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Amit Agarwal on ED remand: अमित अग्रवाल के लिए अगले 72 घंटे भारी, ईडी रिमांड में जमीन घोटाले को लेकर होगी पूछताछ

रांची में हुए जमीन घोटाले में कोर्ट ने कारोबारी अमित अग्रवाल को तीन दिनों की ईडी रिमांड पर भेज दिया है. इसके बाद उन्हें बिरसा मुंडा जेल से रांची के ईडी ऑफिस लाया गया है.

Amit Agarwal on ED remand
Amit Agarwal on ED remand
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Published : Jun 9, 2023, 12:58 PM IST

रांची: कोलकाता के धनकुबेर माने जाने वाले कारोबारी अमित अग्रवाल से अगले 72 घंटे तक ईडी पूछताछ करेगी. ईडी की विशेष अदालत में अमित अग्रवाल से पूछताछ के लिए 3 दिनों का रिमांड मंजूर कर लिया है. रिमांड मिलने के बाद अमित अग्रवाल को कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच रांची के बिरसा मुंडा केंद्रीय कारागार से ईडी के जोनल कार्यालय लाया गया है.

ये भी पढ़ें: अमित अग्रवाल के खिलाफ मनी लाउंड्रिंग का बड़ा साक्ष्य, जगतबंधु के बैंक खाते खोल रहे पोल

बुधवार को किया गया था गिरफ्तार: रांची में जमीन घोटाले से जुड़े मनी लाउंड्रिंग केस में ईडी ने कोलकाता के धन कुबेर कारोबारी और झारखंड में सत्ता के पावर ब्रोकर अमित अग्रवाल को बुधवार को गिरफ्तार किया था. अमित अग्रवाल के साथ ही जमीन घोटाले के अन्य आरोपी दिलीप घोष को भी ईडी ने गिरफ्तार किया था. अमित अग्रवाल गिरफ्तारी के बाद उन्हें विशेष अदालत में गुरुवार को ही पेश किया गया, पेशी के बाद अमित अग्रवाल को न्यायिक हिरासत में बिरसा मुंडा केंद्रीय कारागार भेज दिया गया था. पेशी के दौरान ही ईडी के तरफ से अमित अग्रवाल से पूछताछ के लिए 5 दिनों का रिमांड मांगी गयी थी. रिमांड के बिंदु पर शुक्रवार को अदालत में सुनवाई हुई जिसके बाद अदालत ने 3 दिनों की रिमांड मंजूर की है.

पूछताछ शुरू, ईडी के पास अहम साक्ष्य: शुक्रवार को रांची के बिरसा मुंडा केंद्रीय कारागार से अमित अग्रवाल को ईडी के जोनल कार्यालय लाया गया. वहां उनकी पहले मेडिकल जांच करवायी गयी और फिर पूछताछ शुरू कर दी गई. गौरतलब है कि रांची में सेना जमीन की खरीद में कोलकाता के कारोबारी अमित अग्रवाल के खिलाफ ईडी को बेहद महत्वपूर्ण साक्ष्य मिले हैं. साक्ष्य के आधार पर अमित अग्रवाल से पूछताछ की जा रही है.

ईडी से मिली जानकारी के अनुसार अमित अग्रवाल ने अपने रिश्तेदार दिलीप घोष के नाम पर ही जगतबंधु टी एस्टेट कंपनी खोली थी. मनी लाउंड्रिंग और अवैध तरीके से अर्जित 4 करोड़ 69 लाख 80 हजार रुपये अमित अग्रवाल ने जगतबुध टी एस्टेट के आईडीएफसी फर्स्ट बैंक के खाता 10060532973 में डलवाए थे. पैसे जगतबुध के खाते में डिपोजिट होने के तत्काल बाद मेसर्स राजेश ऑटो मर्चेंडाइज प्राइवेट लिमिटेड के खाते में डाले गए, ईडी ने जांच में पाया है कि अमित अग्रवाल के स्वामित्व वाली राजेश ऑटो में कुल 4 करोड़ 13 लाख 87 हजार रुपये ट्रांसफर किए गए. मनी लाउंड्रिंग के लिए जगतबंधु टी एस्टेट कंपनी और उसका बैंक खाता अमित अग्रवाल के ही पते पर खोला गया था. खातों को लेकर कई अहम जानकारियां भी ईडी जुटा चुकी है.

अमित-प्रेम की जोड़ी मास्टरमाइंड: ईडी ने अपनी जांच में झारखंड में चर्चित अमित अग्रवाल और प्रेम प्रकाश की जोड़ी को ही जमीन घोटाले का मास्टरमाइंड माना है, वहीं जमीन घोटाले में तत्कालीन डीसी छवि रंजन को पद के दुरुपयोग का आरोपी बताया है. ईडी के दस्तावेजों के मुताबिक, अफसर अली, प्रदीप बागची और उसके सहयोगियों ने रजिस्ट्रार ऑफ एश्योरेंस कोलकाता से फर्जी डीड बनवायी, इसके बाद प्रेम प्रकाश, अमित अग्रवाल ने अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर तत्कालीन डीसी छवि रंजन का इस्तेमाल कर जगत बंधु टी एस्टेट के नाम जमीन की रजिस्ट्री करा ली. अमित अग्रवाल ही इस जमीन डील से असल लाभांवित होने वाले शख्स थे.

ईडी की जांच रिपोर्ट में यह जिक्र है कि आरोपी अफसर अली, सद्दाम हुसैन एक बार डीसी छवि रंजन के दफ्तर में राजदीप कुमार नाम के व्यक्ति के साथ गए थे. राजदीप कुमार, प्रेम प्रकाश का खास सहयोगी था. वह अमित अग्रवाल और प्रेम प्रकाश के निर्देशों पर काम करता था. इस मीटिंग के दौरान सीओ बड़गाईं मनोज कुमार भी मौजूद थे, तब सीओ को तत्कालीन डीसी ने आदेश दिया था कि वह कोलकाता जाकर प्रदीप बागची के दावे का सत्यापन कराएं. ईडी ने कोर्ट को बताया है कि छवि रंजन ने सेना की जमीन हथियाने में गलत तरीके से अमित अग्रवाल की मदद की, ईडी ने छवि रंजन को अमित अग्रवाल का सहयोगी भी बताया है.

रांची: कोलकाता के धनकुबेर माने जाने वाले कारोबारी अमित अग्रवाल से अगले 72 घंटे तक ईडी पूछताछ करेगी. ईडी की विशेष अदालत में अमित अग्रवाल से पूछताछ के लिए 3 दिनों का रिमांड मंजूर कर लिया है. रिमांड मिलने के बाद अमित अग्रवाल को कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच रांची के बिरसा मुंडा केंद्रीय कारागार से ईडी के जोनल कार्यालय लाया गया है.

ये भी पढ़ें: अमित अग्रवाल के खिलाफ मनी लाउंड्रिंग का बड़ा साक्ष्य, जगतबंधु के बैंक खाते खोल रहे पोल

बुधवार को किया गया था गिरफ्तार: रांची में जमीन घोटाले से जुड़े मनी लाउंड्रिंग केस में ईडी ने कोलकाता के धन कुबेर कारोबारी और झारखंड में सत्ता के पावर ब्रोकर अमित अग्रवाल को बुधवार को गिरफ्तार किया था. अमित अग्रवाल के साथ ही जमीन घोटाले के अन्य आरोपी दिलीप घोष को भी ईडी ने गिरफ्तार किया था. अमित अग्रवाल गिरफ्तारी के बाद उन्हें विशेष अदालत में गुरुवार को ही पेश किया गया, पेशी के बाद अमित अग्रवाल को न्यायिक हिरासत में बिरसा मुंडा केंद्रीय कारागार भेज दिया गया था. पेशी के दौरान ही ईडी के तरफ से अमित अग्रवाल से पूछताछ के लिए 5 दिनों का रिमांड मांगी गयी थी. रिमांड के बिंदु पर शुक्रवार को अदालत में सुनवाई हुई जिसके बाद अदालत ने 3 दिनों की रिमांड मंजूर की है.

पूछताछ शुरू, ईडी के पास अहम साक्ष्य: शुक्रवार को रांची के बिरसा मुंडा केंद्रीय कारागार से अमित अग्रवाल को ईडी के जोनल कार्यालय लाया गया. वहां उनकी पहले मेडिकल जांच करवायी गयी और फिर पूछताछ शुरू कर दी गई. गौरतलब है कि रांची में सेना जमीन की खरीद में कोलकाता के कारोबारी अमित अग्रवाल के खिलाफ ईडी को बेहद महत्वपूर्ण साक्ष्य मिले हैं. साक्ष्य के आधार पर अमित अग्रवाल से पूछताछ की जा रही है.

ईडी से मिली जानकारी के अनुसार अमित अग्रवाल ने अपने रिश्तेदार दिलीप घोष के नाम पर ही जगतबंधु टी एस्टेट कंपनी खोली थी. मनी लाउंड्रिंग और अवैध तरीके से अर्जित 4 करोड़ 69 लाख 80 हजार रुपये अमित अग्रवाल ने जगतबुध टी एस्टेट के आईडीएफसी फर्स्ट बैंक के खाता 10060532973 में डलवाए थे. पैसे जगतबुध के खाते में डिपोजिट होने के तत्काल बाद मेसर्स राजेश ऑटो मर्चेंडाइज प्राइवेट लिमिटेड के खाते में डाले गए, ईडी ने जांच में पाया है कि अमित अग्रवाल के स्वामित्व वाली राजेश ऑटो में कुल 4 करोड़ 13 लाख 87 हजार रुपये ट्रांसफर किए गए. मनी लाउंड्रिंग के लिए जगतबंधु टी एस्टेट कंपनी और उसका बैंक खाता अमित अग्रवाल के ही पते पर खोला गया था. खातों को लेकर कई अहम जानकारियां भी ईडी जुटा चुकी है.

अमित-प्रेम की जोड़ी मास्टरमाइंड: ईडी ने अपनी जांच में झारखंड में चर्चित अमित अग्रवाल और प्रेम प्रकाश की जोड़ी को ही जमीन घोटाले का मास्टरमाइंड माना है, वहीं जमीन घोटाले में तत्कालीन डीसी छवि रंजन को पद के दुरुपयोग का आरोपी बताया है. ईडी के दस्तावेजों के मुताबिक, अफसर अली, प्रदीप बागची और उसके सहयोगियों ने रजिस्ट्रार ऑफ एश्योरेंस कोलकाता से फर्जी डीड बनवायी, इसके बाद प्रेम प्रकाश, अमित अग्रवाल ने अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर तत्कालीन डीसी छवि रंजन का इस्तेमाल कर जगत बंधु टी एस्टेट के नाम जमीन की रजिस्ट्री करा ली. अमित अग्रवाल ही इस जमीन डील से असल लाभांवित होने वाले शख्स थे.

ईडी की जांच रिपोर्ट में यह जिक्र है कि आरोपी अफसर अली, सद्दाम हुसैन एक बार डीसी छवि रंजन के दफ्तर में राजदीप कुमार नाम के व्यक्ति के साथ गए थे. राजदीप कुमार, प्रेम प्रकाश का खास सहयोगी था. वह अमित अग्रवाल और प्रेम प्रकाश के निर्देशों पर काम करता था. इस मीटिंग के दौरान सीओ बड़गाईं मनोज कुमार भी मौजूद थे, तब सीओ को तत्कालीन डीसी ने आदेश दिया था कि वह कोलकाता जाकर प्रदीप बागची के दावे का सत्यापन कराएं. ईडी ने कोर्ट को बताया है कि छवि रंजन ने सेना की जमीन हथियाने में गलत तरीके से अमित अग्रवाल की मदद की, ईडी ने छवि रंजन को अमित अग्रवाल का सहयोगी भी बताया है.

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