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राज्य में सरना धर्म कोड की मांग हुई तेज, सीएम हेमंत सोरेन ने पीएम नरेंद्र मोदी को लिखा पत्र - demand for Sarna Dharma Code

झारखंड में सरना धर्म कोर्ड की मांग काफी पहले से चल रही है. इसे लेकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी गंभीर दिख रहे हैं. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर (CM Hemant Soren wrote letter to Prime Minister) इसे लागू करने का आग्रह किया है.

Jharkhand News
सीएम हेमंत सोरेन ने पीएम नरेंद्र मोदी को लिखा पत्र
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Sep 27, 2023, 12:53 PM IST

Updated : Sep 29, 2023, 2:27 PM IST

रांची: सरना धर्म कोड की मांग एक बार फिर तेज हो गई है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर सरना धर्म कोड को लागू करने का आग्रह किया है. पत्र में मुख्यमंत्री ने राज्य में आदिवासियों की जनसंख्या में हो रही कमी पर चिंता जताी है. कहा कि आदिवासियों का प्रतिशत 38 से घटकर अब 26 रह गया है.

ये भी पढ़ें: पूर्व सांसद सलखान मुर्मू ने की सरना धर्म कोर्ड की मांग, 15 जून को भारत बंद का आह्वान

आदिवासियों की संस्कृति को होगा संरक्षण: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि आदिवासियों की संख्या में कमी होने से संविधान की पांचवीं एवं छठी अनुसूची के अंतर्गत आदिवासी विकास की नीतियों में प्रतिकूल प्रभाव पड़ना स्वाभाविक है. ऐसे में हिंदू, मुस्लिम, सिख, इसाई, जैन धर्मावलंबियों से अलग सरना अथवा प्रकृति पूजक आदिवासियों की पहचान के लिए तथा उनके संवैधानिक अधिकारों के संरक्षण के लिए अलग आदिवासी सरना कोड अति आवश्यक है. अगर यह कोड मिल जाता है तो उनकी जनसंख्या का स्पष्ट आंकलन हो सकेगा एवं आदिवासियों की भाषा, संस्कृति, इतिहास का संरक्षण और संवर्धन हो पाएगा. मुख्यमंत्री ने अपने पत्र में 1951 की जनगणना का हवाला देते हुए कहा है कि इनके लिए उस समय अलग कोड की व्यवस्था थी परंतु कतिपय कारणों से बाद के दशकों में यह व्यवस्था समाप्त कर दी गई.

केंद्र को भेजा गया है प्रस्ताव: आदिवासियों के सरना धर्म कोड को लेकर हेमंत सरकार ने नवंबर 2020 में झारखंड विधानसभा का विशेष सत्र बुलाकर इसे पास कराकर केंद्र को भेजा था. करीब तीन वर्ष बीत जाने के बाद भी केंद्र द्वारा इस पर कोई सुधि नहीं लिए जाने के बाद एक बार फिर राज्य सरकार इस बहाने केंद्र पर दबाव बनाने में जुट गई है. पीएम को लिखे अपने पत्र में मुख्यमंत्री ने कहा है कि मुझे आदिवासी होने पर गर्व है और एक आदिवासी मुख्यमंत्री होने के नाते मैं न सिर्फ झारखंड बल्कि पूरे देश के आदिवासियों के हित में आपसे आग्रह करता हूं कि सरना धर्म कोड की मांग को यथाशीघ्र पूरा किया जाए.

रांची: सरना धर्म कोड की मांग एक बार फिर तेज हो गई है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर सरना धर्म कोड को लागू करने का आग्रह किया है. पत्र में मुख्यमंत्री ने राज्य में आदिवासियों की जनसंख्या में हो रही कमी पर चिंता जताी है. कहा कि आदिवासियों का प्रतिशत 38 से घटकर अब 26 रह गया है.

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आदिवासियों की संस्कृति को होगा संरक्षण: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि आदिवासियों की संख्या में कमी होने से संविधान की पांचवीं एवं छठी अनुसूची के अंतर्गत आदिवासी विकास की नीतियों में प्रतिकूल प्रभाव पड़ना स्वाभाविक है. ऐसे में हिंदू, मुस्लिम, सिख, इसाई, जैन धर्मावलंबियों से अलग सरना अथवा प्रकृति पूजक आदिवासियों की पहचान के लिए तथा उनके संवैधानिक अधिकारों के संरक्षण के लिए अलग आदिवासी सरना कोड अति आवश्यक है. अगर यह कोड मिल जाता है तो उनकी जनसंख्या का स्पष्ट आंकलन हो सकेगा एवं आदिवासियों की भाषा, संस्कृति, इतिहास का संरक्षण और संवर्धन हो पाएगा. मुख्यमंत्री ने अपने पत्र में 1951 की जनगणना का हवाला देते हुए कहा है कि इनके लिए उस समय अलग कोड की व्यवस्था थी परंतु कतिपय कारणों से बाद के दशकों में यह व्यवस्था समाप्त कर दी गई.

केंद्र को भेजा गया है प्रस्ताव: आदिवासियों के सरना धर्म कोड को लेकर हेमंत सरकार ने नवंबर 2020 में झारखंड विधानसभा का विशेष सत्र बुलाकर इसे पास कराकर केंद्र को भेजा था. करीब तीन वर्ष बीत जाने के बाद भी केंद्र द्वारा इस पर कोई सुधि नहीं लिए जाने के बाद एक बार फिर राज्य सरकार इस बहाने केंद्र पर दबाव बनाने में जुट गई है. पीएम को लिखे अपने पत्र में मुख्यमंत्री ने कहा है कि मुझे आदिवासी होने पर गर्व है और एक आदिवासी मुख्यमंत्री होने के नाते मैं न सिर्फ झारखंड बल्कि पूरे देश के आदिवासियों के हित में आपसे आग्रह करता हूं कि सरना धर्म कोड की मांग को यथाशीघ्र पूरा किया जाए.

Last Updated : Sep 29, 2023, 2:27 PM IST
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