ETV Bharat / state

ऑफिस ऑफ प्रॉफिट मामला: सीएम हेमंत सोरेन के जवाब की कॉपी चुनाव आयोग में सबमिट, 20 मई तक का मिला था समय - रांची की खबर

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने ऑफिस ऑफ प्रॉफिट मामले में चुनाव आयोग की नोटिस का जवाब दे दिया है. जिसे दिल्ली स्थित चुनाव आयोग के दफ्तर में उनका जवाब सबमिट किया गया.

office-of-profit-case
चुनाव आयोग
author img

By

Published : May 20, 2022, 8:08 AM IST

Updated : May 20, 2022, 2:10 PM IST

रांची: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की तरफ से ऑफिस ऑफ प्रॉफिट मामले में आज चुनाव आयोग की नोटिस का जवाब दिया गया. ईटीवी भारत को मिली जानकारी के मुताबिक विशेष मैसेंजर के जरिए जवाब की कॉपी भेजी गयी, जिसे आज दिल्ली स्थित आयोग के दफ्तर में सबमिट किया गया. आपको बता दें कि ऑफिस ऑफ प्रॉफिट मामले में मुख्यमंत्री को 10 मई तक जवाब देना था लेकिन उन्होंने अपनी माताजी की बीमारी का हवाला देते हुए अतिरिक्त समय की मांग की थी. उसी आधार पर चुनाव आयोग ने 20 मई तक का समय दिया था.

ये भी पढ़ें:- हेमंत सोरेन माइनिंग लीज मामला पहुंचा सुप्रीम कोर्ट, आज होगी सुनवाई

क्या है पूरा मामला: आपको बता दें की पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने 10 फरवरी को इस मामले को उठाया था. उन्होंने सीएम पर पद का दुरुपयोग करते हुए रांची के अनगड़ा में अपने नाम से पत्थर खदान आवंटित करने का आरोप लगाया था. 11 फरवरी को रघुवर दास और बाबूलाल मरांडी के नेतृत्व में भाजपा के प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल से शिकायत की थी कि पूरा मामला ऑफिस ऑफ प्रॉफिट के दायरे में आता है. इसलिए मुख्यमंत्री की विधानसभा सदस्यता रद्द कर दी जानी चाहिए. इस शिकायत को राजभवन ने चुनाव आयोग को फॉरवर्ड कर दिया था. तब से यह मामला झारखंड की राजनीति में गरमाया हुआ है.

रांची: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की तरफ से ऑफिस ऑफ प्रॉफिट मामले में आज चुनाव आयोग की नोटिस का जवाब दिया गया. ईटीवी भारत को मिली जानकारी के मुताबिक विशेष मैसेंजर के जरिए जवाब की कॉपी भेजी गयी, जिसे आज दिल्ली स्थित आयोग के दफ्तर में सबमिट किया गया. आपको बता दें कि ऑफिस ऑफ प्रॉफिट मामले में मुख्यमंत्री को 10 मई तक जवाब देना था लेकिन उन्होंने अपनी माताजी की बीमारी का हवाला देते हुए अतिरिक्त समय की मांग की थी. उसी आधार पर चुनाव आयोग ने 20 मई तक का समय दिया था.

ये भी पढ़ें:- हेमंत सोरेन माइनिंग लीज मामला पहुंचा सुप्रीम कोर्ट, आज होगी सुनवाई

क्या है पूरा मामला: आपको बता दें की पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने 10 फरवरी को इस मामले को उठाया था. उन्होंने सीएम पर पद का दुरुपयोग करते हुए रांची के अनगड़ा में अपने नाम से पत्थर खदान आवंटित करने का आरोप लगाया था. 11 फरवरी को रघुवर दास और बाबूलाल मरांडी के नेतृत्व में भाजपा के प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल से शिकायत की थी कि पूरा मामला ऑफिस ऑफ प्रॉफिट के दायरे में आता है. इसलिए मुख्यमंत्री की विधानसभा सदस्यता रद्द कर दी जानी चाहिए. इस शिकायत को राजभवन ने चुनाव आयोग को फॉरवर्ड कर दिया था. तब से यह मामला झारखंड की राजनीति में गरमाया हुआ है.

Last Updated : May 20, 2022, 2:10 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.