रांची: राष्ट्रीय सिविल सर्विसेज डे के मौके पर शुक्रवार (21अप्रैल) को झारखंड मंत्रालय में कार्यक्रम आयोजित किया गया. जिसमें मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए. मीडिया से दूरी बनाकर झारखंड मंत्रालय में आयोजित हुए इस कार्यक्रम में मुख्यसचिव सुखदेव सिंह सहित बड़ी संख्या में प्रशासनिक सेवा से जुड़े अधिकारी मौजूद थे.
राज्य के विकास में क्षेत्रीय भाषा जरूरी: इस मौके पर एक स्मारिका का भी विमोचन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन एवं मंचस्थ अतिथियों ने किया. मुख्यमंत्री ने प्रशासनिक पदाधिकारियों से पूछा कि आप में से कितने लोग संथाली जैसे क्षेत्रीय भाषा जानते हैं. सरकार की योजना के बारे में लोगों तक सही सही जानकारी पहुंचे इसके बारे में भी आपको सोचना होगा. मुख्यमंत्री ने झारखंड में बोली जाने वाली संथाली, हो, कुडुख जैसी क्षेत्रीय भाषा को जानने और समझने की सलाह अधिकारियों को दी.
कहा कि इस सभागार में आप सभी विद्वान लोग बैठे हैं. राजनेता आते रहेंगे जाते रहेंगे मगर आपलोगों के साथ ऐसा नहीं है. विकास की योजनाओं को पहुंचाने की जिम्मेदारी आप सब की है. यदि आप उनकी भाषाओं में योजनाओं के बारे में जानकारी नहीं दे पाएंगे तो लोगों को सहूलियत होगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि संकल्प लेने की जरूरत है कि झारखंड के विकास के लिए हमें क्षेत्रीय भाषाओं को भी ध्यान में रखेंगे. कहा कि सिविल सर्विसेज की भूमिका और जो दायरे हैं वह बहुत बड़ा है. कई चीजों पर आपको शोध करने की भी आजादी है.
2000 पदो में 1407 पदस्थापित: झारखंड में प्रशासनिक सेवा में करीब 2000 स्वीकृत पदों पर 1407 कार्यरत हैं. इन स्वीकृत पदों में भारतीय प्रशासनिक सेवा, भारतीय पुलिस सेवा, भारतीय वन सेवा और झारखंड राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी सम्मिलित हैं. भारतीय प्रशासनिक सेवा के 224 पद झारखंड में स्वीकृत है जिसमें करीब 180 पदस्थापित हैं हालांकि इसमें कई उच्च पदों के आईएएस, आईपीएस केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर हैं. आईएएस अधिकारियों की कमी की वजह से एक एक अधिकारी के जिम्मे कई विभाग हैं. ऐसे में सरकारी कामकाज पर असर पड़ना स्वाभाविक है.
नागरिक सेवा के प्रति समर्पण का दिन: हर साल 21 अप्रैल को राष्ट्रीय सिविल सेवा दिवस मनाया जाता है. यह दिन सिविल सेवकों के लिए नागरिक सेवा के प्रति समर्पण का दिन है. चार्ल्स कार्नवालिस को सिविल सेवाओं के जनक के रूप में जाना जाता है. 21 अप्रैल 1947 से इसे हर साल भारत में मनाया जाता है.