रांची: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को पत्र लिखकर लॉक डाउन से मनरेगा योजना में रोजगार न पाने वाले मजदूरों को बेरोजगारी भत्ता देने की मांग की है. सोमवार को केंद्रीय ग्रामीण विकास और पंचायती राज विभाग के मंत्री तोमर को लिखे पत्र में उन्होंने कहा कि राज्य में 22 मार्च से लेकर 31 मार्च तक लॉक डाउन किया गया है. एक तरफ इस महामारी के फैलाव को रोकने के लिए और इसे स्टेज थ्री में जाने से रोकने के लिए जहां सोशल डिस्टेंसिंग और लॉक डाउन जरूरी है. वहीं दूसरी तरफ राज्य के ग्रामीण क्षेत्र में गरीब परिवारों की रोजी-रोटी की चिंता भी सरकार का मुख्य फोकस है.
मजदूरी मद से भत्ता देने की अपील
सीएम हेमंत सोरेन ने अपने पत्र में कहा है कि मनरेगा के तहत मजदूरों को ससमय रोजगार न दे पाने की स्थिति में उन्हें बेरोजगारी भत्ता दिए जाने का प्रावधान है. उन्होंने कहा कि यह राशि प्रावधान के अनुसार प्रथम 30 दिन में देय दैनिक मजदूरी का एक चौथाई और 30 दिनों से अधिक होने पर दैनिक मजदूरी का आधा राशि बेरोजगारी भत्ता के रूप में मजदूरों को देय है. यह राशि अंतत: ससमय रोजगार उपलब्ध न कराने वाले पदाधिकारी या कर्मचारी के वेतन से वसूल की जाती है.
ये भी पढ़ें- मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा- मेडिकल इमरजेंसी का है समय, घरों से अनावश्यक बाहर न निकलें
मजदूरों के खाते में उपलब्ध कराई जाए राशि
हालांकि सीएम सोरेन ने कहा कि लॉक डाउन के कारण उत्पन्न स्थिति में उनका यह सुझाव होगा कि बेरोजगारी भत्ता के राशि केंद्र सरकार की तरफ से मजदूरी मद की राशि से मजदूरों के खाते में सीधे उपलब्ध कराई जाए. मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र के इस निर्णय से बड़े पैमाने पर ग्रामीण क्षेत्र की गरीब परिवारों को इस एकता के समय मदद मिलेगी.