लाल

वहीं, विधायक दीपिका पांडेय सिंह ने कहा कि ओपी लाल का जीवन सदैव प्रेरणा श्रोत के रूप में उनका मार्गदर्शन करते रहेगा. 50 वर्षों तक सार्वजनिक जीवन में उनकी सक्रियता उनकी लोकप्रियता का पैमाना है. अपने अस्वस्थ्यता के कुछ दिन पूर्व तक वो लगातार संगठनिक कार्यक्रमों में हिस्सा लेते रहे. कांग्रेस पार्टी के विचार-धारा का विस्तार और जनहित के मुद्दों को लेकर किया गया उनका संघर्ष सदैव हमारे दिलों में बसा रहेगा. विधायक ने शोक व्यक्त करते हुए कहा कि ओपी लाल के निधन से हुए नुकसान का भरपाई जल्द नहीं हो सकता. आज के युग में भी ऐसे शांत मृदुभाषी मिलनसार स्वभाव के राजनेता का राजनीति में सक्रिय रहना अपने आप में बड़ी बात है. उनका जाना झारखंड राज्य के लिए अपूरणीय क्षति है.


मौके पर प्रदेश कांग्रेस कमिटी के प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद ने कहा कि कांग्रेस संगठन विस्तार के प्रति प्रतिकूल परिस्थितियों में भी उनकी प्रतिबद्धता सदैव प्रेरणा का श्रोत बने रहेंगे. आज कांग्रेस पार्टी को ऐसे नेतृत्वकर्ताओं की कमी खलेगी. वो हम सभी के दिलों में रहेंगे.

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