रांचीः झारखंड में कुल 4,040 कमल क्लब का गठन किया जाना है. इसके गठन के बाद रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया पूरी करनी है. वहीं, जैसे ही मुख्यमंत्री को मालूम चला कि अबतक सिर्फ 326 कमल क्लब का ही रजिस्ट्रेशन हुआ है तो वे बेहद नाराज हुए. मुख्यमंत्री ने सभी जिलों के उपायुक्तों को कमल क्लब से जुड़ी सारी प्रक्रियाएं पूरी करने का आदेश दिया है.
क्या है कमल क्लब
दरअसल, रघुवर सरकार ने पंचायत स्तर पर युवाओं में खेल की भावना पैदा करने और अच्छे खिलाड़ियों को उचित प्लेटफॉर्म मुहैया कराने के मकसद से कमल क्लब के गठन की योजना को स्वीकृति दी थी. इसके लिए बजट में भी प्रावधान किया गया था. कमल क्लब को खेल और युवा मामलों के विभाग के अधीन रखा गया था. लेकिन अबतक सिर्फ 326 कमल क्लब का ही गठन और रजिस्ट्रेशन हो पाया है. बता दें कि कमल क्लब को लेकर विपक्ष ने सरकार को घेरने की कोशिश की थी. विपक्ष ने युवाओं के लिए पंचायत स्तर पर बनाए जा रहे क्लब के नाम पर आपत्ति जताई थी.
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काम के आधार पर उपायुक्तों का सीआर होगा तय
मुख्यमंत्री ने जनसंवाद कार्यक्रम में आ रहे व्यक्तिगत और छोटे-मोटे मामलों को लेकर नाराजगी जाहिर की. उन्होंने कहा कि इस प्लेटफार्म पर वृद्धा पेंशन, विधवा पेंशन, राशन कार्ड, रिटायरमेंट के बाद कर्मचारियों को पेंशन नहीं मिलने के भी मामले आ रहे हैं. इससे साफ है कि जिला स्तर पर मामलों को लटकाया जा रहा है. इस को गंभीर बताते हुए मुख्यमंत्री ने सभी जिलों के डीसी को हर शनिवार शाम 3 से 4 बजे के बीच ऐसे मामलों की समीक्षा कर अपने स्तर से समाधान करने का निर्देश दिए है. मुख्यमंत्री ने कहा कि शनिवार को जिन मामलों का निपटारा उपायुक्त करेंगे. उसकी पूरी लिस्ट उसी दिन सीएमओ को भेजेंगे. अगर उपायुक्त अपने काम में कोताही बरतते हैं तो उनके सीआर में इस बात का जिक्र किया जाएगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि जिलास्तर पर मामलों को लटकाया जा रहा है. इसकी वजह से आम जनता परेशान होकर सीएम जनसंवाद में पहुंचती है. मुख्यमंत्री ने इसे गंभीर मामला बताया.