रांची: नगर विकास विभाग के सचिव पद का कार्यभार संभालने के बाद विभागीय समीक्षा के दौरान विनय चौबे ने विकास योजनाओं की धीमी गति पर पदाधिकारियों को जमकर फटकार लगाई. उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि कागज पर नहीं धरातल पर काम दिखाएं. अपनी पहली समीक्षा बैठक में ही विभागीय सचिव ने यह साफ कर दिया है कि सरकार जनता की सुविधाओं को लेकर बेहद संवेदनशील है, इसलिए नगर निकाय वैसी योजनाओं को ही प्राथमिक सूची में रखें जिसका सीधा सरोकार जनता की जरुरत से हो. उन्होंने प्रधानमंत्री आवास योजना, पेयजलापूर्ति योजना, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन, स्वच्छ भारत मिशन, नमामि गंगे, नक्शों के निष्पादन, होल्डिंग टैक्स, सीवरेज ड्रेनेज निर्माण सहित कई योजनाओं की गहन समीक्षा की. समीक्षा बैठक के दौरान सचिव ने कई निर्देश दिए.
प्रधानमंत्री आवास योजना
विभागीय सचिव ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत चतुर्थ घटक लाभार्थी आधारित व्यक्तिगत आवास योजना में स्वीकृत जिन आवासों का निर्माण नहीं शुरु हुआ है, वो एक महीने के अंदर शुरु हो जाना चाहिए. वहीं तृतीय घटक भागीदारी में किफायती आवास के निर्माण का कार्य तब शुरु हो जब लाभुकों के बीच प्री आवांटन और लोन लेने की प्रक्रिया पूरी हो जाए.
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शहरी पेयजलापूर्ति योजना
सचिव ने कहा कि शहरों में जिन घरों से होल्डिंग टैक्स वसूलते हैं, उन घरों तक पाइपलाइन से पानी पहुंचे, इसकी व्यवस्था सुनिश्चित करें. जिन जलापूर्ति योजना का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है, उसका उद्घाटन तब होगा जब कम से कम संबंधित इलाकों के अस्सी प्रतिशत घरों में पाइपलाइन कनेक्शन का काम हो जाए. सभी घरों में मीटरयुक्त कनेक्शन मुहैया करें. सभी नगर निकायों को यह भी निर्देश दिया गया कि 15 मार्च तक यह तैयारी कर लें कि किसी भी शहर में गर्मी में पेयजल के लिए हहाकार न हो. तैयारियों को लेकर विभाग को अवगत कराएं ताकि कहीं अतिरिक्त सहयोग की जरुरत पड़ने पर वो सहयोग विभाग की ओर से की जा सके.
नई जलापूर्ति परियोजनाओं के लिए निर्देश
वैसे शहर जहां SCADA मॉडल इंप्लीमेंट नहीं है वहां टेंडर की प्रक्रिया शुरू की जाएगी तथा सभी प्रोजेक्ट का कंप्लीशन ससमय और फिजिकल और फाइनेंशियल माइलस्टोन को अचीव करने का निर्देश दिया गया.
ठोस अपशिष्ट प्रबंधन
विभागीय सचिव नें सभी नगर निकायों को निर्देशित किया कि साफ सफाई शहर के नागरिकों के लिए जरुरी है इसलिए कंसेशनायर को समय पर पैसा दें. जरुरत पड़ने पर उन्हें नागरिक सुविधा मद से भी आवंटन दे सकते हैं. वहीं जिन जगहों पर जमीन की कमी या किसी अन्य क्लेयरेंस नही मिलने के कारण ठोस अपशिष्ठ प्रबंधन प्लांट लगाने में परेशानी आ रही है तो उसे स्थानीय जिला प्रशासन या सक्षम प्राधिकार के साथ समन्वय बनाकर कार्य को गति देने का काम करें. ध्यान रहे कि ठोस अपशिष्ठ प्रबंधन प्लांट का अधिष्ठापन शहर के बस्तियों और ग्रामीण क्षेत्रों के टोले मोहल्ले से दूरी पर हो.
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वेंडर जोन
सचिव ने नगर निकायों के अधिकारियों को निर्देशित किया कि शहरों में वेंडर्स जोन चिन्हित करें और वहां बुनियादी सुविधा जैसे पेयजल, शौचालय,लाईटिंग, बैठने के लिए जगह और जरुरत के मुताबिक कुछ सेड की व्यवस्था करें. जिससे स्थानीय वेंडर्स को एक सुव्यवस्थित जगह बाजार लगाने के लिए मिल जाए और उस बाजार से जुड़े खरीदारों को भी बाजार उपलब्ध हो. उन्होंने कहा कि इसके लिए बहुत बड़े भवनों के निर्माण की जरुरत नही है, आवश्यक्ता पड़ने पर अर्थात् कम जगह होने की स्थिति में कहीं कही एक दो तल्ले के भवन का निर्माण स्थानीय वेंडर्स के लिए किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि वेंडर्स और उनसे जुड़ी इकोनॉमी भी समाज में संतुलन के लिए काफी महत्वपूर्ण है उन्हें भी कमाने खाने का हक है. इस व्यवस्था से हमारी ट्रैफिक व्यवस्था भी दुरुस्त रहेगी.
शेल्टर होम और भवन प्लान
सचिव ने विभिन्न शहरों में बनकर तैयार शेल्टर होम्स को जल्द जरुरतमंद लोगों के लिए संचालित करने का निर्देश दिया. इसके साथ ही नगर निकायों को आगाह भी किया कि शहरों में जिन आवासों का निर्माण हो रहा है उसका नक्शा समय पर पास होना चाहिए. आवेदक का अगर सभी कागजात सही है और भौतिक जांच में कोई समस्या नहीं है तो उसे बेवजह परेशानी न उठानी पड़े.
होल्डिंग टैक्स
सचिव नें शहरों से होल्डिंग टैक्स के रुप में संग्रहित हो रहे राजस्व पर संतोष जताते हुए जिन शहरों में होल्डिंग टैक्स की स्थिति सही नहीं है वहां तत्परता के साथ राजस्व संग्रहण का निर्देश दिया.
इसके साथ ही नगर विकास और आवास विभाग के सचिव नें केन्द्र और राज्य प्रायोजित योजनाओं के तहत चल रही बड़ी योजनाओं की प्रगति की जानकारी ली. नगर निकाय, जुडको और पीएमसी को कार्य में गति लाने का निर्देश दिया. समीक्षा बैठक में नगरीय प्रशासन निदेशालय के निदेशक राजीव रंजन, स्टेट अर्बन डेवेलपमेंट एजेंसी के निदेशक शशि रंजन, अपर सचिव एके रतन,संयुक्त सचिव संजय बिहारी अंबष्ठ, नगर विकास विभाग के कई अन्य पदाधिकारी, सभी नगर निकायों के नगर आयुक्त, मुख्य कार्यकारी पदाधिकारी, जुडको के पदाधिकारीगण मौजूद थे.