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पूछताछ से पहले सीएम हेमंत सोरेन ने ईडी को लिखा पत्र, अवैध खनन मामले में 12 बिंदुओं में दिया जवाब

सीएम हेमंत सोरेन से ईडी पूछताछ कर रही है. इससे पहले उन्होंने ईडी के असिस्टेंट डायरेक्टर को पत्र लिखकर इस मामले में कुल 12 बिंदुओं में अपना पक्ष रखा है (CM Hemant Soren wrote letter to ED ).

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Published : Nov 17, 2022, 7:39 PM IST

रांची: साहिबगंज जिले में अवैध खनन और ट्रांसपोटिंग के जरिए एक हजार करोड़ रुपए से अधिक की मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से पूछताछ कर रही है. इसके पहले सोरेन ने गुरुवार को ही ईडी के असिस्टेंट डायरेक्टर देवव्रत झा को पत्र लिखकर इस मामले में कुल 12 बिंदुओं में अपना पक्ष रखा (CM Hemant Soren wrote letter to ED ). पत्र में उन्होंने उनकी सरकार के अब तक के कार्यकाल में साहिबगंज जिले में अवैध खनन से 1000 करोड़ से अधिक के राजस्व नुकसान के ईडी के स्टेटमेंट को पूरी तरह खारिज कर दिया. सीएम हेमंत सोरेन ने ईडी को ऐसे सनसनीखेज और गैर जिम्मेदार बयान से परहेज करने को कहा है, क्योंकि इससे पूरे झारखंड की छवि खराब होती है.

ये भी पढ़ें: अवैध खनन मामलाः ई़डी दफ्तर में हेमंत सोरेन, ED के सवाल सीएम के जवाब

सोरेन ने ईडी के असिस्टेंट डायरेक्टर को लिखे पत्र में कहा है कि उन्हें अपेक्षा है कि ईडी किसी हिडेन एजेंडा और मोटिव के बगैर निष्पक्ष रूप से जांच करेगी. सीएम ने लिखा है कि उन्होंने संविधान को अक्षुण्ण रखने की शपथ ली है और देश के ईमानदार नागरिक के तौर पर अपनी जिम्मेदारियों के निर्वाह और कानून की मान्यता रखने के लिए ईडी के समन का अनुपालन करते हुए उपस्थित हो रहे हैं.

पत्र में मुख्यमंत्री ने कहा है कि प्राकृतिक संपदा से परिपूर्ण प्रत्येक राज्य अवैध खनन के अभिशाप से ग्रसित है और झारखंड इससे अछूता नहीं है. झारखंड राज्य से अवैध खनन को समाप्त करने के लिए वे कृतसंकल्प हैं और इस दिशा में किसी भी एजेंसी के ईमानदार प्रयास का स्वागत करते हैं. 29 दिसंबर 2019 को उनकी सरकार बनने के बाद पत्थर खनन से प्राप्त होने वाली रॉयल्टी में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है. पिछले 2 सालों में कोरोना के कारण खनन कार्य प्रभावित होने के बावजूद रॉयल्टी बढ़ी है. वर्ष 2019-20 में इससे राज्य को 270 करोड़ रुपए की रॉयल्टी मिली थी, जो 2021-22 में बढ़कर 360 करोड़ रुपए हो गई. पत्थर खनन से राज्य को मिलने वाली रॉयल्टी का लगभग 20 प्रतिशत रॉयल्टी साहिबगंज से आता है, लेकिन ईडी के स्टेटमेंट से ऐसा लगता है कि केवल साहिबगंज में एक हजार करोड़ रुपए का अवैध खनन स्कैम हुआ है. ऐसा स्टेटमेंट तथ्यों और आंकड़ों के विपरीत है.

खनन विभाग के आंकड़ों का हवाला देते हुए सीएम ने कहा है कि पिछले 2 सालों में पूरे झारखंड राज्य में लगभग 9 करोड़ मीट्रिक टन पत्थर का खनन हुआ है. इसमें साहिबगंज जिले की हिस्सेदारी 20 प्रतिशत है. इस जिले में दो साल में एक हजार करोड़ रुपए की रॉयल्टी का नुकसान तब हो सकता है, जब करीब 8 करोड़ मीट्रिक टन पत्थर का अवैध खनन साहिबगंज जिले में हुआ हो. यह मात्रा उस जिले में हुए वैध खनन का चारगुणा है. अगर इतनी मात्रा में पत्थरों की अवैध माइनिंग हो तो उसकी ट्रांसपोटिर्ंग के लिए 20 हजार से अधिक रेलवे रैक या 33 लाख से अधिक ट्रक की जरूरत होगी. चूंकि रेलवे बगैर चालान के लोडिंग की अनुमति नहीं देता है, इसलिए यह संभव नहीं है. उन्होंने ईडी से कहा है कि आपने एक भी रेलवे रैक बगैर चालान के नहीं पाया है और न ही इस मामले में रेलवे के किसी अफसर पर कार्रवाई की है.

हेमंत सोरेन के पत्र के मुताबिक ईडी ने पिछले दो वर्षों के दौरान साहिबगंज में अवैध रूप से निकाले गए पत्थरों की ट्रांसपोटिंग के लिए रेलवे के 6500 रैक का उपयोग किया गया है. अगर इतनी संख्या में रेलवे रैक के जरिए अवैध पत्थरों की ट्रांसपोटिंग हो तो भी यह संभव नहीं है कि 8 करोड़ मीट्रिक टन पत्थर साहिबगंज से दूसरी जगह ले जाए जा सकें. इतनी बड़ी मात्रा में पत्थरों की ट्रांसपोटिंग अगर ट्रकों के जरिए की जाए तो इस काम में हर रोज 4500 ट्रकों को लगाने की जरूरत होगी, जबकि पूरे साहिबगंज जिले में मात्र 800 ट्रक ही निबंधित और चालू स्थिति में हैं.

सीएम हेमंत सोरेन ने इसी तरह कई आंकड़ों का जिक्र करते हुए दावा किया है कि रेलवे, ट्रक, जहाज के जरिए भी दो साल में इतनी बड़ी मात्रा में पत्थरों की ट्रांसपोटिंग नहीं हो सकती, जिससे राज्य को 1000 करोड़ रुपए की रॉयल्टी का नुकसान हो. उन्होंने बताया है कि पत्थरों की माइनिंग के एवज में राज्य को सभी जिलों से दो साल में 750 करोड़ रुपए की रॉयल्टी मिली है, जबकि इसके विपरीत ईडी ने तथ्यों और आंकड़ों का सत्यापन किए बगैर एक हजार करोड़ के अवैध खनन का स्टेटमेंट जारी किया है. ऐसा सनसनीखेज स्टेटमेंट ईडी को शोभा नहीं देता.

हेमंत सोरेन ने इस पत्र में कहा है कि राज्य के प्रमुख विपक्षी दल भाजपा ने उन्हें फंसाने के लिए झामुमो के निष्कासित कोषाध्यक्ष रवि केजरीवाल से उनके खिलाफ बयान दिलवाया है. रवि केजरीवाल को 2020 में ही झामुमो से निष्कासित कर दिया था और उसके खिलाफ पार्टी की ओर से एफआईआर भी दर्ज कराई गई थी. इसी वजह से वह मेरा जानी दुश्मन बन चुका है. सोरेन ने कहा है कि उन्हें आश्चर्य नहीं होगा कि उनसे व्यक्तिगत प्रतिशोध लेने के लिए रवि केजरीवाल ने उनपर गलत आरोप लगाए.

--आईएएनएस

रांची: साहिबगंज जिले में अवैध खनन और ट्रांसपोटिंग के जरिए एक हजार करोड़ रुपए से अधिक की मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से पूछताछ कर रही है. इसके पहले सोरेन ने गुरुवार को ही ईडी के असिस्टेंट डायरेक्टर देवव्रत झा को पत्र लिखकर इस मामले में कुल 12 बिंदुओं में अपना पक्ष रखा (CM Hemant Soren wrote letter to ED ). पत्र में उन्होंने उनकी सरकार के अब तक के कार्यकाल में साहिबगंज जिले में अवैध खनन से 1000 करोड़ से अधिक के राजस्व नुकसान के ईडी के स्टेटमेंट को पूरी तरह खारिज कर दिया. सीएम हेमंत सोरेन ने ईडी को ऐसे सनसनीखेज और गैर जिम्मेदार बयान से परहेज करने को कहा है, क्योंकि इससे पूरे झारखंड की छवि खराब होती है.

ये भी पढ़ें: अवैध खनन मामलाः ई़डी दफ्तर में हेमंत सोरेन, ED के सवाल सीएम के जवाब

सोरेन ने ईडी के असिस्टेंट डायरेक्टर को लिखे पत्र में कहा है कि उन्हें अपेक्षा है कि ईडी किसी हिडेन एजेंडा और मोटिव के बगैर निष्पक्ष रूप से जांच करेगी. सीएम ने लिखा है कि उन्होंने संविधान को अक्षुण्ण रखने की शपथ ली है और देश के ईमानदार नागरिक के तौर पर अपनी जिम्मेदारियों के निर्वाह और कानून की मान्यता रखने के लिए ईडी के समन का अनुपालन करते हुए उपस्थित हो रहे हैं.

पत्र में मुख्यमंत्री ने कहा है कि प्राकृतिक संपदा से परिपूर्ण प्रत्येक राज्य अवैध खनन के अभिशाप से ग्रसित है और झारखंड इससे अछूता नहीं है. झारखंड राज्य से अवैध खनन को समाप्त करने के लिए वे कृतसंकल्प हैं और इस दिशा में किसी भी एजेंसी के ईमानदार प्रयास का स्वागत करते हैं. 29 दिसंबर 2019 को उनकी सरकार बनने के बाद पत्थर खनन से प्राप्त होने वाली रॉयल्टी में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है. पिछले 2 सालों में कोरोना के कारण खनन कार्य प्रभावित होने के बावजूद रॉयल्टी बढ़ी है. वर्ष 2019-20 में इससे राज्य को 270 करोड़ रुपए की रॉयल्टी मिली थी, जो 2021-22 में बढ़कर 360 करोड़ रुपए हो गई. पत्थर खनन से राज्य को मिलने वाली रॉयल्टी का लगभग 20 प्रतिशत रॉयल्टी साहिबगंज से आता है, लेकिन ईडी के स्टेटमेंट से ऐसा लगता है कि केवल साहिबगंज में एक हजार करोड़ रुपए का अवैध खनन स्कैम हुआ है. ऐसा स्टेटमेंट तथ्यों और आंकड़ों के विपरीत है.

खनन विभाग के आंकड़ों का हवाला देते हुए सीएम ने कहा है कि पिछले 2 सालों में पूरे झारखंड राज्य में लगभग 9 करोड़ मीट्रिक टन पत्थर का खनन हुआ है. इसमें साहिबगंज जिले की हिस्सेदारी 20 प्रतिशत है. इस जिले में दो साल में एक हजार करोड़ रुपए की रॉयल्टी का नुकसान तब हो सकता है, जब करीब 8 करोड़ मीट्रिक टन पत्थर का अवैध खनन साहिबगंज जिले में हुआ हो. यह मात्रा उस जिले में हुए वैध खनन का चारगुणा है. अगर इतनी मात्रा में पत्थरों की अवैध माइनिंग हो तो उसकी ट्रांसपोटिर्ंग के लिए 20 हजार से अधिक रेलवे रैक या 33 लाख से अधिक ट्रक की जरूरत होगी. चूंकि रेलवे बगैर चालान के लोडिंग की अनुमति नहीं देता है, इसलिए यह संभव नहीं है. उन्होंने ईडी से कहा है कि आपने एक भी रेलवे रैक बगैर चालान के नहीं पाया है और न ही इस मामले में रेलवे के किसी अफसर पर कार्रवाई की है.

हेमंत सोरेन के पत्र के मुताबिक ईडी ने पिछले दो वर्षों के दौरान साहिबगंज में अवैध रूप से निकाले गए पत्थरों की ट्रांसपोटिंग के लिए रेलवे के 6500 रैक का उपयोग किया गया है. अगर इतनी संख्या में रेलवे रैक के जरिए अवैध पत्थरों की ट्रांसपोटिंग हो तो भी यह संभव नहीं है कि 8 करोड़ मीट्रिक टन पत्थर साहिबगंज से दूसरी जगह ले जाए जा सकें. इतनी बड़ी मात्रा में पत्थरों की ट्रांसपोटिंग अगर ट्रकों के जरिए की जाए तो इस काम में हर रोज 4500 ट्रकों को लगाने की जरूरत होगी, जबकि पूरे साहिबगंज जिले में मात्र 800 ट्रक ही निबंधित और चालू स्थिति में हैं.

सीएम हेमंत सोरेन ने इसी तरह कई आंकड़ों का जिक्र करते हुए दावा किया है कि रेलवे, ट्रक, जहाज के जरिए भी दो साल में इतनी बड़ी मात्रा में पत्थरों की ट्रांसपोटिंग नहीं हो सकती, जिससे राज्य को 1000 करोड़ रुपए की रॉयल्टी का नुकसान हो. उन्होंने बताया है कि पत्थरों की माइनिंग के एवज में राज्य को सभी जिलों से दो साल में 750 करोड़ रुपए की रॉयल्टी मिली है, जबकि इसके विपरीत ईडी ने तथ्यों और आंकड़ों का सत्यापन किए बगैर एक हजार करोड़ के अवैध खनन का स्टेटमेंट जारी किया है. ऐसा सनसनीखेज स्टेटमेंट ईडी को शोभा नहीं देता.

हेमंत सोरेन ने इस पत्र में कहा है कि राज्य के प्रमुख विपक्षी दल भाजपा ने उन्हें फंसाने के लिए झामुमो के निष्कासित कोषाध्यक्ष रवि केजरीवाल से उनके खिलाफ बयान दिलवाया है. रवि केजरीवाल को 2020 में ही झामुमो से निष्कासित कर दिया था और उसके खिलाफ पार्टी की ओर से एफआईआर भी दर्ज कराई गई थी. इसी वजह से वह मेरा जानी दुश्मन बन चुका है. सोरेन ने कहा है कि उन्हें आश्चर्य नहीं होगा कि उनसे व्यक्तिगत प्रतिशोध लेने के लिए रवि केजरीवाल ने उनपर गलत आरोप लगाए.

--आईएएनएस

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