रांची: राज्य भर में संगठित आपराधिक गिरोहों पर बड़े क्रैकडाउन की तैयारी की गई है. मंगलवार को सीआईडी डीजी अनुराग गुप्ता ने सभी जोनल डीआईजी के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग की, इस दौरान उन्होंने सभी डीआईजी को निर्देश दिया है कि वह अपने अपने क्षेत्राधिकार के जिलों में वैसे जेल कर्मियों को चिन्हित करें जो जेल में बंद अपराधियों की मदद करते हैं.
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जेल में बंद अपराधियों को मोबाइल और अन्य सुविधाएं देने वाले कर्मियों को चिन्हित करने का टास्क डीआईजी स्तर के अधिकारियों को दिया गया है. वहीं ऐसे सक्रिय अपराधियों की सूची भी तैयार की जा रही है जो जेल में होने के बाद भी सक्रिय हैं. जेल में रह रहे सक्रिय कैदियों की गतिविधि पर लगाम लगाने के लिए उनकी कोर्ट में सशरीर पेशी न करा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से पेशी का प्रस्ताव तैयार किया गया है.
किस तरह लगायी जाएगी लगाम: राज्यभर में सीआईडी ने तीन श्रेणी के अपराधियों की सूची तैयार की है. पहली श्रेणी में 10 से अधिक मामले, दूसरी श्रेणी में 5 से 10 मामले और तीसरे श्रेणी में पांच के नीचे के मामले वाले अपराधियों की सूची तैयार की गई है. झारखंड में सक्रिय अमन साव, अमन श्रीवास्तव, विकास तिवारी, डब्लू पांडेय, प्रिंस खान समेत अन्य गिरोह के अपराधियों की सूची तैयार की गई है. इन गिरोह के सदस्यों पर सीसीए लगाने, जमानतदारों के सत्यापन, मोबाइल फोन के जेल में इस्तेमाल पर एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया गया है. वहीं जेजेएमपी, टीपीसी या माओवादियों के नाम पर भी अपराध करने वाले शातिरों को चिन्हित करने का निर्देश डीजी सीआईडी ने दिया है.
रांची रेंज की जानकारी दी डीआईजी ने: सीआईडी डीजी के द्वारा जारी किए गए निर्देश के आलोक में सभी रेंज डीआईजी ने हाल के दिनों में संगठित अपराधियों के खिलाफ की गई कार्रवाई का ब्यौरा भी पेश किया. रांची डीआईजी अनूप बिरथरे ने बताया कि रांची रेंज के पांच जिलों में 257 अपरधकर्मियों को चिन्हित किया गया है. जिनमें से रांची में 107, गुमला में 80, लोहरदगा में 25, सिमडेगा में 38 और खूंटी में 7 अपराधी शामिल हैं. इन अपराधियों के खिलाफ सीसीए के तहत कार्रवाई की जा रही है. इसके अलावा उनके जमानत को रद्द करने की कार्रवाई भी की जा रही है. सभी के जमानदारों का भौतिक सत्यापन भी किया जा रहा है.