रांचीः झारखंड मंत्रालय में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन राज्य की कानून व्यवस्था को लेकर समीक्षा बैठक (review meeting on law and order) कर रहे हैं. कोविड संक्रमण के बाद यह पहली बार हो रहा है, जब मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन सभी जिलों के पुलिस अधीक्षकों के साथ आमने-सामने बैठकर विधि व्यवस्था की समीक्षा बैठक (CM Hemant Soren review meeting) कर रहे हैं. मिली जानकारी के अनुसार मीटिंग में हाल के दिनों में नक्सल फ्रंट पर पुलिस को मिली कामयाबी को सीएम ने ऐतिहासिक बताया है. दूसरी तरफ राज्य के दूसरे जिलों में महिलाओं को लेकर हुए मामले को लेकर सीएम ने चिंता जताई (law and order situation of Jharkhand) है.
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मुख्यमंत्री की समीक्षा बैठक देर शाम तक चलने की उम्मीद है. मीटिंग खत्म होने के बाद ही पूरे मामले की जानकारी हासिल हो पाएगी. इस बैठक में झारखंड के डीजीपी नीरज सिन्हा, सभी एडीजी, आईजी, डीआईजी के साथ-साथ राज्य के सभी जिलों के पुलिस अधीक्षक भी शामिल हैं.
मुख्यमंत्री की समीक्षा के पहले गृह सचिव राजीव अरूण एक्का और डीजीपी नीरज सिन्हा सभी जिलों के एसपी के साथ वीसी के जरिये तैयारियों का जायजा ले चुके हैं. सभी जिलों के एसपी को यह निर्देश दिया गया है कि वे अपने अपने जिलों के डाटा पूरी तरह से कंप्लीट कर बैठक में शामिल हों. ऐसा ना हो कि सीएम किसी मामले की जानकारी लेना चाहे और उस बात की जानकारी देने में पुलिस अधीक्षकों को कठिनाई का सामना करना पड़े.
संसाधनों को लेकर भी चर्चा के आसारः झारखंड पुलिस के द्वारा नक्सल अभियान में लगातार सफलताएं अर्जित की गई हैं. लेकिन दूसरे कई मोर्चों पर पुलिस फेल नजर आती है. फेल होने के पीछे संसाधनों की कमी को भी कारण बताया जाता है. ऐसे में मुख्यमंत्री के मीटिंग में सभी जिलों के एसपी अपने-अपने जिलों में मिले संसाधन को लेकर भी चर्चा कर सकते हैं. राजधानी रांची सहित आज भी कई जिलों में थानों की स्थिति बेहद बदतर है, न ही थानों के पास वाहन हैं और ना ही उनका थानाभवन बेहतर स्थिति में है. इन सभी मामलों को लेकर गृह सचिव और डीजीपी के द्वारा भी मुख्यमंत्री के सामने बातें रखी जाएंगी.
सीएम हैं रेसः गौरतलब है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन लगातार विभागीय समीक्षा में जुटे हुए हैं. अब पुलिस विभाग की बारी है. हाल के दिनों में सीएम जिस तरह से मामलों को लेकर रेस हैं, उसे देखते हुए पुलिस के साथ होने वाली बैठक बेहद महत्वपूर्ण बताई जा रही है. चुकि काफी दिनों बाद सभी जिलों के एसपी सीएम के सामने फिजिकल रूप से उपस्थित रहेंगे ऐसे में उन्हें सीएम के सवालों का जवाब उनके सामने ही देना होगा.