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छठ पूजा के लिए तालाब, नदी और डैम आने पर सरकार ने लगाई रोक, संक्रमण के खतरे का अंदेशा

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Published : Nov 16, 2020, 12:01 AM IST

झारखंड में इस साल श्रद्धालुओं को अपने घरों पर ही छठ पूजा करनी होगी. राज्य सरकार ने कोरोना फैलने के अंदेशे को देखते हुए प्रदेश में सार्वजनिक तालाब, नदी, डैम या जलाशयों में लोक आस्था के महापर्व छठ के आयोजन पर रोक लगा दी है.

Chhath Puja banned at river and pond in Jharkhand
छठ पूजा के लिए तालाब, नदी और डैम आने पर सरकार ने लगाई रोक

रांची: झारखंड में सार्वजनिक तालाब, नदी, डैम या जलाशयों में लोक आस्था के महापर्व छठ के आयोजन पर रोक लगा दी गई है. मुख्य सचिव सुखदेव सिंह की ओर से इस बाबत आदेश जारी किया गया है. सरकार का मानना है कि छठ घाट पर दो गज की दूरी सुनिश्चित कराना मुश्किल होगा. आशंका इस बात को लेकर भी जताई गई है कि सार्वजनिक स्तर पर तालाब, नदी या जलाशयों में पूजा के दौरान कोविड-19 के संक्रमण का खतरा हो सकता है. इसी वजह से झारखंड में अब तक स्विमिंग पूल नहीं खोलने दिया गया है.

ये भी पढ़ें-राज्य स्थापना दिवस पर आधे से अधिक गलेंट्री मेडल अपनी झोली में डाल, झारखंड जगुआर ने लहराया परचम

सरकार की ओर से जारी गाइडलाइन के अनुसार, इस साल किसी भी छठ घाट पर किसी तरह कर सर्वजनिक स्टॉल नहीं लगाया जा सकेगा. कोई भी सामाजिक संगठन छठ घाट के आसपास किसी तरह की बैरिकेडिंग, लाइटिंग की व्यवस्था नहीं कर सकेगा. छठ घाट पर आतिशबाजी पर भी रोक रहेगी. लोक आस्था के महापर्व छठ के दौरान सार्वजनिक स्थल पर किसी तरह का म्यूजिकल कार्यक्रम नहीं किया जा सकेगा. सरकार की तरफ से जारी आदेश में कहा गया है कि झारखंड में को संक्रमण के मामलों में लगातार कमी आ रही है, ऐसा इसलिए हो पाया है कि मिनिस्ट्री ऑफ होम अफेयर्स की तरफ से मिली छूट के बावजूद कई मामलों में सरकार ने सावधानी के साथ कदम बढ़ाया है.

लोक आस्था के महापर्व छठ के दौरान अस्ताचलगामी और उदीयमान भास्कर को अर्घ्य दिया जाता है. इस दौरान श्रद्धालु पानी में डुबकी लगाते हैं और उसके बाद शाम और सुबह का अर्घ्य अर्पित करते हैं. ऐसी स्थिति में कोविड-19 के संक्रमण का खतरा हो सकता है. सरकार के इस आदेश से साफ हो गया है कि इस साल श्रद्धालुओं को अपने घर पर ही छठ पूजा करनी होगी.

रांची: झारखंड में सार्वजनिक तालाब, नदी, डैम या जलाशयों में लोक आस्था के महापर्व छठ के आयोजन पर रोक लगा दी गई है. मुख्य सचिव सुखदेव सिंह की ओर से इस बाबत आदेश जारी किया गया है. सरकार का मानना है कि छठ घाट पर दो गज की दूरी सुनिश्चित कराना मुश्किल होगा. आशंका इस बात को लेकर भी जताई गई है कि सार्वजनिक स्तर पर तालाब, नदी या जलाशयों में पूजा के दौरान कोविड-19 के संक्रमण का खतरा हो सकता है. इसी वजह से झारखंड में अब तक स्विमिंग पूल नहीं खोलने दिया गया है.

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सरकार की ओर से जारी गाइडलाइन के अनुसार, इस साल किसी भी छठ घाट पर किसी तरह कर सर्वजनिक स्टॉल नहीं लगाया जा सकेगा. कोई भी सामाजिक संगठन छठ घाट के आसपास किसी तरह की बैरिकेडिंग, लाइटिंग की व्यवस्था नहीं कर सकेगा. छठ घाट पर आतिशबाजी पर भी रोक रहेगी. लोक आस्था के महापर्व छठ के दौरान सार्वजनिक स्थल पर किसी तरह का म्यूजिकल कार्यक्रम नहीं किया जा सकेगा. सरकार की तरफ से जारी आदेश में कहा गया है कि झारखंड में को संक्रमण के मामलों में लगातार कमी आ रही है, ऐसा इसलिए हो पाया है कि मिनिस्ट्री ऑफ होम अफेयर्स की तरफ से मिली छूट के बावजूद कई मामलों में सरकार ने सावधानी के साथ कदम बढ़ाया है.

लोक आस्था के महापर्व छठ के दौरान अस्ताचलगामी और उदीयमान भास्कर को अर्घ्य दिया जाता है. इस दौरान श्रद्धालु पानी में डुबकी लगाते हैं और उसके बाद शाम और सुबह का अर्घ्य अर्पित करते हैं. ऐसी स्थिति में कोविड-19 के संक्रमण का खतरा हो सकता है. सरकार के इस आदेश से साफ हो गया है कि इस साल श्रद्धालुओं को अपने घर पर ही छठ पूजा करनी होगी.

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