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रांची: सीएम हेमंत सोरेन ने दिए निर्देश, वृद्ध बंदियों को पेंशन देने के लिए बनाई जाए पॉलिसी - State conviction review meeting in Ranchi

रांची में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में राज्य सजा पुनरीक्षण की बैठक हुई. जिसमें सीएम ने विभिन्न जेलों में बंद वृद्ध बंदियों को पेंशन योजना से कवर करने की दिशा में पॉलिसी बनाने का निर्देश दिया. उन्होंने कहा कि अलग-अलग जेलों में बंद अनुसूचित जाति, जनजाति बंदियों के अपराध के प्रकृति की सूची भी तैयार की जाए, ताकि राज्य सरकार उनके लिए कुछ कर सके.

CM Hemant directed to formulate policy for pension to old prisoners in ranchi
सीएम ने अधिकारियों के साथ की बैठक
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Published : Jul 17, 2020, 10:20 PM IST

रांची: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने शुक्रवार को कहा कि विभिन्न जेलों में बंद वृद्ध बंदियों को पेंशन योजना से कवर करने के दिशा में पॉलिसी बनाया जाए. राज्य सजा पुनरीक्षण बैठक की अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे उन बंदियों को आर्थिक मदद मिल सकेगी, साथ ही कारा प्रशासन की ओर से कार्य के एवज में मिल रहे लाभ के अतिरिक्त पेंशन देने की योजना सरकार की है. उन्होंने कहा कि अलग-अलग जेलों में बंद अनुसूचित जाति, जनजाति बंदियों के अपराध के प्रकृति की सूची भी तैयार की जाए, ताकि राज्य सरकार उनके लिए कुछ कर सके.


बैठक के दौरान सामने आया एक मामला
दरअसल, बैठक के दौरान उनके सामने अपनी पति की हत्या के दोषी 75 वर्षीय महिला को कारामुक्त करने का एक प्रस्ताव आया. उसी दौरान यह सवाल उठा कि वह महिला बाहर निकलने के बाद क्या करेगी. मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि उस महिला के परिवार की आर्थिक स्थिति का भी पता लगाया जाए. इसके अलावा उसे पेंशन, राशन कार्ड, आवास योजना का भी लाभ दिया जाए.


मनोचिकित्सक की भी हो बहाली
सीएम ने कहा कि बंदियों को मुक्त करने से पूर्व उनकी काउंसिलिंग होनी चाहिए ताकि रिहा होने के बाद में किसी आपराधिक गतिविधि में शामिल न हो. उन्होंने मनोचिकित्सक की नियुक्ति करने का निर्देश दिया. जिससे उनकी काउंसलिंग हो सके. उन्होंने कहा कि झारखंड राज्य के लिए जरूरी है.

इसे भी पढे़ं:- सीएम हेमंत सोरेन को मेल से दी गई जान से मारने की धमकी, लिखा- जो भी हो रहा, अच्छा नहीं हो रहा

आजीवन कारावास की सजा काट रहे बंदियों को मुक्त करने से पहले रखा जाए ध्यान
वहीं, मुख्यमंत्री ने कहा कि बंदियों को रिहा करने के लिए अपराध की प्रकृति, आचरण, उम्र में व्यतीत वर्ष और उनकी आपराधिक मानसिकता का भी ध्यान रखा जाए. उन्होंने कहा कि बंदी के परिवार की सामाजिक, आर्थिक स्थिति को देखकर निर्णय लिया जाए, साथ ही जघन्य अपराध की श्रेणी में आने वाले बंदियों प्रदेश स्तर के विचार नहीं किया जा रहा है. वहीं छोटी-छोटी बात पर गैर इरादतन हत्या करने के दोषी बंदियों के मामले भी इस दौरान सामने आए. बैठक में मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, अपर मुख्य सचिव गृह कार्य एवं आपदा प्रबंधन विभाग एल खियांगते, पुलिस महानिदेशक एमवी राव समेत अन्य अधिकारी मौजूद रहे.

रांची: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने शुक्रवार को कहा कि विभिन्न जेलों में बंद वृद्ध बंदियों को पेंशन योजना से कवर करने के दिशा में पॉलिसी बनाया जाए. राज्य सजा पुनरीक्षण बैठक की अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे उन बंदियों को आर्थिक मदद मिल सकेगी, साथ ही कारा प्रशासन की ओर से कार्य के एवज में मिल रहे लाभ के अतिरिक्त पेंशन देने की योजना सरकार की है. उन्होंने कहा कि अलग-अलग जेलों में बंद अनुसूचित जाति, जनजाति बंदियों के अपराध के प्रकृति की सूची भी तैयार की जाए, ताकि राज्य सरकार उनके लिए कुछ कर सके.


बैठक के दौरान सामने आया एक मामला
दरअसल, बैठक के दौरान उनके सामने अपनी पति की हत्या के दोषी 75 वर्षीय महिला को कारामुक्त करने का एक प्रस्ताव आया. उसी दौरान यह सवाल उठा कि वह महिला बाहर निकलने के बाद क्या करेगी. मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि उस महिला के परिवार की आर्थिक स्थिति का भी पता लगाया जाए. इसके अलावा उसे पेंशन, राशन कार्ड, आवास योजना का भी लाभ दिया जाए.


मनोचिकित्सक की भी हो बहाली
सीएम ने कहा कि बंदियों को मुक्त करने से पूर्व उनकी काउंसिलिंग होनी चाहिए ताकि रिहा होने के बाद में किसी आपराधिक गतिविधि में शामिल न हो. उन्होंने मनोचिकित्सक की नियुक्ति करने का निर्देश दिया. जिससे उनकी काउंसलिंग हो सके. उन्होंने कहा कि झारखंड राज्य के लिए जरूरी है.

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आजीवन कारावास की सजा काट रहे बंदियों को मुक्त करने से पहले रखा जाए ध्यान
वहीं, मुख्यमंत्री ने कहा कि बंदियों को रिहा करने के लिए अपराध की प्रकृति, आचरण, उम्र में व्यतीत वर्ष और उनकी आपराधिक मानसिकता का भी ध्यान रखा जाए. उन्होंने कहा कि बंदी के परिवार की सामाजिक, आर्थिक स्थिति को देखकर निर्णय लिया जाए, साथ ही जघन्य अपराध की श्रेणी में आने वाले बंदियों प्रदेश स्तर के विचार नहीं किया जा रहा है. वहीं छोटी-छोटी बात पर गैर इरादतन हत्या करने के दोषी बंदियों के मामले भी इस दौरान सामने आए. बैठक में मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, अपर मुख्य सचिव गृह कार्य एवं आपदा प्रबंधन विभाग एल खियांगते, पुलिस महानिदेशक एमवी राव समेत अन्य अधिकारी मौजूद रहे.

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