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साइबर क्रिमिनल के झांसे में आते-आते बचे चीफ जस्टिस, साइबर क्राइम पर कोर्ट हुआ सख्त

झारखंड हाई कोर्ट में राज्य में बढ़ते साइबर क्राइम के मामले पर सुनवाई हुई. इस दौरान अदालत ने राज्य सरकार से साइबर क्राइम पर अंकुश लगाने के बारे में जानकारी मांगी है. अब मामले की अगली सुनवाई 6 सप्ताह बाद की जाएगी.

hearing in jharkhand high court in case of increasing cyber crime
झारखंड हाई कोर्ट
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Published : Jan 15, 2021, 8:36 PM IST

रांचीः राज्य में साइबर क्राइम के मामले पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने सरकार से जवाब मांगा है. इस मामले में कोर्ट ने राज्य सरकार को जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है. इसके साथ ही केंद्र सरकार, प्रवर्तन निदेशालय और आयकर विभाग को प्रतिवादी बनाते हुए सभी को 29 जनवरी तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है. मुख्य न्यायाधीश को भी अपराधियों ने फंसाने की योजना बनाई थी, लेकिन वह बाल-बाल बचे, उन्हें गिफ्ट का प्रलोभन दिया गया था. उन्होंने गिफ्ट लेने से इनकार किया, इसलिए वो बाल-बाल बचे. उन्होंने कहा कि जिस तरह से साइबर अपराध राज्य में बढ़ रहा है कोई भी इसमें फंस सकता है.

देखें पूरी स्टोरी
साइबर क्राइम पर अंकुश लगाने के बारे में जानकारी झारखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉ रवि रंजन और न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत में राज्य में बढ़ रहे साइबर क्राइम को रोकने के मामले में सुनवाई हुई. अदालत ने राज्य सरकार से पूछा कि, साइबर क्राइम को रोकने के लिए क्या कुछ कदम उठाया है? साथ ही उन्होंने केंद्र सरकार, ईडी और आईटी विभाग को भी पार्टी बनाते हुए साइबर क्राइम पर अंकुश लगाने के बारे में जानकारी मांगी है. उन्होंने कहा कि जब तक ठोस कार्रवाई नहीं होगी और अपराधियों की ओर से अपराध कर कमाया गया धन जब तक जब्त नहीं किया जाएगा, तब तक अपराध पर अंकुश नहीं लगाया जा सकता है. राज्य में इस तरह की कोई नीति नहीं है. इस संबंध में मनोज कुमार राय ने जनहित याचिका दायर की है.

इसे भी पढ़ें- रांची रेलवे स्टेशन से अफीम तस्कर गिरफ्तार, साढ़े तीन किलो अफीम बरामद


लोगों को झांसे में लेकर पैसे उड़ा रहे
याचिका में कहा गया है कि राज्य में साइबर अपराधी सक्रिय हो गए हैं. हर दिन साइबर अपराधी राज्य के लोगों को अपना निशाना बना रहे हैं. 1 माह में करोड़ों रुपये राज्य के लोगों के खाते से उड़ा लिए जा रहे हैं. जिस रफ्तार से साइबर अपराध हो रहे हैं, उस रफ्तार से अपराधी पकड़े नहीं जा रहे हैं. साइबर अपराधी नए-नए तरीके से लोगों को झांसे में लेकर पैसे उड़ा रहे हैं. सरकार को साइबर अपराध पर नियंत्रण के लिए हाई कोर्ट से निर्देश देने का आग्रह प्रार्थी ने किया है.

रांचीः राज्य में साइबर क्राइम के मामले पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने सरकार से जवाब मांगा है. इस मामले में कोर्ट ने राज्य सरकार को जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है. इसके साथ ही केंद्र सरकार, प्रवर्तन निदेशालय और आयकर विभाग को प्रतिवादी बनाते हुए सभी को 29 जनवरी तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है. मुख्य न्यायाधीश को भी अपराधियों ने फंसाने की योजना बनाई थी, लेकिन वह बाल-बाल बचे, उन्हें गिफ्ट का प्रलोभन दिया गया था. उन्होंने गिफ्ट लेने से इनकार किया, इसलिए वो बाल-बाल बचे. उन्होंने कहा कि जिस तरह से साइबर अपराध राज्य में बढ़ रहा है कोई भी इसमें फंस सकता है.

देखें पूरी स्टोरी
साइबर क्राइम पर अंकुश लगाने के बारे में जानकारी झारखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉ रवि रंजन और न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत में राज्य में बढ़ रहे साइबर क्राइम को रोकने के मामले में सुनवाई हुई. अदालत ने राज्य सरकार से पूछा कि, साइबर क्राइम को रोकने के लिए क्या कुछ कदम उठाया है? साथ ही उन्होंने केंद्र सरकार, ईडी और आईटी विभाग को भी पार्टी बनाते हुए साइबर क्राइम पर अंकुश लगाने के बारे में जानकारी मांगी है. उन्होंने कहा कि जब तक ठोस कार्रवाई नहीं होगी और अपराधियों की ओर से अपराध कर कमाया गया धन जब तक जब्त नहीं किया जाएगा, तब तक अपराध पर अंकुश नहीं लगाया जा सकता है. राज्य में इस तरह की कोई नीति नहीं है. इस संबंध में मनोज कुमार राय ने जनहित याचिका दायर की है.

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लोगों को झांसे में लेकर पैसे उड़ा रहे
याचिका में कहा गया है कि राज्य में साइबर अपराधी सक्रिय हो गए हैं. हर दिन साइबर अपराधी राज्य के लोगों को अपना निशाना बना रहे हैं. 1 माह में करोड़ों रुपये राज्य के लोगों के खाते से उड़ा लिए जा रहे हैं. जिस रफ्तार से साइबर अपराध हो रहे हैं, उस रफ्तार से अपराधी पकड़े नहीं जा रहे हैं. साइबर अपराधी नए-नए तरीके से लोगों को झांसे में लेकर पैसे उड़ा रहे हैं. सरकार को साइबर अपराध पर नियंत्रण के लिए हाई कोर्ट से निर्देश देने का आग्रह प्रार्थी ने किया है.

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