रांची: झारखंड विकास मोर्चा से विधानसभा चुनाव जीत कर दूसरे दल का दामन थामने वाले वाले 3 विधायकों का मामला झारखंड विधानसभा के न्यायाधिकरण में जाएगा. झारखंड विधानसभा सचिवालय के उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार स्पीकर रविंद्र नाथ महतो ने झाविमो के टिकट पर विधानसभा चुनाव जीतने वाले बाबूलाल मरांडी, प्रदीप यादव और बंधु तिर्की को 17 सितंबर तक अपना पक्ष रखने को कहा है.
तीनों विधायकों के जवाब के बाद स्पीकर करेंगे तस्वीर साफ
सूत्रों की मानें तो तीनों विधायकों के जवाब मिलने के बाद स्पीकर इस बाबत फैसला लेंगे. दरअसल साल 2019 में बाबूलाल मरांडी, प्रदीप यादव और बंधु तिर्की झारखंड विकास मोर्चा के टिकट से चुनाव जीता है. बाबूलाल मरांडी ने बाद में झाविमो का कथित विलय बीजेपी में करा लिया. वहीं बंधु तिर्की और प्रदीप यादव ने कांग्रेस ज्वाइन कर ली.
हालांकि मरांडी के बीजेपी में विलय को चुनाव आयोग ने सही ठहराया है. वहीं बंधु तिर्की और प्रदीप यादव के कांग्रेस जाने पर अभी तस्वीर तैयार नहीं है. झारखंड विधानसभा में उन्हें निर्दलीय विधायक की श्रेणी में रखा गया है. झारखंड विधानसभा सचिवालय के उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार स्पीकर रविंद्र नाथ महतो ने झाविमो के टिकट पर विधानसभा चुनाव जीतने वाले बाबूलाल मरांडी, प्रदीप यादव और बंधु तिर्की को 17 सितंबर तक अपना पक्ष रखने को कहा है. उसके बाद यह मामला स्पीकर ट्रिब्यूनल में जाएगा और वहीं इसकी सुनवाई भी होगी.
नेता प्रतिपक्ष का मामला जा सकता है ठंडे बस्ते में
दरअसल, राजनीतिक गलियारों में हो रही चर्चाओं पर यकीन करें तो इस मामले के बाद अब नेता प्रतिपक्ष को लेकर बाबूलाल मरांडी के भविष्य पर भी प्रश्नचिन्ह खड़ा हो सकता है. हालांकि बीजेपी ने बाबूलाल मरांडी को विधायक दल का नेता चुन लिया है. इस बाबत पार्टी की मांग है कि मरांडी को नेता प्रतिपक्ष का दर्जा दिया जाए.
वहीं अभी तक स्पीकर ने इसे लेकर फैसला नहीं दिया है. बीजेपी ने इसके खिलाफ राजभवन का दरवाजा भी खटखटाया. वहीं राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने स्पीकर को बुलाकर इस बाबत चर्चा भी की है. आधिकारिक सूत्रों की मानें तो दलबदल का यह मामला स्पीकर न्यायाधिकरण में जाने के बाद नेता प्रतिपक्ष को लेकर तस्वीर साफ होने में विलंब हो सकता है.
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पिछली सरकार में हुआ था दल बदल, ट्रिब्यूनल में चली थी सुनवाई
सबसे बड़ी बात यह है कि पूर्ववर्ती बीजेपी सरकार में झाविमो के 6 विधायकों ने कथित तौर पर पार्टी का विलय बीजेपी में करा लिया था. इसकी शिकायत लेकर झाविमो के तत्कालीन अध्यक्ष मरांडी तत्कालीन स्पीकर के पास गए थे. उस समय के स्पीकर दिनेश उरांव के न्यायाधिकरण में यह मामला पूरे 5 साल तक चला और अंत में स्पीकर ट्रिब्यूनल ने उन झाविमो विधायकों के बीजेपी में विलय को सही ठहराया. उन छह में से चार विधायक दुबारा बीजेपी के टिकट से चुनकर झारखंड विधानसभा पहुंचे हैं. इसमें नवीन जयसवाल, आलोक चौरसिया, अमर बाउरी और रणधीर सिंह के नाम शामिल हैं.