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सीएम ने धनबाद के विद्युत वितरण के सुपरिटेंडेंट इंजीनियर को सस्पेंड करने का दिया आदेश, जीएम भी हटेंगे - झारखंड न्यूज

रांची ऊर्जा विभाग की कार्य प्रगति की समीक्षा के दौरान अनुपस्थित इंजीनियर और जीएम को मुख्यमंत्री ने तत्काल हटाने का निर्देश दिया. उन्होंने कहा कि राज्य की जनता को निर्बाध बिजली उपलब्ध कराना सरकार की पहली प्राथमिकता है. इस मामले को हल्के में लेने वाले पदाधिकारियों को नहीं छोड़ा जाएगा.

मुख्यमंत्री की समीक्षा बैठक
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Published : Jul 5, 2019, 8:15 PM IST

रांची: ऊर्जा विभाग की कार्य प्रगति की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री रघुवर दास को जानकारी मिली थी कि धनबाद के विद्युत वितरण के सुपरिंटेंडेंट इंजीनियर बिना सूचना के 3 सप्ताह से गायब हैं. इसको लेकर मुख्यमंत्री भड़क उठे.

देखें पूरी खबर
इस मामले को लेकर मुख्यमंत्री ने विद्युत वितरण के एमडी को इंजीनियर और जीएम को तत्काल हटाने का निर्देश दिया. सीएम ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि अब बहानेबाजी नहीं चलेंगी.उन्होंने कहा कि जो टाइमलाइन पर काम नहीं कर पा रहे हैं उन सभी को बदला जाएगा. उन्होंने कहा कि राज्य की जनता को निर्बाध बिजली उपलब्ध कराना सरकार की पहली प्राथमिकता है और इस मामले को हल्के में लेने वाले पदाधिकारियों को नहीं छोड़ा जाएगा.

31 जुलाई तक रांची की बिजली व्यवस्था सुधारें
समीक्षा बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने ऊर्जा विभाग के पदाधिकारियों को स्पष्ट तौर पर कह दिया कि रांची में हो रही लोड शैडिंग और पावर कट जैसे मामलों के लिए 31 जुलाई के बाद कोई मोहलत नहीं दी जाएगी. उन्होंने कहा कि हर जिले में निर्बाध बिजली पहुंचने चाहिए. अन्य जिलों के मामले में ट्रांसमिशन की समस्या हो या कोई और मसला हो उसे 3 महीने के भीतर ठीक करना है.

समीक्षा बैठक में मुख्य सचिव डॉ. डीके तिवारी, अपर मुख्य सचिव सह विकास आयुक्त सुखदेव सिंह, अपर मुख्य सचिव वित्त केके खंडेलवाल, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डॉ. सुनील कुमार वर्णवाल, ऊर्जा विभाग की सचिव वंदना डाडेल, ऊर्जा वितरण निगम के एमडी राहुल पुरवार, जेयूएसएनएल के एमडी निरंजन कुमार सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे.

रांची: ऊर्जा विभाग की कार्य प्रगति की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री रघुवर दास को जानकारी मिली थी कि धनबाद के विद्युत वितरण के सुपरिंटेंडेंट इंजीनियर बिना सूचना के 3 सप्ताह से गायब हैं. इसको लेकर मुख्यमंत्री भड़क उठे.

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इस मामले को लेकर मुख्यमंत्री ने विद्युत वितरण के एमडी को इंजीनियर और जीएम को तत्काल हटाने का निर्देश दिया. सीएम ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि अब बहानेबाजी नहीं चलेंगी.उन्होंने कहा कि जो टाइमलाइन पर काम नहीं कर पा रहे हैं उन सभी को बदला जाएगा. उन्होंने कहा कि राज्य की जनता को निर्बाध बिजली उपलब्ध कराना सरकार की पहली प्राथमिकता है और इस मामले को हल्के में लेने वाले पदाधिकारियों को नहीं छोड़ा जाएगा.

31 जुलाई तक रांची की बिजली व्यवस्था सुधारें
समीक्षा बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने ऊर्जा विभाग के पदाधिकारियों को स्पष्ट तौर पर कह दिया कि रांची में हो रही लोड शैडिंग और पावर कट जैसे मामलों के लिए 31 जुलाई के बाद कोई मोहलत नहीं दी जाएगी. उन्होंने कहा कि हर जिले में निर्बाध बिजली पहुंचने चाहिए. अन्य जिलों के मामले में ट्रांसमिशन की समस्या हो या कोई और मसला हो उसे 3 महीने के भीतर ठीक करना है.

समीक्षा बैठक में मुख्य सचिव डॉ. डीके तिवारी, अपर मुख्य सचिव सह विकास आयुक्त सुखदेव सिंह, अपर मुख्य सचिव वित्त केके खंडेलवाल, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डॉ. सुनील कुमार वर्णवाल, ऊर्जा विभाग की सचिव वंदना डाडेल, ऊर्जा वितरण निगम के एमडी राहुल पुरवार, जेयूएसएनएल के एमडी निरंजन कुमार सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे.

Intro:सीएम ने धनबाद के विद्युत वितरण के सुपरिटेंडेंट इंजीनियर को सस्पेंड करने का दिया आदेश, जीएम भी हटेंगे

रांची

ऊर्जा विभाग की कार्य प्रगति की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री रघुवर दास को जैसे ही इस बात की जानकारी मिली कि धनबाद के विद्युत वितरण के सुपरिंटेंडेंट इंजीनियर बिना सूचना के 3 सप्ताह से गायब हैं तो मुख्यमंत्री भड़क उठे। उन्होंने विद्युत वितरण के एमडी को संबंधित इंजीनियर को फौरन सस्पेंड करने और वहां के जीएम को तत्काल हटाने का निर्देश दिया। सीएम ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि अब किंतु, परंतु, यह, वह जैसे शब्द नहीं चलेंगे। जो टाइमलाइन पर काम नहीं कर पा रहे हैं उन सभी को बदला जाएगा और जो काम नहीं कर पा रहे हैं उन्हें रिटायर कराया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य की जनता को निर्बाध बिजली उपलब्ध कराना सरकार की प्राथमिकता है और इस मामले को हल्के में लेने वाले पदाधिकारियों को नहीं छोड़ा जाएगा।

Body:31 जुलाई तक रांची की बिजली व्यवस्था सुधारें

समीक्षा बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने ऊर्जा विभाग के पदाधिकारियों को स्पष्ट कर दिया कि रांची में हो रही लोड शैडिंग और पावर कट जैसे मामलों के लिए 31 जुलाई के बाद कोई मोहलत नहीं दी जाएगी। उन्होंने कहा कि हर जिले में निर्बाध बिजली पहुंचने चाहिए। अन्य जिलों के मामले में ट्रांसमिशन की समस्या हो या कोई और मसला हो उसे 3 महीने के भीतर ठीक करना है।



Conclusion:समीक्षा बैठक में मुख्य सचिव डॉ डीके तिवारी, अपर मुख्य सचिव सह विकास आयुक्त सुखदेव सिंह, अपर मुख्य सचिव वित्त के के खंडेलवाल, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डॉ सुनील कुमार वर्णवाल, ऊर्जा विभाग की सचिव वंदना डाडेल, ऊर्जा वितरण निगम के एमडी राहुल पुरवार, जेयूएसएनएल के एमडी निरंजन कुमार सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
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