रांची: विदेशों में काम करने वाले झारखंड के मजदूरों को वापस लाने के लिए राज्य सरकार लगातार सजग है. पिछले दिनों अफ्रीका के माली से मजदूरों को लाया गया है. वहीं अब मलेशिया में फंसे झारखंड के 30 श्रमिकों की घर वापसी लाने के लिए राज्य सरकार प्रयासरत दिख रही है. इसी को लेकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के निर्देश के बाद श्रम विभाग ने मलेशिया में फंसे गिरिडीह, हजारीबाग और बोकारो के 30 श्रमिकों को झारखंड वापस लाने की प्रक्रिया तेज कर दी है.
इसे भी पढ़ें- Laborers in Malaysia: मलेशिया में फंसे झारखंड के 30 मजदूर, सोशल मीडिया पर कहा- हमें बचाओ, यहां गुलाम बना लिया गया
इस संबंध में श्रम विभाग के अधिकारियों ने मलेशिया में भारत के उच्चायुक्त बीएन रेड्डी को पत्र लिख मामले में हस्तक्षेप करने का आग्रह किया है. श्रम विभाग के द्वारा लिखे गए पत्र में मलेशिया में भारत के उच्चयुक्त को बताया गया है कि राज्य के 30 श्रमिक लीड मास्टर इंजीनियरिंग एंड कंस्ट्रक्शन एसडीएन बीएचडी नामक कंपनी में कार्यरत हैं. सभी श्रमिकों से लाइनमैन के रूप में कार्य लिया गया. सभी मजदूर वर्ष 2019 से ही मलेशिया में काम कर रहे हैं. कंपनी और मजदूरों के बीच का अनुबंध सिर्फ 3 साल के लिए ही था जो अब खत्म हो गया है. लेकिन ठेकेदारों द्वारा उन्हें वापस भारत नहीं भेजा जा रहा है, साथ ही पिछले 4 माह से वेतन का भुगतान भी नहीं किया गया है.
मजदूरों की परेशानी को देखते हुए श्रम विभाग के सचिव प्रवीण टोप्पो ने उच्चायुक्त से अनुरोध किया है कि मामले में हस्तक्षेप करें और कंपनी एवं ठेकेदारों को श्रमिकों का वैध बकाया राशि भुगतान करवाने के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देशित करें और ठेकेदारों एवं कंपनी के मालिकों पर कार्रवाई भी करें. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन विदेशों में काम करने वाले झारखंड के गरीब मजदूरों को वापस लाने के लिए लगातार काम कर रहे हैं. इससे पहले भी कई मजदूरों को विदेशों से वापस लाए गए हैं. खासकर वैसे मजदूर जो विदेशों में शोषित हो रहे हैं उन्हें जल्द से जल्द राहत पहुंचाने के लिए श्रम विभाग को आए दिन आवश्यक दिशा निर्देश मुख्यमंत्री द्वारा दिया जा रहा है.