रांचीः झारखंड में एसटी, एससी, अत्यंत पिछड़ा वर्ग और पिछड़ा वर्ग के आरक्षण के प्रतिशत पर विचार-विमर्श कर सुझाव समर्पित करने के लिए उपसमिति गठित की जाएगी. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इस बाबत प्रस्ताव को अपनी स्वीकृति (CM approved subcommittee proposal) दी है. वर्तमान सरकार झारखंड में आरक्षण की सीमा बढ़ाने पर विचार कर रही है़. इसके लिए एक उपसमिति का गठन किया जायेगा. यह उच्चस्तरीय उपसमिति झारखंड में एसटी एससी और पिछड़ा वर्ग के आरक्षण की सीमा को बढ़ाने के संबंध में हर बिंदु पर नजर रखते हुए विचार-विमर्श कर अपना सुझाव राज्य सरकार को समर्पित करेगी.
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आपको बता दें कि राज्य में आरक्षण की सीमा को कैसे बढ़ाया जाए इसको लेकर उपसमिति के गठन (constitution of subcommittee) की बात दिसंबर 2021 में ही की गई थी. झारखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान सुदेश महतो के गैर सरकारी संकल्प पर संसदीय कार्य मंत्री लिखा था कि आरक्षण के प्रतिशत को बढ़ाने के लिए सरकार विचार कर रही है. इसके तहत आरक्षण की सीमा को 50 प्रतिशत से बढ़ाकर 73 फीसदी करने का प्रस्ताव विचाराधीन है. इसमें एसटी को 32, एससी को 14 और ओबीसी को प्रतिशत आरक्षण मिल सकता है.
झारखंड राज्य गठन के बाद से ही ओबीसी को उसकी आबादी की तुलना में आरक्षण नहीं मिलने का मामला लगातार उठता रहा है. इसको लेकर लगातार सियासी बयानबाजी भी होती रही है. झारखंड में ओबीसी को सिर्फ 14 फीसदी ही आरक्षण मिलता है. जबकि अनुसूचित जनजाति को 26 प्रतिशत और अनुसूचित जाति को 10 फीसदी आरक्षण मिलता है. इसी पर विचार-विमर्श कर सुझाव समर्पित के लिए उपसमिति के गठन के प्रस्ताव पर सीएम हेमंत सोरेन ने अपनी स्वीकृति दे दी है.