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ऑफिस ऑफ प्रॉफिट: सीएम हेमंत सोरेन को मिला चुनाव आयोग का नोटिस, 28 जून को पक्ष रखने का दिया गया अंतिम मौका - रांची न्यूज

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से जुड़े ऑफिस ऑफ प्रॉफिट मामले की चुनाव आयोग में 28 जून को सुनवाई होगी. इस संबंध में चुनाव आयोग की ओर से जारी नोटिस को तामिल करा दिया गया है.

CM Hemant Soren got notice of Election Commission
CM Hemant Soren got notice of Election Commission
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Published : Jun 16, 2022, 9:21 PM IST

रांची: ऑफिस ऑफ प्रॉफिट मामले में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को भारत निर्वाचन आयोग ने 28 जून को पक्ष रखने के लिए अंतिम मौका दिया है. इस संबंध में चुनाव आयोग के द्वारा जारी नोटिस को तामिल करा दिया गया है. मिली जानकारी के मुताबिक इस संबंध में प्रार्थी भारतीय जनता पार्टी को भी नोटिस रिसीव करा दी गई है. चुनाव आयोग के द्वारा जारी नोटिस के अनुसार इस मामले की अगली सुनवाई 28 जून को निर्धारित की गई है जिस दौरान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को खुद या वकील के माध्यम से पक्ष रखने को कहा गया है.

ये भी पढ़ें- ऑफिस ऑफ प्रॉफिट मामला: चुनाव आयोग ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को दिया अंतिम मौका, 28 जून को होगी मामले की सुनवाई

गौरतलब है कि चुनाव आयोग के समक्ष इस मामले में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन खुद उपस्थित होकर पक्ष रखने संबंधित आवेदन दे चुके हैं, जिसके बाद संभावना यह जताई जा रही है कि मुख्यमंत्री खुद चुनाव आयोग में अगली तारीख को वकील के साथ उपस्थित होकर पक्ष रख सकते हैं. जानकारों का मानना है कि यदि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की ओर से 28 जून को भी पक्ष नहीं रखा जा सकेगा तो चुनाव आयोग इस मामले में आगे निर्णय ले सकता है. आपको बता दें कि इस संबंध में चुनाव आयोग में 14 जून को सुनवाई हुई थी जिस दौरान चुनाव आयोग के समक्ष मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की ओर से समय की मांग की गई थी. आयोग से समय की मांग के पीछे का वजह अधिवक्ता के कोरोना पॉजिटिव होना बताया गया था.

चुनाव आयोग पर सबकी नजरें हैं टिकी: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से जुड़े इस मामले की सुनवाई पर सबकी नजरें टिकी हुई हैं. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के द्वारा इस मामले में भारत निर्वाचन आयोग के समक्ष दो बार आवेदन देकर समय की मांग पहले की जा चुकी है. इससे पहले भी हेमंत सोरेन को चुनाव आयोग की ओर से पक्ष रखने के लिए दो बार समय दिया जा चुका है. इससे पहले हेमंत सोरेन को 10 मई तक जवाब देना था लेकिन उन्होंने अपनी मां की तबीयत का हवाला देते हुए अतिरिक्त समय की मांग की थी जिसके बाद 20 मई तक उन्हें जवाब देने का समय चुनाव आयोग ने दिया था. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के द्वारा चुनाव आयोग को जवाब दे दिया गया और कहा गया कि उनके पास कोई माइनिंग लीज नहीं है. इसके बाद चुनाव आयोग की ओर से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को 31 मई को आयोग के समक्ष हाजिर होने का आदेश दिया गया था. जिसपर हेमंत सोरेन की ओर से अतिरिक्त समय की मांग की गई थी जिसे आयोग ने मान लिया था. इस बार हेमंत सोरेन के द्वारा अपने वकील की तबीयत का हवाला देते हुए समय की मांग की गई उसे भी चुनाव आयोग ने स्वीकार कर लिया है और अगली तारीख 28 जून को निर्धारित की है.

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर यह है आरोप: भारतीय जनता पार्टी ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर रांची के अनगड़ा में पत्थर खदान लीज अपने नाम पर लेने का आरोप लगाते हुए राज्यपाल से लिखित शिकायत की थी. राज्यपाल रमेश बैस को ज्ञापन सौंपते हुए भाजपा शिष्टमंडल ने हेमंत सोरेन पर मुख्यमंत्री के पद पर रहते हुए अपने नाम से रांची के अनगड़ा मौजा थाना नंबर 26, खाता नंबर 187 प्लॉट नंबर 482 में पत्थर खनन पट्टा लेने का आरोप लगाया था. जिसके बाद राजभवन ने भारत निर्वाचन आयोग से मंतव्य मांगा था. तत्पश्चात भारत निर्वाचन आयोग ने मुख्य सचिव को चिठ्ठी भेजकर रिपोर्ट मंगवाया. मुख्य सचिव की रिपोर्ट मिलने के बाद भारत निर्वाचन आयोग ने अब मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को नोटिस भेजकर खनन पट्टा मामले में सुनवाई कर रही है.

रांची: ऑफिस ऑफ प्रॉफिट मामले में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को भारत निर्वाचन आयोग ने 28 जून को पक्ष रखने के लिए अंतिम मौका दिया है. इस संबंध में चुनाव आयोग के द्वारा जारी नोटिस को तामिल करा दिया गया है. मिली जानकारी के मुताबिक इस संबंध में प्रार्थी भारतीय जनता पार्टी को भी नोटिस रिसीव करा दी गई है. चुनाव आयोग के द्वारा जारी नोटिस के अनुसार इस मामले की अगली सुनवाई 28 जून को निर्धारित की गई है जिस दौरान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को खुद या वकील के माध्यम से पक्ष रखने को कहा गया है.

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गौरतलब है कि चुनाव आयोग के समक्ष इस मामले में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन खुद उपस्थित होकर पक्ष रखने संबंधित आवेदन दे चुके हैं, जिसके बाद संभावना यह जताई जा रही है कि मुख्यमंत्री खुद चुनाव आयोग में अगली तारीख को वकील के साथ उपस्थित होकर पक्ष रख सकते हैं. जानकारों का मानना है कि यदि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की ओर से 28 जून को भी पक्ष नहीं रखा जा सकेगा तो चुनाव आयोग इस मामले में आगे निर्णय ले सकता है. आपको बता दें कि इस संबंध में चुनाव आयोग में 14 जून को सुनवाई हुई थी जिस दौरान चुनाव आयोग के समक्ष मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की ओर से समय की मांग की गई थी. आयोग से समय की मांग के पीछे का वजह अधिवक्ता के कोरोना पॉजिटिव होना बताया गया था.

चुनाव आयोग पर सबकी नजरें हैं टिकी: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से जुड़े इस मामले की सुनवाई पर सबकी नजरें टिकी हुई हैं. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के द्वारा इस मामले में भारत निर्वाचन आयोग के समक्ष दो बार आवेदन देकर समय की मांग पहले की जा चुकी है. इससे पहले भी हेमंत सोरेन को चुनाव आयोग की ओर से पक्ष रखने के लिए दो बार समय दिया जा चुका है. इससे पहले हेमंत सोरेन को 10 मई तक जवाब देना था लेकिन उन्होंने अपनी मां की तबीयत का हवाला देते हुए अतिरिक्त समय की मांग की थी जिसके बाद 20 मई तक उन्हें जवाब देने का समय चुनाव आयोग ने दिया था. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के द्वारा चुनाव आयोग को जवाब दे दिया गया और कहा गया कि उनके पास कोई माइनिंग लीज नहीं है. इसके बाद चुनाव आयोग की ओर से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को 31 मई को आयोग के समक्ष हाजिर होने का आदेश दिया गया था. जिसपर हेमंत सोरेन की ओर से अतिरिक्त समय की मांग की गई थी जिसे आयोग ने मान लिया था. इस बार हेमंत सोरेन के द्वारा अपने वकील की तबीयत का हवाला देते हुए समय की मांग की गई उसे भी चुनाव आयोग ने स्वीकार कर लिया है और अगली तारीख 28 जून को निर्धारित की है.

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर यह है आरोप: भारतीय जनता पार्टी ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर रांची के अनगड़ा में पत्थर खदान लीज अपने नाम पर लेने का आरोप लगाते हुए राज्यपाल से लिखित शिकायत की थी. राज्यपाल रमेश बैस को ज्ञापन सौंपते हुए भाजपा शिष्टमंडल ने हेमंत सोरेन पर मुख्यमंत्री के पद पर रहते हुए अपने नाम से रांची के अनगड़ा मौजा थाना नंबर 26, खाता नंबर 187 प्लॉट नंबर 482 में पत्थर खनन पट्टा लेने का आरोप लगाया था. जिसके बाद राजभवन ने भारत निर्वाचन आयोग से मंतव्य मांगा था. तत्पश्चात भारत निर्वाचन आयोग ने मुख्य सचिव को चिठ्ठी भेजकर रिपोर्ट मंगवाया. मुख्य सचिव की रिपोर्ट मिलने के बाद भारत निर्वाचन आयोग ने अब मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को नोटिस भेजकर खनन पट्टा मामले में सुनवाई कर रही है.

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