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सीएम ने की रिव्यू मीटिंग, कहा- पीएम किसान योजना से छूटे 9 लाख से अधिक किसानों करें लाभान्वित

रांची में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कृषि मंत्री बादल पत्रलेख समेत कई अधिकारियों के साथ बैठक की. जिसमें उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री किसान योजना से छूटे 9 लाख से अधिक किसानों को जोड़कर उन्हें लाभ पहुंचाया जाए. उन्होंने कहा कि राज्य के 23 लाख किसान अब तक उस योजना पोर्टल में निबंधित हो चुके हैं. उन्होंने कहा कि हर तरह के किसानों को इस योजना से लाभ पहुंचाना है.

CM Hemant Soren holds review meeting in ranchi
मुख्यमंत्री ने की रिव्यू मीटिंग
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Published : Jul 21, 2020, 9:32 PM IST

रांची: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मंगलवार को कहा कि प्रधानमंत्री किसान योजना से छूटे 9 लाख से अधिक किसानों को जोड़कर उन्हें लाभ पहुंचाया जाए. अधिकारियों के साथ बैठक करते हुए उन्होंने कहा कि राज्य के 23 लाख किसान अब तक उस योजना पोर्टल में निबंधित हो चुके हैं. उन्होंने कहा कि हर तरह के किसानों को इस योजना से लाभ पहुंचाना है, ताकि 15 अगस्त तक इन सभी छोटे किसानों के खाते में योजना की आर्थिक सहायता दी जा सके. राज्य में प्रस्तावित नई योजना और बाजार समिति के प्रस्ताव की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने यह निर्देश दिया है.

देखें पूरी खबर
प्रवासी श्रमिकों को भी मिले लाभमुख्यमंत्री ने कहा कि प्रवासी श्रमिकों को भी इस योजना से जोड़ा जाए. उन्होंने कहा वैसे प्रवासी श्रमिक जिनकी जमीन है उन्हें पीएम किसान योजना पोर्टल में निबंधित कराया जाए, साथ ही नए सिरे से उनकी पहचान करने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि किसान नहीं बढ़ रहे हैं, बल्कि वह अब घटते जा रहे हैं. सीएम ने कहा कि मौसम की विषमता छोटे और मझोले किसान की परेशानी का सबब बन गया है.नई योजना कि ये खास बातेंवित्त वर्ष 2020-21 के लिए धान उत्पादन और आर्थिक सहायता हेतु 200 करोड़ रुपये का बजट रखा गया है. योजना का उद्देश्य किसानों को प्रति क्विंटल 500 रुपये की आर्थिक सहायता देना है. 2017 में हुई गणना के अनुसार राज्य में 38.14 लाख किसान हैं. प्रधानमंत्री किसान योजना पोर्टल में 23 लाख किसान निबंधित हैं, जबकि 9.15 आवेदन लंबित है.इसे भी पढे़ं:- झारखंड सरकार ने दी राज्य में पहले की तरह बालू ट्रांसपोर्टेशन की इजाजत, बालू ट्रक ऑनर्स एसोसिएशन में खुशी


बाजार समिति के प्रस्ताव में रही ये खास बात
प्रदेश में अब एक राज्य एक बाजार की जरूरत है. किसी भी व्यापारी को उसे एक ही जिला में व्यापार करने की बाध्यता नहीं होगी. निजी बाजार की स्थापना होगी. घोषित बाजारों के रूप में गोदाम, कोल्ड स्टोरेज की घोषणा की जाएगी. एक ई-बाजार होगा, राज्य और केंद्र शासित प्रदेश में बाजार शुल्क एकल होगा और एकल ट्रेडिंग होगी. एकीकृत बाजार क्षेत्र और बाजार समिति का गठन होगा.



बैठक में ये रहे मौजूद
बैठक में मुख्यमंत्री के अलावा कृषि मंत्री बादल पत्रलेख, मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का, कृषि विभाग के सचिव अबू बकर सिद्दीकी समेत अन्य अधिकारी मौजूद रहे.

रांची: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मंगलवार को कहा कि प्रधानमंत्री किसान योजना से छूटे 9 लाख से अधिक किसानों को जोड़कर उन्हें लाभ पहुंचाया जाए. अधिकारियों के साथ बैठक करते हुए उन्होंने कहा कि राज्य के 23 लाख किसान अब तक उस योजना पोर्टल में निबंधित हो चुके हैं. उन्होंने कहा कि हर तरह के किसानों को इस योजना से लाभ पहुंचाना है, ताकि 15 अगस्त तक इन सभी छोटे किसानों के खाते में योजना की आर्थिक सहायता दी जा सके. राज्य में प्रस्तावित नई योजना और बाजार समिति के प्रस्ताव की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने यह निर्देश दिया है.

देखें पूरी खबर
प्रवासी श्रमिकों को भी मिले लाभमुख्यमंत्री ने कहा कि प्रवासी श्रमिकों को भी इस योजना से जोड़ा जाए. उन्होंने कहा वैसे प्रवासी श्रमिक जिनकी जमीन है उन्हें पीएम किसान योजना पोर्टल में निबंधित कराया जाए, साथ ही नए सिरे से उनकी पहचान करने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि किसान नहीं बढ़ रहे हैं, बल्कि वह अब घटते जा रहे हैं. सीएम ने कहा कि मौसम की विषमता छोटे और मझोले किसान की परेशानी का सबब बन गया है.नई योजना कि ये खास बातेंवित्त वर्ष 2020-21 के लिए धान उत्पादन और आर्थिक सहायता हेतु 200 करोड़ रुपये का बजट रखा गया है. योजना का उद्देश्य किसानों को प्रति क्विंटल 500 रुपये की आर्थिक सहायता देना है. 2017 में हुई गणना के अनुसार राज्य में 38.14 लाख किसान हैं. प्रधानमंत्री किसान योजना पोर्टल में 23 लाख किसान निबंधित हैं, जबकि 9.15 आवेदन लंबित है.इसे भी पढे़ं:- झारखंड सरकार ने दी राज्य में पहले की तरह बालू ट्रांसपोर्टेशन की इजाजत, बालू ट्रक ऑनर्स एसोसिएशन में खुशी


बाजार समिति के प्रस्ताव में रही ये खास बात
प्रदेश में अब एक राज्य एक बाजार की जरूरत है. किसी भी व्यापारी को उसे एक ही जिला में व्यापार करने की बाध्यता नहीं होगी. निजी बाजार की स्थापना होगी. घोषित बाजारों के रूप में गोदाम, कोल्ड स्टोरेज की घोषणा की जाएगी. एक ई-बाजार होगा, राज्य और केंद्र शासित प्रदेश में बाजार शुल्क एकल होगा और एकल ट्रेडिंग होगी. एकीकृत बाजार क्षेत्र और बाजार समिति का गठन होगा.



बैठक में ये रहे मौजूद
बैठक में मुख्यमंत्री के अलावा कृषि मंत्री बादल पत्रलेख, मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का, कृषि विभाग के सचिव अबू बकर सिद्दीकी समेत अन्य अधिकारी मौजूद रहे.

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