रांची: बैंक लोन में कागजातों का फर्जीवाड़ा कर 15 करोड़ से अधिक के गबन के मामले की जांच सीबीआई के द्वारा तेज कर दी गई है. बद्री केदार उद्योग के नाम पर 15 करोड़ के बैंक लोन फर्जीवाड़े में शामिल बैंक अफसरों को नोटिस देकर सीबीआई ने पूछताछ शुरू कर दिया है. सीबीआई की आर्थिक अपराध शाखा ने 10 मार्च से लेकर 15 मार्च तक अफसरों को नोटिस देकर पूछताछ के लिए बुलाया है.
किसके कब बुलाया गया: सीबीआई ने इस मामले में बैंक आफ इंडिया के मेन ब्रांच के चीफ मैनेजर एसएम त्रिवेदी, रांची जोनल ऑफिस के तत्कालीन जोनल मैनेजर शंकर प्रसाद का बयान सात मार्च को दर्ज कर चुकी है. इस मामले में शुक्रवार यानी 10 मार्च को तत्कालीन चीफ मैनेजर सुरेश कुमार, सीनियर मैनेजर क्रेडिट एसके वर्मा, 13 मार्च को तत्कालीन चीफ मैनेजर क्रेडिट वीके वर्मा, 14 मार्च को तत्कालीन डीजेएम मैनेजर वीआर अय्यर और 15 मार्च को तत्कालीन चीफ मैनेजर आरएमडी एससी देवघरिया को बयान दर्ज कराने के लिए समन जारी किया है. सीबीआई सरकारी पद का दुरूपयोग कर बैंक आफ इंडिया को नुकसान पहुंचाने में शामिल अफसरों की भूमिका को लेकर जांच कर रही है.
क्या है मामला: गौरतलब है कि रांची के सरावगी बिल्डर्स के मालिक अमित सरावगी, उनकी पत्नी स्वाति और सेल कंपनियों के खिलाफ सीबीआई ने केस दर्ज किया है. सीबीआई की जांच में यह बात सामने आई थी कि आरोपियों ने कपड़े के होलसेल व्यापार के नाम पर मेसर्स बद्री केदार उद्योग प्रा. लि. के नाम पर 29 जून 2015 को बैंक ऑफ इंडिया से 15 करोड़ का लोन लिया. लेकिन पैसे कपड़े के बिजनेस में लगाने की बजाय कोलकाता स्थित सेल कंपनियों के खाते में ट्रांसफर कर दिया, फिर इस रकम को फर्जी बिल और कागजात के आधार पर मेसर्स सरावगी बिल्डर्स के खाते में ट्रांसफर करा लिया, 1 मार्च 2018 को बैंकों का 12.84 करोड़ रुपए एनपीए हो गया. साल 2019 में लोन न चुकाने पर सीबीआई की आर्थिक अपराध शाखा ने आरसी 1,एस/ 2019 केस दर्ज किया था.