रांची: झारखंड हाई कोर्ट से नियोजन नीति 2021 रद्द होने के बाद राज्य के युवाओं में आक्रोश है. इसका असर सदन के भीतर और बाहर भी दिखा. आलम यह था कि बड़ी संख्या में छात्र सदन घेरने के लिए रांची के जगन्नाथ मंदिर के आसपास पहुंच गए थे. सदन में इस मसले पर विपक्ष के हमलावर होने पर विधायक प्रदीप यादव और बिनोद कुमार सिंह ने राज्य में फैले भ्रम पर विराम लगाने के लिए सीएम हेमंत सोरेन से पक्ष रखने की गुजारिश की. इसपर मुख्यमंत्री ने सदन के जरिए युवाओं को भरोसा दिलाया कि इस विकट घड़ी में सरकार उनके साथ खड़ी है. उन्होंने कहा कि नौजवान जो चाहेंगे, उसी निर्णय के साथ रास्ता निकालेंगे (CM Hemant Soren Announcement in Assembly).
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सीएम ने कहा कि सरकार की कोशिश थी कि कम से कम थर्ड और फोर्थ ग्रेड की सौ फीसदी नौकरियां, यहां के आदिवासी और मूलवासी को मिले. दुर्भाग्यवश, नियोजन नीति हाई कोर्ट में रद्द हो गई. अब उन वजहों पर नहीं जाऊंगा. अब आगे देखना है. सवा तीन करोड़ लोगों के प्रति सरकार कमिटेड है. उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि बहुत होशियारी और चतुराई से झारखंड के जड़ में दीमक भरने का काम किया गया है. तत्कालीन रघुवर सरकार के कार्यकाल में शिक्षक की बहाली में बाहरी आ गये थे. ऐसा न हो, इसी का ख्याल रखते हुए दूसरा रास्ता निकाला गया था. सीएम ने कहा कि हमारी चिंता ग्रामीण क्षेत्र के नौजवानों के नियोजन की है (Employment in Jharkhand).
सीएम ने केंद्र पर साधा निशाना: सीएम ने केंद्र सरकार पर हमला साधते हुए कहा कि ग्रामीण क्षेत्र के युवाओं को बड़ी संख्या में रेलवे, आर्मी और बैंकों में नौकरी मिलती थी लेकिन, वह रास्ता भी बंद हो गया है. वह बोझ अब राज्य की सरकारों पर आ गया है. इसी वजह से सभी राज्य अपनी नियोजन नीति बना रहे हैं. उन्होंने कहा कि पहले भी झारखंड में कई नियोजन नीति रद्द हो चुकी है लेकिन, अफसोस की बात है कि हमारी नियोजन नीति से दूसरे राज्य के लोगों को ज्यादा तकलीफ हो रही थी.
संवैधानिक रास्ता निकालने की घोषणा: सीएम ने कहा कि हमारे नौजवान धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. इसी वजह से सत्ता पक्ष के विधायकों के एक शिष्टमंडल को युवाओं से मिलने के लिए भेजा गया. सीएम ने कहा कि नियोजन नीति रद्द होने के बाद से ही इसपर रास्ता निकालने को लेकर विचार विमर्श कर रहा हूं. युवाओं के भविष्य की चिंता हमारी प्राथमिकता है. हर हाल में विधि सम्मत संवैधानिक रूप से बेहतर रास्ता निकालेंगे. इसमें नौजवानों की भी भागीदारी होगी. सीएम ने कहा कि दोबारा फॉर्म भरने और उम्र सीमा को लेकर चिंता करने की जरूरत नहीं है. हमारी सरकार ने ही फॉर्म भरने की फीस को 50 रूपए किया था.