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JMM के प्रतिनिधिमंडल से हुई CIP निदेशक की वार्ता, मांगें पूरी कराने के आश्वासन पर आंदोलन स्थगित - रांची में भ्रष्टाचार के खिलाफ कांग्रेस और झामुमो का प्रदर्शन

कांग्रेस और झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेताओं और कार्यकर्ताओं की ओर से भ्रष्टाचार के खिलाफ कांके स्थित सीआईपी में जारी आंदोलन निदेशक के जल्द मांगे पूरी कराने के आश्वासन के बाद स्थगित कर दिया गया. इससे पहले प्रदर्शन कर रहे कांग्रेस और झामुमो के प्रतिनिधिमंडल से सीआईपी निदेशक डॉ दयाराम की वार्ता भी हुई, जिसमें सभी मांगों को पूरा करने का आश्वासन मिला.

सुप्रीयो भट्टाचार्य
सुप्रीयो भट्टाचार्य
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Published : Sep 22, 2020, 10:43 PM IST

रांची: कांग्रेस और झामुमो के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने भ्रष्टाचार के खिलाफ कांके स्थित सीआईपी में दूसरे दिन भी आंदोलन जारी रखा. दूसरे दिन झामुमो महिला मोर्चा की केंद्रीय अध्यक्ष महुवा मांझी समेत कांग्रेसी और झामुमो के दर्जनों कार्यकर्ताओं ने केंद्रीय मनोचिकित्सक संस्थान (CIP) का घेराव किया. इस दौरान प्रदर्शन कर रहे कांग्रेस और झामुमो के प्रतिनिधिमंडल से सीआईपी निदेशक डॉ. दयाराम की वार्ता भी हुई, जिसमें निदेशक ने सभी मांगों को पूरा कराने का आश्वासन दिया. इसके बाद आंदोलन कर रहे लोगों ने आंदोलन स्थगित कर दिया.

देखें पूरी खबर

क्या कहते हैं सुप्रियो भट्टाचार्य

वार्ता के दौरान झामुमो केंद्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने 72 घंटे के अंदर एसआईएस की सभी बैंक डिटेल्स, जिसमें सुरक्षा गार्डों को किया गया भुगतान शामिल है, ईपीएफ और ईएसआईसी का पूर्ण विवरण मांगा गया है. इसके अलावा इसकी एक कमेटी बनाकर जांच करने की भी मांग की गई है. साथ ही उन्होंने कहा कि गड़बड़ी पाए जाने पर अविलंब ब्लैक लिस्ट करने और एफआईआर कराने का भी आश्वासन मिला है.

कार्य देने में बरतें पारदर्शिता

उन्होंने कहा कि निदेशक इसके लिए केंद्र सरकार को पत्र लिखकर झामुमो, कांग्रेस तथा स्थानीय लोगों के दबाव और अपेक्षा की बात रखते हुए उनसे अनुमति लें. सेनेटाइजेशन एजेंसी के लिए तुरंत टेंडर करने, 25 लाख तक के कार्य स्थानीय लोगों को देने और पारदर्शिता बरतने की मांग की गई है. निदेशक ने उनके सुझाव के अनुरूप कार्रवाई करने का भरोसा दिया.

ये भी पढ़ें- हेमंत सरकार को नहीं है झारखंडी जनता की चिंता, महाधिवक्ता हाई कोर्ट में नहीं रख पाए अपना पक्ष: बाबूलाल मरांडी

उग्र आंदोलन की चेतावनी

झामुमो के जिलाध्यक्ष मुश्ताक आलम ने कहा कि सीआईपी निदेशक डॉ दयाराम से सकारात्मक वार्ता हुई है, तब तक के लिए आंदोलन को स्थगित किया जाता है. यदि मांगें पूरी नहीं हुई, तो पुनः उग्र आंदोलन किया जाएगा.

सीआईपी में भ्रष्टाचार का आरोप

बता दें कि कांग्रेस और झामुमो के कार्यकर्ताओं की ओर से कई बार सीआईपी निदेशक को सीआईपी में भ्रष्टाचार के खिलाफ ज्ञापन सौंपा गया था. उसके बाद सोमवार से अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन शुरू किया गया था. आरोप था कि केंद्रीय मनोचिकित्सक संस्थान के निदेशक डॉ दयाराम ने कुछ खास कंपनियों को सीमित निविदा पूछताछ की आड़ में करोड़ों करोड़ का लाभ पहुंचाया है. यह जनरल फाइनेंशियल रूल्स के नियमों के विरुद्ध है. संस्थान में सप्लायर्स का कोई रजिस्ट्रेशन नहीं किया गया है, न ही उनकी कोई सूची पोर्टल पर उपलब्ध कराई गई है. ऐसे में जो भी खरीदारी या कार्य सीमित निविदा पूछताछ में कोटेशन के आधार पर कराए गए हैं. वह गलत हैं. साथ ही सीआईपी निदेशक डॉ दयाराम से संस्थान में कार्यरत सुरक्षाकर्मियों को कम वेतन तथा इपीएफ राशि देने वाली निजी सुरक्षा एजेंसी एसआईएस को ब्लैक लिस्ट करने की मांग की गई थी.

रांची: कांग्रेस और झामुमो के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने भ्रष्टाचार के खिलाफ कांके स्थित सीआईपी में दूसरे दिन भी आंदोलन जारी रखा. दूसरे दिन झामुमो महिला मोर्चा की केंद्रीय अध्यक्ष महुवा मांझी समेत कांग्रेसी और झामुमो के दर्जनों कार्यकर्ताओं ने केंद्रीय मनोचिकित्सक संस्थान (CIP) का घेराव किया. इस दौरान प्रदर्शन कर रहे कांग्रेस और झामुमो के प्रतिनिधिमंडल से सीआईपी निदेशक डॉ. दयाराम की वार्ता भी हुई, जिसमें निदेशक ने सभी मांगों को पूरा कराने का आश्वासन दिया. इसके बाद आंदोलन कर रहे लोगों ने आंदोलन स्थगित कर दिया.

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क्या कहते हैं सुप्रियो भट्टाचार्य

वार्ता के दौरान झामुमो केंद्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने 72 घंटे के अंदर एसआईएस की सभी बैंक डिटेल्स, जिसमें सुरक्षा गार्डों को किया गया भुगतान शामिल है, ईपीएफ और ईएसआईसी का पूर्ण विवरण मांगा गया है. इसके अलावा इसकी एक कमेटी बनाकर जांच करने की भी मांग की गई है. साथ ही उन्होंने कहा कि गड़बड़ी पाए जाने पर अविलंब ब्लैक लिस्ट करने और एफआईआर कराने का भी आश्वासन मिला है.

कार्य देने में बरतें पारदर्शिता

उन्होंने कहा कि निदेशक इसके लिए केंद्र सरकार को पत्र लिखकर झामुमो, कांग्रेस तथा स्थानीय लोगों के दबाव और अपेक्षा की बात रखते हुए उनसे अनुमति लें. सेनेटाइजेशन एजेंसी के लिए तुरंत टेंडर करने, 25 लाख तक के कार्य स्थानीय लोगों को देने और पारदर्शिता बरतने की मांग की गई है. निदेशक ने उनके सुझाव के अनुरूप कार्रवाई करने का भरोसा दिया.

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उग्र आंदोलन की चेतावनी

झामुमो के जिलाध्यक्ष मुश्ताक आलम ने कहा कि सीआईपी निदेशक डॉ दयाराम से सकारात्मक वार्ता हुई है, तब तक के लिए आंदोलन को स्थगित किया जाता है. यदि मांगें पूरी नहीं हुई, तो पुनः उग्र आंदोलन किया जाएगा.

सीआईपी में भ्रष्टाचार का आरोप

बता दें कि कांग्रेस और झामुमो के कार्यकर्ताओं की ओर से कई बार सीआईपी निदेशक को सीआईपी में भ्रष्टाचार के खिलाफ ज्ञापन सौंपा गया था. उसके बाद सोमवार से अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन शुरू किया गया था. आरोप था कि केंद्रीय मनोचिकित्सक संस्थान के निदेशक डॉ दयाराम ने कुछ खास कंपनियों को सीमित निविदा पूछताछ की आड़ में करोड़ों करोड़ का लाभ पहुंचाया है. यह जनरल फाइनेंशियल रूल्स के नियमों के विरुद्ध है. संस्थान में सप्लायर्स का कोई रजिस्ट्रेशन नहीं किया गया है, न ही उनकी कोई सूची पोर्टल पर उपलब्ध कराई गई है. ऐसे में जो भी खरीदारी या कार्य सीमित निविदा पूछताछ में कोटेशन के आधार पर कराए गए हैं. वह गलत हैं. साथ ही सीआईपी निदेशक डॉ दयाराम से संस्थान में कार्यरत सुरक्षाकर्मियों को कम वेतन तथा इपीएफ राशि देने वाली निजी सुरक्षा एजेंसी एसआईएस को ब्लैक लिस्ट करने की मांग की गई थी.

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