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घूमने निकले थे बच्चे, भटके तो गढ़ ली अपहरण की कहानी, जानें क्या है पूरा मामला - बच्चे भटके तो गढ़ ली अपहरण की कहानी

रांची के पांच बच्चे घरवालों को बिना बताए घूमने निकल गए, लेकिन जब बेड़ो पहुंचे तो उन्हें आगे का रास्ता नहीं समझ में आया. इस पर उन्होंने परिजनों को अपहरण की कहानी सुना दी. हालांकि बाद में उन्होंने हकीकत बयान कर दी.

Children told story of their kidnapping to police
घूमने निकले थे बच्चे भटके तो गढ़ ली अपहरण की कहानी
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Published : Feb 1, 2021, 7:24 PM IST

रांचीः जिले के पांच बच्चे घर वालों को बिना बताए घूमने निकल गए, सभी मेकॉन कॉलोनी से निकलकर दिबडीह पहुंचे. यहां से ऑटो पकड़ कर रातू रोड पहुंचे और रातू रोड से ऑटो से ही बेड़ो पहुंच गए. वहां ऑटो वाले ने उतारा तो आगे का रास्ता समझ में नहीं आया, इस पर परिजनों के डर से अपहरण की कहानी गढ़ ली. इसके बाद उन्होंने एक दुकानदार की मदद से परिजनों को अपहरण की कहानी सुनाई. इसके बाद तो हड़कंप मच गया. अपहरण की जानकारी मिलने के बाद ही पुलिस रेस हो गई, पूरे इलाके में नाकेबंदी कर संबंधित ऑटो की तलाश शुरू कर दी गई. हालांकि परिजनों की सलाह पर दुकानदार ने उन्हें थाने पहुंचा दिया. लेकिन बाद में बच्चों ने घरवालों से हकीकत बयान कर दी.

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पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक बच्चों की उम्र 8 से लेकर 12 साल के बीच की है. सभी प्लान बनाकर घूमने निकले थे, उनके पास करीब 1000 रुपये भी थे. बच्चों में तीन बच्चियां भी शामिल हैं. सभी रविवार को मेकॉन कॉलोनी से निकलकर दिबडीह पहुंचे थे. वहां से ऑटो से ही बेड़ो पहुंच गए. वहां ऑटो वाले ने उतार दिया, लेकिन यहां बच्चों को समझ आया कि वह भटक गए हैं. इसके बाद एक दुकान में जाकर उन लोगों ने अपने परिजनों को कॉल करने के लिए कहा. बच्चों ने परिजनों और पुलिस को बताया की मेकॉन कॉलोनी स्थित एक मैदान में बैडमिंटन खेलने के दौरान नशीला पदार्थ सुंघाकर उनका अपहरण कर लिया गया था और एक ऑटो से उन्हें ले जाया जा रहा था. बाद में जब बच्चों को पुलिस ने परिजनों को सौंप दिया और परिजन लेकर घर पहुंचे तब बच्चों ने हकीकत बताई और बताया कि अपहरण की झूठी कहानी गढ़ी थी.

रांचीः जिले के पांच बच्चे घर वालों को बिना बताए घूमने निकल गए, सभी मेकॉन कॉलोनी से निकलकर दिबडीह पहुंचे. यहां से ऑटो पकड़ कर रातू रोड पहुंचे और रातू रोड से ऑटो से ही बेड़ो पहुंच गए. वहां ऑटो वाले ने उतारा तो आगे का रास्ता समझ में नहीं आया, इस पर परिजनों के डर से अपहरण की कहानी गढ़ ली. इसके बाद उन्होंने एक दुकानदार की मदद से परिजनों को अपहरण की कहानी सुनाई. इसके बाद तो हड़कंप मच गया. अपहरण की जानकारी मिलने के बाद ही पुलिस रेस हो गई, पूरे इलाके में नाकेबंदी कर संबंधित ऑटो की तलाश शुरू कर दी गई. हालांकि परिजनों की सलाह पर दुकानदार ने उन्हें थाने पहुंचा दिया. लेकिन बाद में बच्चों ने घरवालों से हकीकत बयान कर दी.

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पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक बच्चों की उम्र 8 से लेकर 12 साल के बीच की है. सभी प्लान बनाकर घूमने निकले थे, उनके पास करीब 1000 रुपये भी थे. बच्चों में तीन बच्चियां भी शामिल हैं. सभी रविवार को मेकॉन कॉलोनी से निकलकर दिबडीह पहुंचे थे. वहां से ऑटो से ही बेड़ो पहुंच गए. वहां ऑटो वाले ने उतार दिया, लेकिन यहां बच्चों को समझ आया कि वह भटक गए हैं. इसके बाद एक दुकान में जाकर उन लोगों ने अपने परिजनों को कॉल करने के लिए कहा. बच्चों ने परिजनों और पुलिस को बताया की मेकॉन कॉलोनी स्थित एक मैदान में बैडमिंटन खेलने के दौरान नशीला पदार्थ सुंघाकर उनका अपहरण कर लिया गया था और एक ऑटो से उन्हें ले जाया जा रहा था. बाद में जब बच्चों को पुलिस ने परिजनों को सौंप दिया और परिजन लेकर घर पहुंचे तब बच्चों ने हकीकत बताई और बताया कि अपहरण की झूठी कहानी गढ़ी थी.

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