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रांचीः चैंबर ने पुरानी इमारतों को गिराने का किया विरोध, कहा- यह दुर्भाग्यपूर्ण है - रांची नगर निगम

रांची शहर के विभिन्न स्थानों और अपर बाजार क्षेत्र में वर्षों पुरानी भवनों को नगर निगम की ओर से सील करने व तोड़ने के निर्देश को लेकर झारखंड चैंबर में सवाल खड़ा किया है. चैंबर के पूर्व अध्यक्ष ने कहा कि जिस प्रकार से निगम ने पुराने भवनों को तोड़ने बात कही है. यह निश्चित ही दुर्भाग्यपूर्ण है.

chamber protested against demolition of old buildings
चैंबर ने पुरानी इमारतों को गिराने का किया विरोध
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Published : Feb 28, 2021, 7:18 AM IST

रांची: शहर के विभिन्न स्थानों और अपर बाजार क्षेत्र में वर्षों पुरानी भवनों को नगर निगम की ओर से सील करने और तोड़ने के निर्देश से हो रही कठिनाइयों को लेकर झारखंड चैंबर ने सवाल खड़ा किया है. चैंबर के पूर्व अध्यक्ष और सेवा सदन अस्पताल के सचिव पवन शर्मा ने कहा कि जिस प्रकार से निगम ने पुराने भवनों को तोड़ने और सील करने की बात कही है. यह निश्चित ही दुर्भाग्यपूर्ण है.

देखें पूरी खबर
यह भी पढ़ें: अब घटने लगेंगे पेट्रोलियम पदार्थों के दाम, जानिए रामेश्वर उरांव ने क्यों की ये भविष्यवाणी

चैंबर के पूर्व अध्यक्ष पवन शर्मा ने बताया कि पुराने भवनों में नागरमल मोदी सेवा सदन को भी सील करने की बात कही गई है. जिसका हम विरोध करते हैं, क्योंकि सदर अस्पताल और रिम्स के बाद अगर गरीबों को कहीं बेहतर इलाज मिल पाता है, तो वह एकमात्र चिकित्सकीय संस्थान नागरमल मोदी सेवा सदन है. लेकिन सरकार इन सब बातों को नजरअंदाज करते हुए, इस अस्पताल के भवन को भी सील करने की बात कह रही है. नगर निगम के इस निर्णय पर चैंबर और राज्य के प्रबुद्धज विरोध जता रहे हैं, क्योंकि पुराने भवनों से आज हजारों लोग जुड़े हुए हैं.

जीएसटी को लेकर लाए गए नए कानून का विरोध

वहीं चैंबर ने जीएसटी को लेकर लाए गए नए कानून की वजह से आई जटिलता का भी विरोध किया. चैंबर के सदस्यों ने यह मांग की है कि राज्य सरकार और जीएसटी काउंसिल व्यवसायियों की परेशानी को देखते हुए, नए नियमों को वापस ले और जीएसटी को सरल बनाए.

रांची: शहर के विभिन्न स्थानों और अपर बाजार क्षेत्र में वर्षों पुरानी भवनों को नगर निगम की ओर से सील करने और तोड़ने के निर्देश से हो रही कठिनाइयों को लेकर झारखंड चैंबर ने सवाल खड़ा किया है. चैंबर के पूर्व अध्यक्ष और सेवा सदन अस्पताल के सचिव पवन शर्मा ने कहा कि जिस प्रकार से निगम ने पुराने भवनों को तोड़ने और सील करने की बात कही है. यह निश्चित ही दुर्भाग्यपूर्ण है.

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चैंबर के पूर्व अध्यक्ष पवन शर्मा ने बताया कि पुराने भवनों में नागरमल मोदी सेवा सदन को भी सील करने की बात कही गई है. जिसका हम विरोध करते हैं, क्योंकि सदर अस्पताल और रिम्स के बाद अगर गरीबों को कहीं बेहतर इलाज मिल पाता है, तो वह एकमात्र चिकित्सकीय संस्थान नागरमल मोदी सेवा सदन है. लेकिन सरकार इन सब बातों को नजरअंदाज करते हुए, इस अस्पताल के भवन को भी सील करने की बात कह रही है. नगर निगम के इस निर्णय पर चैंबर और राज्य के प्रबुद्धज विरोध जता रहे हैं, क्योंकि पुराने भवनों से आज हजारों लोग जुड़े हुए हैं.

जीएसटी को लेकर लाए गए नए कानून का विरोध

वहीं चैंबर ने जीएसटी को लेकर लाए गए नए कानून की वजह से आई जटिलता का भी विरोध किया. चैंबर के सदस्यों ने यह मांग की है कि राज्य सरकार और जीएसटी काउंसिल व्यवसायियों की परेशानी को देखते हुए, नए नियमों को वापस ले और जीएसटी को सरल बनाए.

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