रांची: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोला है. उन्होंने कहा है कि देश में हिटलरशाही चल रही है. आदिवासी, दलित, अल्पसंख्यक और गरीबों की आवाज उठाने वाले लोगों को प्रताड़ित किया जा रहा है. सामाजिक कार्यकर्ता स्टेन स्वामी को न सिर्फ गलत तरीके से गिरफ्तार किया गया है, बल्कि बीमार और उम्रदराज होने के बावजूद उन्हें प्रताड़ित किया जा रहा है.
महाराष्ट्र के भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में पिछले दिनों एनआईए ने स्टेन स्वामी को गिरफ्तार किया था. जिसके बाद से ही पूरे राज्य में हेमंत सरकार के साथ-साथ कुछ आदिवासी संगठन इसका विरोध कर रहे हैं. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी कई बार सर्वाजनिक तौर पर इसे लेकर केंद्र सरकार की आलोचना कर चुके हैं. उन्होंने केंद्र की मौजूदा एनडीए सरकार पर फूट डालो और राज करो की नीति लागू करने का आरोप लगा चुके हैं. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि जहां भाजपा सरकार नहीं बना पाई उन राज्यों को अलग-अलग तरीके से परेशान किया जा रहा है. इसका जीता जागता नमूना है डीवीसी की बकाया राशि की वसूली का तरीका. उन्होंने कहा कि आरबीआई के पास जमा झारखंड सरकार के खाते से पैसे निकाल लिए गए. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने गैर भाजपा शासित राज्यों से अपील करते हुए कहा है कि आज हमारे साथ ऐसा हुआ है कल आपके साथ होगा. इसलिए वक्त आ गया है कि एकजुट होकर केंद्र सरकार के तौर तरीके का विरोध की जाए. उन्होंने कहा कि खनिज संसाधनों की नीलामी की जा रही है, लेकिन राज्य सरकार से इस पर मशविरा तक नहीं की गई.
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पीपुल्स यूनियन फॉर सिविल लिबर्टीज को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि मौजूदा दौर में सामाजिक संगठनों के साथ-साथ संवैधानिक संस्थाओं पर लगातार हमले किए जा रहे हैं. देश की अर्थव्यवस्था चौपट कर दी गई है. युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है. किसानों को बंधुआ मजदूर बनाने की कोशिश हो रही है. देश में अराजकता की स्थिति है, इसलिए जरूरी है कि सभी विपक्षी दलों को एकजुट होना चाहिए. सामाजिक संगठन के लोग अपनी आवाज जरूर उठा रहे हैं, लेकिन केंद्र सरकार पर उसका कोई असर नहीं हो रहा है. मुख्यमंत्री ने अंदेशा जताया है कि केंद्र के खिलाफ जगह-जगह हो रहे आंदोलन को दबाने के लिए कहीं यह सरकार गोली न चलवाने लगी.