रांची: कोरोना महामारी के मद्देनजर ऑनलाइन पठन-पाठन एक बड़ा साधन बन गया है और इसको अब दुरुस्त करने की तैयारी की गई है. इसके लिए नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ स्मार्ट गवर्नमेंट को ई-डिजाइन तैयार करने को लेकर निर्देश दिया गया है. इसे लेकर सरकार की ओर से 70 लाख रुपए दिए जाएंगे. राज्य के सभी विश्वविद्यालय और कॉलेज डिजिटल प्लेटफॉर्म के तहत जोड़े जाएंगे.
जानकारी के मुताबिक राज्य सरकार ने एनआईएसजी को ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के तहत सभी विश्वविद्यालयों और कॉलेजों को जोड़ने के लिए डिजाइन तैयार करने का निर्देश दिया है. पहले चरण में उच्च और तकनीकी शिक्षा विभाग को जिम्मेदारी मिली है. डिजिटल प्लेटफॉर्म के जरिए राज्य के सभी विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में ऑनलाइन पठन-पाठन को व्यवस्थित किया जाएगा. सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में कैसे कनेक्टिविटी पहुंचेगी इसकी भी योजना तैयार की जा रही है. ई-गवर्नेंस का काम पूरा होने के बाद सभी विश्वविद्यालय और कॉलेज अलग-अलग प्लेटफॉर्म तैयार करेंगे. परीक्षा फॉर्म भरने से लेकर नामांकन और क्लासेस भी ऑनलाइन विकल्प देने पर विचार हो रहा है.
विकास भारती के साथ एमओयू
इधर, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र और विकास भारती के बीच जनजातीय विषयों पर शोध को लेकर एक एमओयू साइन किया गया है. आरोग्य भवन परिसर में पद्मश्री अशोक भगत और संस्था के निदेशक के बीच एमओयू साइन किया गया है. बता दें कि जनजातीय शोध के क्षेत्र में विकास भारती देश भर में जाना जाता है और इसी के तहत इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र के साथ विकास भारती का एमओयू हुआ है. इस मौके पर रांची विश्वविद्यालय के कुलपति रमेश कुमार पांडे भी मौजूद थे.
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स्कूल खुलने के बाद अगली कक्षा में प्रमोट होंगे बच्चे
स्कूल खुलने के बाद बच्चों को अगले सेशन में प्रमोट करने को लेकर विचार विमर्श किया जा रहा है. जेसीईआरटी इसे लेकर प्रस्ताव भी तैयार कर रही है. कोरोना के कारण बंद पड़े स्कूलों में नए सत्र से पढ़ाई शुरू होगी. इसे लेकर भी स्कूली शिक्षा साक्षरता विभाग की ओर से तैयारियां की गई है. जानकारी यह भी मिल रही है कि मार्च से मई तक कक्षा का संचालन किया जा सकता है. इसके बाद वार्षिक मूल्यांकन होगा और गर्मी छुट्टी के बाद नया शैक्षणिक सत्र शुरू किए जाने की संभावना जताई जा रही है.