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अब तीरंदाज दीप्ति का होगा सपना साकार, सांसद की पहल पर सीसीएल ने मुहैया कराया धनुष - etv news

आर्थिक तंगी से जूझ रही झारखंड की तीरंदाज खिलाड़ी दीप्ति कुमारी को नया धनुष मिल गया. रांची सांसद संजय सेठ की मदद से सीसीएल ने सीएसआर फंड से दीप्ति को धनुष दिया है.

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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Sep 1, 2023, 8:52 PM IST

Updated : Sep 1, 2023, 9:28 PM IST

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रांची: आर्थिक तंगी की वजह से अपने सपने को साकार करने में विफल हो रही दीप्ति कुमारी के लिए शुक्रवार का दिन किसी त्योहार से कम नहीं है. आर्चरी के क्षेत्र में अपना नाम रौशन कर रही दीप्ति कुमारी की परेशानी को देखते हुए रांची सांसद संजय सेठ की पहल से सीसीएल द्वारा सीएसआर फंड से उन्हें अत्याधुनिक धनुष मिला है. करीब चार लाख 80 हजार का यह धनुष दीप्ति के लिए राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आयोजित होने वाली तीरंदाजी प्रतियोगिता में देश और राज्य के लिए गोल्ड मेडल लाने का रास्ता प्रशस्त करेगा.

यह भी पढ़ें: Lohardaga News: तीरंदाज दीप्ति की लक्ष्य साधने की उम्मीद अभी बाकी है, सीएम से भी मिला है भरोसा

शुक्रवार को सांसद संजय सेठ ने दीप्ति को यह धनुष देकर उज्ज्वल भविष्य की कामना की. इस मौके पर दीप्ति ने भी सांसद और सीसीएल के सहयोग की सराहना करते हुए देश और राज्य का नाम रौशन करने का भरोसा दिया.

लोहरदगा की दीप्ति रांची के अरगोड़ा में बेचती है चाय: आर्चरी में राष्ट्रीय स्तर पर अपनी छवि बनाने वाली दीप्ति एक अत्यंत ही सामान्य परिवार की बेटी है. घर की माली स्थिति का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि गरीबी के कारण चाय की दुकान वह खुद चलाती है. ईटीवी भारत ने इस खबर को 7 जनवरी 2023 को प्रकाशित की थी. जिसके बाद दीप्ति के सहयोग के लिए हाथ बढ़ने लगे और आखिरकार स्थानीय सांसद के सहयोग से सीसीएल के द्वारा उनके सपने को पूरा करने के लिए धनुष मिल गया है.

वर्ल्ड कप 2013 के ट्रायल के दौरान टूट गया था धनुष: लोहरदगा जिला के राजा बांग्ला निवासी बजरंगी प्रजापति की पुत्री दीप्ति कुमारी बेहद ही सामान्य परिवार की हैं. उनके पिता किसान हैं. बड़ी मुश्किल से बेटी को पढ़ा लिखा कर उन्होंने बड़ा किया है. बचपन से ही दीप्ति को आर्चरी का शौक है. सरायकेला खरसावां प्रशिक्षण संस्थान से दीप्ति प्रशिक्षित होकर अब तक कई मेडल जीत चुकी हैं. वर्ल्ड कप 2013 के ट्रायल के दौरान कोलकाता में दीप्ति के धनुष को किसी ने तोड़ दिया, जिस वजह से वह बेहद ही निराश हो गईं. घर की माली हालत औसी नहीं थी कि 4.50 लाख रुपए के धनुष को फिर से तुरंत खरीदा जाए. ऐसे में अपने सपने को टूटता देख दीप्ति बेहद ही उदास रहने लगीं. मगर, इस उदासी को दूर करने में मीडिया ने अहम भूमिका निभाई और आज उनके हाथों में नई धनुष आ गई है.

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रांची: आर्थिक तंगी की वजह से अपने सपने को साकार करने में विफल हो रही दीप्ति कुमारी के लिए शुक्रवार का दिन किसी त्योहार से कम नहीं है. आर्चरी के क्षेत्र में अपना नाम रौशन कर रही दीप्ति कुमारी की परेशानी को देखते हुए रांची सांसद संजय सेठ की पहल से सीसीएल द्वारा सीएसआर फंड से उन्हें अत्याधुनिक धनुष मिला है. करीब चार लाख 80 हजार का यह धनुष दीप्ति के लिए राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आयोजित होने वाली तीरंदाजी प्रतियोगिता में देश और राज्य के लिए गोल्ड मेडल लाने का रास्ता प्रशस्त करेगा.

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शुक्रवार को सांसद संजय सेठ ने दीप्ति को यह धनुष देकर उज्ज्वल भविष्य की कामना की. इस मौके पर दीप्ति ने भी सांसद और सीसीएल के सहयोग की सराहना करते हुए देश और राज्य का नाम रौशन करने का भरोसा दिया.

लोहरदगा की दीप्ति रांची के अरगोड़ा में बेचती है चाय: आर्चरी में राष्ट्रीय स्तर पर अपनी छवि बनाने वाली दीप्ति एक अत्यंत ही सामान्य परिवार की बेटी है. घर की माली स्थिति का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि गरीबी के कारण चाय की दुकान वह खुद चलाती है. ईटीवी भारत ने इस खबर को 7 जनवरी 2023 को प्रकाशित की थी. जिसके बाद दीप्ति के सहयोग के लिए हाथ बढ़ने लगे और आखिरकार स्थानीय सांसद के सहयोग से सीसीएल के द्वारा उनके सपने को पूरा करने के लिए धनुष मिल गया है.

वर्ल्ड कप 2013 के ट्रायल के दौरान टूट गया था धनुष: लोहरदगा जिला के राजा बांग्ला निवासी बजरंगी प्रजापति की पुत्री दीप्ति कुमारी बेहद ही सामान्य परिवार की हैं. उनके पिता किसान हैं. बड़ी मुश्किल से बेटी को पढ़ा लिखा कर उन्होंने बड़ा किया है. बचपन से ही दीप्ति को आर्चरी का शौक है. सरायकेला खरसावां प्रशिक्षण संस्थान से दीप्ति प्रशिक्षित होकर अब तक कई मेडल जीत चुकी हैं. वर्ल्ड कप 2013 के ट्रायल के दौरान कोलकाता में दीप्ति के धनुष को किसी ने तोड़ दिया, जिस वजह से वह बेहद ही निराश हो गईं. घर की माली हालत औसी नहीं थी कि 4.50 लाख रुपए के धनुष को फिर से तुरंत खरीदा जाए. ऐसे में अपने सपने को टूटता देख दीप्ति बेहद ही उदास रहने लगीं. मगर, इस उदासी को दूर करने में मीडिया ने अहम भूमिका निभाई और आज उनके हाथों में नई धनुष आ गई है.

Last Updated : Sep 1, 2023, 9:28 PM IST
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