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सीएम हेमंत ने खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय को लिखा पत्र, 6 महीने तक फ्री खाद्यान्न उपलब्ध कराने का किया आग्रह

सूबे के सीएम हेमंत सोरेन ने केंद्रीय उपभोक्ता मामले खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय को पत्र लिखा है. पत्र में उन्होंने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना और आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत आगामी 6 माह तक की अवधि के लिए मुफ्त में खाद्यान्न और दाल उपलब्ध कराने के लिए आग्रह किया है.

cm hemant soren
सीएम हेमंत सोरेन
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Published : Jun 25, 2020, 10:38 PM IST

रांची: कोविड-19 संकट को देखते हुए प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना और आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत आगामी 6 माह तक की अवधि के लिए मुफ्त में खाद्यान्न और दाल उपलब्ध कराने के लिए केंद्रीय उपभोक्ता मामले खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने गुरुवार को पत्र लिखा है. इसमे उन्होंने कहा है कि झारखंड एक आदिवासी बहुल राज्य है, जहां इस संकट की घड़ी में गरीब असहाय और रोजमर्रा की जिंदगी जीने वाले व्यक्तियों के सामने खाद्यान्न उपलब्ध कराना एक चुनौती है. ऐसे में इनके लिए मुफ्त में अनाज उपलब्ध कराना जरूरी है.

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उन्होंने कहा है कि राज्य में प्रवासी मजदूरों के आने से यह चुनौती और बढ़ गई है. लॉकडाउन की वजह से ग्रामीण अर्थव्यवस्था में अवरोध अभी तक पूरी तरह समाप्त नहीं हो सका है. राज्य सरकार अपनी ओर से हर संभव प्रयास कर रही है कि राज्य में कोविड-19 के संक्रमण और प्रकोप को न्यूनतम किया जाए और राज्यवासियों को इस विषम परिस्थितियों में अधिक से अधिक राहत उपलब्ध कराई जा सके. उन्होंने पत्र में यह भी कहा है कि केंद्र सरकार द्वारा प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत राष्ट्रीय खाद सुरक्षा अधिनियम के लाभुकों को अप्रैल से जून की अवधि के लिए मुफ्त में खाद्यान्न और अनाज उपलब्ध कराया जा चुका है. साथ ही आत्मनिर्भर भारत के तहत प्रवासी मजदूरों और राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम से मिलने वाले लाभुकों के लिए भी मई और जून के लिए मुफ्त में खाद्यान्न और चना उपलब्ध कराया गया है.

रांची: कोविड-19 संकट को देखते हुए प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना और आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत आगामी 6 माह तक की अवधि के लिए मुफ्त में खाद्यान्न और दाल उपलब्ध कराने के लिए केंद्रीय उपभोक्ता मामले खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने गुरुवार को पत्र लिखा है. इसमे उन्होंने कहा है कि झारखंड एक आदिवासी बहुल राज्य है, जहां इस संकट की घड़ी में गरीब असहाय और रोजमर्रा की जिंदगी जीने वाले व्यक्तियों के सामने खाद्यान्न उपलब्ध कराना एक चुनौती है. ऐसे में इनके लिए मुफ्त में अनाज उपलब्ध कराना जरूरी है.

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उन्होंने कहा है कि राज्य में प्रवासी मजदूरों के आने से यह चुनौती और बढ़ गई है. लॉकडाउन की वजह से ग्रामीण अर्थव्यवस्था में अवरोध अभी तक पूरी तरह समाप्त नहीं हो सका है. राज्य सरकार अपनी ओर से हर संभव प्रयास कर रही है कि राज्य में कोविड-19 के संक्रमण और प्रकोप को न्यूनतम किया जाए और राज्यवासियों को इस विषम परिस्थितियों में अधिक से अधिक राहत उपलब्ध कराई जा सके. उन्होंने पत्र में यह भी कहा है कि केंद्र सरकार द्वारा प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत राष्ट्रीय खाद सुरक्षा अधिनियम के लाभुकों को अप्रैल से जून की अवधि के लिए मुफ्त में खाद्यान्न और अनाज उपलब्ध कराया जा चुका है. साथ ही आत्मनिर्भर भारत के तहत प्रवासी मजदूरों और राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम से मिलने वाले लाभुकों के लिए भी मई और जून के लिए मुफ्त में खाद्यान्न और चना उपलब्ध कराया गया है.

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