रांची: झारखंड सीआईडी की टीम ने साल 2020 की अपनी उपलब्धियों से संबंधित आंकड़े जारी किए हैं. सीआईडी ने साल 2020 में अपने अनुसंधान के स्तर में काफी सुधार किया है. कई महत्वपूर्ण मामलों को सीआईडी की टीम ने सुलझाते हुए आरोपियों को सलाखों के पीछे पहुंचाया. वहीं साइबर अपराध को रोकने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.
क्या है आंकड़ा
सीआईडी ने साल 2020 में साइबर अपराध से जुड़े दस केस समेत नन साइबर के 65 केसों का अनुसंधान पूरा किया है. साइबर अपराध से जुड़े मामलों में सीआईडी ने छह केस में चार्जशीट दायर की है, चार में फाइनल रिपोर्ट सौंपी जा चुकी है. नन साइबर केस में 13 में चार्जशीट, जबकि 52 में कोर्ट में फाइनल रिपोर्ट सौंपी जा चुकी है. सीआईडी के पास एक जनवरी 2020 में 84 साइबर व 203 नन साइबर केस थे. इस साल सीआईडी ने 25 साइबर व 35 नन साइबर केस को टेकओवर किया था. अनुसंधान के दौरान इस साल साइबर के 99, जबकि नन साइबर के महज 173 केस लंबित हैं.
नए साल में खुलेगा मार्डन साइबर लैब
राज्य के सीआईडी एडीजी अनिल पालटा ने बताया कि सीआईडी ने अनुसंधान के तौर तरीकों में काफी बदलाव किए हैं, तकनीकी अनुसंधान पर जोर दिया गया है, अब सीआईडी के अधीन मार्डन साइबर लैब खोला जाएगास, नए साल में फरवरी महीने तक नया साइबर लैब खुल जाएगा, जिससे साइबर मामलों के अनुसंधान में काफी मदद मिलेगी.
कई महत्वपूर्ण केस सीआईडी ने सुलझाए
साल 2020 में सीआईडी ने कई अहम केस खुलझाए. सहकारिता बैंक में 39.02 करोड़ के गबन के मामले में सहकारिता विभाग के पदाधिकारी, बैंक अधिकारी, व्यवसायियों को गिरफ्तार किया जा चुका है. सीआईडी ने गुमला, पलामू के सरकारी खातों से कुल 21 करोड़ की निकासी में भी आरोपियों को दबोचा. वहीं धान खरीद के 24 मामलों में 12.85 करोड़ की अनियमितता का खुलासा किया. उग्रवादियों के साथ मुठभेड़ के 11 कांड का टेकओवर सीआईडी ने किया. वहीं निरसा में संगठित तरीके से गांजा रख कर ईसीएल कर्मी को फंसाने के मामले और बालूमाथ में कोयला चोरी के केस में भी जांच अहम मोड़ पर है. नक्सल सहयोगी बिरसा मांझी समेत 16 महत्वपूर्ण गिरफ्तारियां भी सीआईडी ने की है.
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नए साल के पहले महीने में कई अहम केस की जिम्मेदारी
साल 2021 के जनवरी महीने में सीआइडी कई अहम केस टेकओवर करेगी. खूंटी में जीदन गुड़िया, रांची में पुनई उरांव समेत चार उग्रवादी कांड का अनुसंधान जनवरी में सीआईडी करेगी. वहीं रांची, देवघर, धनबाद में जमीन बिक्री में अनियमितता के मामलों में भू-राजस्व विभाग के निर्देश पर दर्ज कांडों का अनुसंधान सीआईडी के ओर से की जाएगी.