रांचीः दूसरे राज्यों में फंसे मजदूरों और छात्रों के लिए गृह मंत्रालय की ओर से जारी किए गए गाइडलाइन का मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने स्वागत किया है. उन्होंने बुधवार को इस मसले पर कहा है कि केंद्र सरकार के दिशा-निर्देश राज्य सरकार को प्राप्त हुए हैं. इसके लिए उन्होंने प्रधानमंत्री को धन्यवाद दिया है.
प्रवासी मजदूरों और छात्रों को वापस लाने के मामले पर सीएम हेमंत सोरेन ने कहा है कि जो दिशा-निर्देश आया है, उसमें कई शर्ते हैं. इस पर नियम कायदे बनाए जाएंगे और केंद्र से भी सहयोग मांगा जाएगा क्योंकि देश के विभिन्न क्षेत्रों में जितने प्रवासी मजदूर और छात्र फंसे हुए हैं. उन्हें सिर्फ राज्य सरकार लाने में सक्षम नहीं है. उन्होंने कहा कि सीमित संसाधन का उपयोग करके राज्य सरकार उन्हें लाने का प्रयास करेगा, तो 6 महीने बीत जाएंगे. इसलिए उन्हें लाने के लिए आगे कैसे कार्य किया जाएगा इस पर रणनीति बनाई जाएगी. उन्होंने कहा कि इसके लिए पदाधिकारियों को नियुक्त कर दिया गया और इस पर वर्क प्लान तैयार करने को कहा गया है. उन्होंने कहा कि कई परिजनों ने अपने बच्चों को दूसरे राज्यों से लाने के लिए परमिशन मांगा था. ऐसे में उन अभिभावकों को अपने बच्चों को लाने की प्रक्रिया पर भी विचार किया जाएगा. वहीं प्रवासी मजदूरों के आंकड़े को लेकर उन्होंने कहा कि अभी यह स्पष्ट नहीं है लेकिन पांच लाख से ज्यादा प्रवासी मजदूर बाहर फंसे हुए हैं और उनकी जानकारी इकट्ठा की जा रही है कि वह कहां-कंहा फंसे हुए हैं. वहीं उनके वापस आने पर कई चुनौतियां भी राज्य सरकार को उठानी पड़ सकती है. इसको लेकर उन्होंने कहा कि इससे निपटने के लिए रणनीति तैयार की जाएगी.CM हेमंत ने प्रवासियों को वापस लाने के फैसले पर प्रधानमंत्री को दिया धन्यवाद, फैसले का किया स्वागत
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने दूसरे राज्यों में फंसे मजदूरों और छात्रों के लिए गृह मंत्रालय की ओर से जारी किए गए गाइडलाइन का स्वागत किया है. उन्होंने प्रधानमंत्री का धन्यवाद दिया है.
हेमंत सोरेन
रांचीः दूसरे राज्यों में फंसे मजदूरों और छात्रों के लिए गृह मंत्रालय की ओर से जारी किए गए गाइडलाइन का मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने स्वागत किया है. उन्होंने बुधवार को इस मसले पर कहा है कि केंद्र सरकार के दिशा-निर्देश राज्य सरकार को प्राप्त हुए हैं. इसके लिए उन्होंने प्रधानमंत्री को धन्यवाद दिया है.
प्रवासी मजदूरों और छात्रों को वापस लाने के मामले पर सीएम हेमंत सोरेन ने कहा है कि जो दिशा-निर्देश आया है, उसमें कई शर्ते हैं. इस पर नियम कायदे बनाए जाएंगे और केंद्र से भी सहयोग मांगा जाएगा क्योंकि देश के विभिन्न क्षेत्रों में जितने प्रवासी मजदूर और छात्र फंसे हुए हैं. उन्हें सिर्फ राज्य सरकार लाने में सक्षम नहीं है. उन्होंने कहा कि सीमित संसाधन का उपयोग करके राज्य सरकार उन्हें लाने का प्रयास करेगा, तो 6 महीने बीत जाएंगे. इसलिए उन्हें लाने के लिए आगे कैसे कार्य किया जाएगा इस पर रणनीति बनाई जाएगी. उन्होंने कहा कि इसके लिए पदाधिकारियों को नियुक्त कर दिया गया और इस पर वर्क प्लान तैयार करने को कहा गया है. उन्होंने कहा कि कई परिजनों ने अपने बच्चों को दूसरे राज्यों से लाने के लिए परमिशन मांगा था. ऐसे में उन अभिभावकों को अपने बच्चों को लाने की प्रक्रिया पर भी विचार किया जाएगा. वहीं प्रवासी मजदूरों के आंकड़े को लेकर उन्होंने कहा कि अभी यह स्पष्ट नहीं है लेकिन पांच लाख से ज्यादा प्रवासी मजदूर बाहर फंसे हुए हैं और उनकी जानकारी इकट्ठा की जा रही है कि वह कहां-कंहा फंसे हुए हैं. वहीं उनके वापस आने पर कई चुनौतियां भी राज्य सरकार को उठानी पड़ सकती है. इसको लेकर उन्होंने कहा कि इससे निपटने के लिए रणनीति तैयार की जाएगी.
Last Updated : May 23, 2020, 5:20 PM IST