रांची: लोक आस्था के पर्व छठ पूजा 2022 की शुरुआत हो चुकी है (Chhath Puja Mahaparva 2022). 4 दिनों तक चलने वाली छठ पूजा की शुरुआत शुक्रवार को नहाय खाय और कद्दू भात के साथ हो गई. व्रतियों ने गंगा स्नान करने के बाद पूजा किया और फिर कद्दू की सब्जी,अरवा चावल और चने की दाल का प्रसाद बनाकर ग्रहण किया.
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नहाय खाय के दिन कद्दू खाने के महत्व को लेकर राजधानी के प्रसिद्ध पंडित जितेंद्र महाराज बताते हैं कि नहाय खाय के दिन कद्दू खाने के पीछे धार्मिक मान्यता यह है कि कद्दू,चने की दाल और अरवा चावल शुद्ध होते हैं. वहीं 36 घंटे निर्जला उपवास करने से पहले व्रतियों के कद्दू भात खाने से उनकी प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाती है जो छठ के दौरान उपवास करने में मदद करता है. कई चिकित्सकों ने अनेक बार बताया है कि कद्दू में अनेक प्रकार के पोषक तत्व होते हैं. इसमें पानी की भी अच्छी खासी मात्रा होती है, साथ ही पर्याप्त मात्रा में एंटी ऑक्सीडेंट भी पाया जाता है.
कद्दू के अलावा इन सामानों की भी बढ़ जाती है मांग: कद्दू की सब्जी के साथ बाजार में अदरक, गाजर, शकरकंद और मूली की भी खूब बिक्री हुई. छठ पूजा के दौरान काम आने वाली चीजों पानी वाले नारियल, कच्ची हल्दी, पत्ते वाले अदरक, बड़े नींबू, मिठाई, सुपारी, कपूर, कुमकुम, आम के पत्ते, सेब, सिंघाड़ा, नाशपाती की दुकानों पर भीड़ देखी गई. इन चीजों की बिक्री खूब हुई. हाल यह रहा कि अदरक और मूली जैसे सामान फलों की दुकान पर भी बिकते देखे गए.
फलों की दुकान में भी मिल रहे हैं अदरक, मूली, गाजर : छठ के दौरान फल दुकान चला रहे व्यापारी शुभम अग्रवाल बताते हैं कि पूजा में जो भी सामग्री काम आती है, वह फल दुकान में मिल रही है. नहाय खाय के दिन देर शाम से यह सभी सामान फल दुकानों में सज गए.
छठ पूजा को लेकर पंडित जितेंद्र महाराज का कहना है कि कार्तिक माह में भगवान सूर्य कष्ट में रहते हैं, ऐसे में जब भक्त उनकी पूजा करते हैं तो उनका कष्ट दूर होता है और वह खुश होकर अपने भक्तों को धन प्राप्ति, संतान प्राप्ति, सुख समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं.