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सीएम हेमंत सोरेन को झारखंड हाई कोर्ट से मिली अंतरिम राहत, आचार संहिता उल्लंघन का है मामला - झारखंड न्यूज

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को झारखंड हाई कोर्ट से अंतरिम राहत मिली है. हाई कोर्ट ने सरकार से जवाब मांगते हुए अंतरिम राहत दी है. आचार संहिता उल्लंघन का ये मामला साल 2014 का है. CM Hemant Soren got interim relief from High Court.

CM Hemant Soren gets interim relief from Jharkhand High Court in violation of code of conduct case
आचार संहिता उल्लंघन मामले में सीएम हेमंत सोरेन को झारखंड हाई कोर्ट से अंतरिम राहत
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Oct 17, 2023, 2:08 PM IST

रांचीः मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को झारखंड हाई कोर्ट से अंतरिम राहत मिली है. मामला आचार संहिता के उल्लंघन से जुड़ा है. सरायकेला-खरसावां में 2014 के चुनाव के दौरान हेमंत सोरेन के खिलाफ आचार संहिता उल्लंघन का मामला दर्ज हुआ था.

इसे भी पढ़ें- Land Scam Case: सीएम हेमंत सोरेन की याचिका झारखंड हाई कोर्ट ने की खारिज, ईडी के समन को दी थी चुनौती

इस मामले की सुनवाई वहां के फास्ट ट्रैक कोर्ट में चल रही थी. इसी मामले में राहत के लिए सीएम हेमंत सोरेन की ओर से हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई थी. जस्टिस एसके द्विवेदी की अदालत के समक्ष प्रार्थी के अधिवक्ता प्रदीप चंद्रा ने पक्ष रखा और राहत देने की मांग की. इसपर हाई कोर्ट ने सरकार से जवाब मांगते हुए अंतरिम राहत दी है. इस दौरान निचली अदालत किसी तरह की पीड़क कार्रवाई नहीं करेगी. इस मामले की अगली सुनवाई 21 नवंबर को होगी.

क्या है मामलाः 2014 के चुनाव के दौरान हेमंत सोरेन अपनी पार्टी के प्रत्याशी के पक्ष में चुनाव प्रचार करने सरायकेला खरसांवा गये थे. उनपर आदित्यपुर थाना में कांड संख्या 418/2014 के तहत आचार संहिता उल्लंघन का मामला दर्ज हुआ था. उनपर रिप्रजेंटेशन ऑफ पीपुल्स एक्ट समेत आईपीसी की कई धाराएं लगाई गयी थीं. इसी एफआईआर को निरस्त करने के लिए उनकी ओर से झारखंड हाई कोर्ट में याचिका दी गई थी.

2019 के मामले में सीएम को मिल चुकी है राहतः 2019 विधानसभा चुनाव के दौरान भी हेमंत सोरेन के खिलाफ आचार संहिता उल्लंघन का मामला दर्ज हुआ था. उनपर आरोप लगा था कि उन्होंने रांची के संत फ्रांसिस स्कूल स्थित बूथ पर मतदान के दौरान पार्टी के चिन्ह वाला गमछा अपने कंधे पर ले रखा था. इस मामले में निचली अदालत की सुनवाई को भी हाई कोर्ट में चुनौती दी गई थी. जिसे साल 2022 में हाई कोर्ट ने निचली अदालत की कार्रवाई और प्राथमिकी को रद्द करने का आदेश दिया था.

रांचीः मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को झारखंड हाई कोर्ट से अंतरिम राहत मिली है. मामला आचार संहिता के उल्लंघन से जुड़ा है. सरायकेला-खरसावां में 2014 के चुनाव के दौरान हेमंत सोरेन के खिलाफ आचार संहिता उल्लंघन का मामला दर्ज हुआ था.

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इस मामले की सुनवाई वहां के फास्ट ट्रैक कोर्ट में चल रही थी. इसी मामले में राहत के लिए सीएम हेमंत सोरेन की ओर से हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई थी. जस्टिस एसके द्विवेदी की अदालत के समक्ष प्रार्थी के अधिवक्ता प्रदीप चंद्रा ने पक्ष रखा और राहत देने की मांग की. इसपर हाई कोर्ट ने सरकार से जवाब मांगते हुए अंतरिम राहत दी है. इस दौरान निचली अदालत किसी तरह की पीड़क कार्रवाई नहीं करेगी. इस मामले की अगली सुनवाई 21 नवंबर को होगी.

क्या है मामलाः 2014 के चुनाव के दौरान हेमंत सोरेन अपनी पार्टी के प्रत्याशी के पक्ष में चुनाव प्रचार करने सरायकेला खरसांवा गये थे. उनपर आदित्यपुर थाना में कांड संख्या 418/2014 के तहत आचार संहिता उल्लंघन का मामला दर्ज हुआ था. उनपर रिप्रजेंटेशन ऑफ पीपुल्स एक्ट समेत आईपीसी की कई धाराएं लगाई गयी थीं. इसी एफआईआर को निरस्त करने के लिए उनकी ओर से झारखंड हाई कोर्ट में याचिका दी गई थी.

2019 के मामले में सीएम को मिल चुकी है राहतः 2019 विधानसभा चुनाव के दौरान भी हेमंत सोरेन के खिलाफ आचार संहिता उल्लंघन का मामला दर्ज हुआ था. उनपर आरोप लगा था कि उन्होंने रांची के संत फ्रांसिस स्कूल स्थित बूथ पर मतदान के दौरान पार्टी के चिन्ह वाला गमछा अपने कंधे पर ले रखा था. इस मामले में निचली अदालत की सुनवाई को भी हाई कोर्ट में चुनौती दी गई थी. जिसे साल 2022 में हाई कोर्ट ने निचली अदालत की कार्रवाई और प्राथमिकी को रद्द करने का आदेश दिया था.

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