ETV Bharat / state

Jharkhand Congress: झारखंड कांग्रेस से भूल हो गई! दोषी नेताओं को निष्कासित नहीं, निलंबित किया गया है

झारखंड कांग्रेस में अजब-गजब खेल चलता रहता है. पहले चार नेताओं को अनुशासनहीनता का दोषी माना जाता है. फिर कार्रवाई करने में एक सप्ताह से ज्यादा का समय लग जाता है. कार्रवाई के बाद दोषी नेता धरना प्रदर्शन की धमकी देते हैं. जिसके चंद दिनों बाद ही दोषी नेताओं की सजा में बदलाव हो जाता है, वजह मानवीय भूल बताई जाती है.

Changes in sentence of convicted jharkhand Congress leaders
Changes in sentence of convicted jharkhand Congress leaders
author img

By

Published : Feb 22, 2023, 7:55 PM IST

Updated : Feb 22, 2023, 8:04 PM IST

राकेश सिन्हा, कांग्रेस नेता

रांचीः झारखंड प्रदेश कांग्रेस अनुशासन समिति की अनुशंसा पर फैसला लेते हुए 12 फरवरी को पीसीसी झारखंड ने प्रदेश महासचिव आलोक दुबे, राजेश गुप्ता छोटू, प्रदेश सचिव साधुशरण गोप और प्रदेश डेलीगेट्स मेंबर लाल किशोर नाथ शाहदेव को छह वर्ष के लिए दल से निलंबित करने की घोषणा की थी. तब प्रदेश प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद ने मीडिया को PCC झारखंड के फैसले से अवगत भी कराया था. लेकिन जब अनुशासनात्मक कार्रवाई का पत्र इन नेताओं के लिए जारी हुआ तो उसका मजमून बदला- बदला था. इन नेताओं को छह वर्ष के लिए निलंबन की जगह सिर्फ निलंबित किया गया है.

ये भी पढ़ेंः Expelled Congress Leaders PC: कांग्रेस से निष्कासित नेता रायपुर महाधिवेशन में देंगे धरना, प्रदेश अध्यक्ष पर लगाई आरोपों की झड़ी

झारखंड अनुशासन समिति ने दल से बाहर करने की अनुशंसा की थीः 8 जनवरी 2023 को ही झारखंड राज्य कांग्रेस अनुशासन समिति ने अनुशासन तोड़ने वाले पांच पार्टी पदाधिकारियों को पार्टी से बाहर कर देने की अनुशंसा कर दी थी. एक महीने से अधिक समय बाद जब अनुशासन की गाज गिरी तो ऐसा कहा गया कि चारों नेताओं को दल से छह वर्ष के लिए बाहर कर दिया गया है. लेकिन जब पत्र जारी हुआ तो उसमें छह वर्ष का समय हटा दिया गया .

झारखंड प्रदेश कांग्रेस महासचिव राकेश सिन्हा ने अनुशासनहीनता मामले में हुई कार्रवाई में बदलाव की वजह मानवीय भूल बताते हुए कहा कि कार्रवाई तो बिना किसी दवाब के हुई है. उन्होंने कहा कि पार्टी संविधान के अनुसार पहले वाले पत्र में कुछ त्रुटि रह गयी थी. इसलिए उसमें थोड़ा बदलाव किया गया है. पार्टी संविधान के अनुसार निलंबन की कोई निश्चित अवधि नहीं होती है. इसी वजह से छह वर्ष के निलंबन की जगह सिर्फ निलंबित शब्द का इस्तेमाल किया गया है.

अनुशासनहीनता के दोषी पाए गए नेताओं ने रायपुर कांग्रेस अधिवेशन में धरना देने की दी थी चेतावनीः पार्टी से छह वर्ष के लिए निष्कासित होने की खबर मिलने के बाद 13 फरवरी को चारों नेताओं ने स्टेट गेस्ट हाउस में संवाददाता सम्मेलन किया था. जिसमें कार्रवाई को गलत बताते हुए प्रदेश नेतृत्व के खिलाफ जमकर भड़ास निकाली थी. नेताओं ने 25 फरवरी से होने वाले रायपुर कांग्रेस महाधिवेशन में धरना देने तक की चेतावनी दी थी. अब अनुशासनहीनता को लेकर हुई सजा में बदलाव उस धमकी का नतीजा है या मानवीय भूल का, यह तो मालूम नहीं. अनुशासनात्मक कार्रवाई की जद में आये नेताओं की रायपुर में कांग्रेस महाधिवेशन में धरना देने की घोषणा को झारखंड कांग्रेस पार्टी के आंतरिक लोकतंत्र का परिचायक बताती है.

राकेश सिन्हा, कांग्रेस नेता

रांचीः झारखंड प्रदेश कांग्रेस अनुशासन समिति की अनुशंसा पर फैसला लेते हुए 12 फरवरी को पीसीसी झारखंड ने प्रदेश महासचिव आलोक दुबे, राजेश गुप्ता छोटू, प्रदेश सचिव साधुशरण गोप और प्रदेश डेलीगेट्स मेंबर लाल किशोर नाथ शाहदेव को छह वर्ष के लिए दल से निलंबित करने की घोषणा की थी. तब प्रदेश प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद ने मीडिया को PCC झारखंड के फैसले से अवगत भी कराया था. लेकिन जब अनुशासनात्मक कार्रवाई का पत्र इन नेताओं के लिए जारी हुआ तो उसका मजमून बदला- बदला था. इन नेताओं को छह वर्ष के लिए निलंबन की जगह सिर्फ निलंबित किया गया है.

ये भी पढ़ेंः Expelled Congress Leaders PC: कांग्रेस से निष्कासित नेता रायपुर महाधिवेशन में देंगे धरना, प्रदेश अध्यक्ष पर लगाई आरोपों की झड़ी

झारखंड अनुशासन समिति ने दल से बाहर करने की अनुशंसा की थीः 8 जनवरी 2023 को ही झारखंड राज्य कांग्रेस अनुशासन समिति ने अनुशासन तोड़ने वाले पांच पार्टी पदाधिकारियों को पार्टी से बाहर कर देने की अनुशंसा कर दी थी. एक महीने से अधिक समय बाद जब अनुशासन की गाज गिरी तो ऐसा कहा गया कि चारों नेताओं को दल से छह वर्ष के लिए बाहर कर दिया गया है. लेकिन जब पत्र जारी हुआ तो उसमें छह वर्ष का समय हटा दिया गया .

झारखंड प्रदेश कांग्रेस महासचिव राकेश सिन्हा ने अनुशासनहीनता मामले में हुई कार्रवाई में बदलाव की वजह मानवीय भूल बताते हुए कहा कि कार्रवाई तो बिना किसी दवाब के हुई है. उन्होंने कहा कि पार्टी संविधान के अनुसार पहले वाले पत्र में कुछ त्रुटि रह गयी थी. इसलिए उसमें थोड़ा बदलाव किया गया है. पार्टी संविधान के अनुसार निलंबन की कोई निश्चित अवधि नहीं होती है. इसी वजह से छह वर्ष के निलंबन की जगह सिर्फ निलंबित शब्द का इस्तेमाल किया गया है.

अनुशासनहीनता के दोषी पाए गए नेताओं ने रायपुर कांग्रेस अधिवेशन में धरना देने की दी थी चेतावनीः पार्टी से छह वर्ष के लिए निष्कासित होने की खबर मिलने के बाद 13 फरवरी को चारों नेताओं ने स्टेट गेस्ट हाउस में संवाददाता सम्मेलन किया था. जिसमें कार्रवाई को गलत बताते हुए प्रदेश नेतृत्व के खिलाफ जमकर भड़ास निकाली थी. नेताओं ने 25 फरवरी से होने वाले रायपुर कांग्रेस महाधिवेशन में धरना देने तक की चेतावनी दी थी. अब अनुशासनहीनता को लेकर हुई सजा में बदलाव उस धमकी का नतीजा है या मानवीय भूल का, यह तो मालूम नहीं. अनुशासनात्मक कार्रवाई की जद में आये नेताओं की रायपुर में कांग्रेस महाधिवेशन में धरना देने की घोषणा को झारखंड कांग्रेस पार्टी के आंतरिक लोकतंत्र का परिचायक बताती है.

Last Updated : Feb 22, 2023, 8:04 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.