रांची: झारखंड के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स में लापरवाही का आलम आए दिन देखने को मिलता है. लेकिन अब तो लापरवाही की हद ही हो गई है. यहां गंदगी का यह आलम है कि रिम्स के तमाम वार्ड कॉकरोच घूमते नजर आ जाएंगे (Cockroach Walk On Patients Bed In RIMS). रिम्स के न्यूरो सर्जरी और सर्जरी विभाग में मरीज के बेड पर भी कॉकरोच रेंगते मिल जाएंगे. इससे इन वार्ड के मरीजों में संक्रमण फैलने का खतरा पैदा हो गया है.
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बता दें कि रिम्स में साफ-सफाई की व्यवस्था चरमरा गई है. यहां गंदगी का यह आलम है कि चूहे तो घूमा ही करते थे अब कॉकरोच भी वार्ड में घूमने लगे हैं. यहां इलाज के लिए आए मरीजों के परिजन बताते हैं कि रात भर उनको कॉकरोच भगाना पड़ता है. जमीन पर लेटे मरीज का तो हाल छोड़ दीजिए. जो मरीज बेड पर रहते हैं, उनके पास भी कॉकरोच पहुंच जाते हैं.
परिजनों का कहना है कि कॉकरोच का आतंक ऐसा है कि पल भर भी परिजन पलक नहीं झपका सकते. रात होते ही फर्श से लेकर बेड तक हर तरफ कॉकरोच घूमते नजर आते हैं. बड़ी संख्या में कॉकरोच के आतंक को देखकर परिजन चिंतित रहते हैं कि कहीं यह कॉकरोच अचेत पड़े मरीज के मुंह या नाक-कान में ना घुस जाएं. जबकि सर्जरी को लेकर चिकित्सकों की खास हिदायत होती है कि जब मरीज का ऑपरेशन होता है तो ऐसी परिस्थिति में आसपास साफ सफाई रखें. परिजनों ने बताया कि बेड के नीचे काकरोच घूमते रहते हैं. कई बार तकिया के नीचे या फिर चादर के अंदर कॉकरोच घुस जाते हैं. ऐसे में अचेत पड़े मरीज को उठाकर पूरा बेड साफ करना पड़ता है, जिससे कई तरह की परेशानियां होती हैं. डॉक्टर्स का कहना है कि कॉकरोच के संपर्क में आने से कई तरह के संक्रमण होने का खतरा रहता है. इसके कारण फेफड़े और एलर्जी से जुड़ी बीमारी फैल सकती है. इस संबंध में रिम्स के डिप्टी मेडिकल सुपरिंटेंडेंट डॉ. शैलेश त्रिपाठी की कहना है कि इसकी सूचना प्राप्त हुई है. न्यूरो वार्ड और विभिन्न विभागों में पेस्टिसाइड कंट्रोल कराया जाएगा. उन्होंने बताया कि हाउसकीपिंग डिपार्टमेंट को हिदायत दी गई है जहां भी कॉकरोच पाए जा रहे हैं वहां पर पेस्टिसाइड का छिड़काव करवाएं, जिससे मरीजों को किसी तरह की कोई परेशानी ना हो.