रांचीः मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और गवर्नर द्रौपदी मुर्मू ने मध्य प्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन के निधन पर गहरा शोक प्रकट किया है. मुख्यमंत्री ने कहा कि टंडन संवेदनशील व्यक्ति थे. साथ ही कुशल प्रशासक के रूप में उन्होंने अपनी विशिष्ट पहचान स्थापित की है. उनका निधन सभी के लिए अपूरणीय क्षति है. ईश्वर दिवंगत आत्मा की शांति और परिजनों को इस दुख को सहने की शक्ति प्रदान करें.
टंडन का जीवन सदा जनता के लिए समर्पित
राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने अपने शोक संदेश में कहा कि टंडन का जीवन सदा जनता के लिए समर्पित रहा है. उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश की राजनीति के एक लोकप्रिय जन नेता के साथ देश के पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेई के अभिन्न सहयोगी के रूप में उनका योगदान इतिहास में अविस्मरणीय रहेगा. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि कुशल प्रशासक के रूप में टंडन ने अपनी विशिष्ट पहचान स्थापित की है. उनका निधन सभी के लिए अपूरणीय क्षति है. टंडन पिछले कुछ दिनों से बीमार थे और उन्हें लखनऊ के हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था. मंगलवार की सुबह उनका निधन हो गया.
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लालजी टंडन का राजनीतिक सफर
बता दें कि 12 अप्रैल 1935 में जन्में लालजी टंडन ने अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत 1960 से की थी. उन्होंने इंदिरा गांधी की सरकार के खिलाफ जेपी आंदोलन में भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया था. वहीं, 1991-92 की उत्तर प्रदेश सरकार में वह मंत्री भी रह चुके थे. 21 अगस्त 2018 में वह बिहार के राज्यपाल भी बने थे, जिसके बाद उन्हें 20 जुलाई 2019 को मध्य प्रदेश का राज्यपाल बनाया गया था. काफी समय से बीमार चल रहे लालजी टंडन का इलाज यूपी की राजधानी लखनऊ के मेदांता अस्पताल में चल रहा था, जहां 21 जुलाई को उन्होंने अंतिम सांस ली.