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रांची सदर अस्पताल में बनना था बर्न वार्ड, बना दिया ब्लड बैंक

रांची सदर अस्पताल में बर्न वार्ड नहीं है. इससे यह जले हुए मरीजों के लिए रेफर सेंटर बनकर रह गया है. अरसे पहले रांची सदर अस्पताल में बर्न वार्ड के लिए शिलान्यास किया गया था. लेकिन भवन बनकर तैयार हुआ तो प्रबंधन ने इस भवन में ब्लड बैंक का एक्सटेंशन कर दिया.

Burn ward in Ranchi Sadar Hospital not built even after foundation stone laying
रांची सदर अस्पताल में बनना था बर्न वार्ड, बना दिया ब्लड बैंक
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Published : Apr 16, 2022, 10:31 PM IST

रांचीः रांची सदर अस्पताल में बर्न वार्ड नहीं है. इससे यह जले हुए मरीजों के लिए रेफर सेंटर बनकर रह गया है. रांची सदर अस्पताल में बर्न वार्ड का शिलान्यास तो किया गया था, लेकिन यहां ब्लड बैंक बना दिया गया. अब नया भवन बनने के बाद ही यहां बर्न वार्ड की व्यवस्था हो सकेगी. इससे जले हुए मरीजों को यहां इलाज के लिए और इंतजार करना पड़ेगा.

ये भी पढ़ें-बिना रिकॉर्ड और नर्स के चल रहा ब्लड बैंक हुआ सील, डोनर का भी नहीं है कोई रिकॉर्ड

दरअसल, अगलगी की घटना या दुर्घटना में जल जाने के बाद मरीजों की जान बचाने के लिए अरसे से यहां इन्फेक्शन फ्री बर्न वार्ड की जरूरत है. निजी अस्पतालों में यह सुविधा महंगी होने से जरूरत और बढ़ गई. राज्य के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल रिम्स के बर्न वार्ड की हालत भी ठीक नहीं है. इसी को देखते हुए रांची के सदर अस्पताल में एक 10 बेड का बर्न बनना था. इसके लिए सिविल सर्जन कार्यालय के पीछे बर्न वार्ड का भवन बनाया जाना शुरू भी हो गया था. लेकिन जब भवन बनकर तैयार हुआ तो प्रबंधन ने यहां ब्लड बैंक के कम्पोनेंट अलग करने के लिए सेपरेशन मशीन लगा दी. अब यह भवन ब्लड बैंक का हिस्सा बन गया है.

देखें पूरी खबर
सदर अस्पताल में कोई बर्न वार्ड नहींः हकीकत यह है कि अभी रांची में सिर्फ रिम्स में ही 24 बेड का बर्न वार्ड चल रहा है, जबकि सदर अस्पताल और अन्य सीएचसी में इसकी व्यवस्था नहीं है. सदर अस्पताल में तो जो जले हुए मरीज इलाज के लिए आते हैं उन्हें तुरंत रिम्स रेफर कर दिया जाता है. ब्लड बैंक का हो रहा है विस्तारः सदर अस्पताल ब्लड बैंक की हेड डॉ. रंजू कुमारी कहती हैं कि ब्लड बैंक के विस्तार के लिए बर्न वार्ड की जगह को इसमें समाहित किया गया है. इसका लाभ जल्द मिलने लगेगा क्योंकि एक होल ब्लड के अलग-अलग कंपोनेंट से कई लोगों की जान बचाई जा सकेगी. लेकिन जले हुए मरीज का इलाज कैसे होगा इस सवाल पर डॉ. रंजू कहती हैं कि यह तो विभाग के अधिकारी ही बताएंगे. हर जिला अस्पताल में बर्न वार्ड होना जरूरीः रिम्स के जनसंपर्क अधिकारी और सर्जन डॉ. डीके सिन्हा कहते हैं कि रिम्स के बर्न वार्ड में बेड और संसाधन सीमित हैं. हालांकि बर्न केस बढ़ने पर रिम्स में बेड भी बढ़ाए जाते हैं. उन्होंने कहा कि हर जिला अस्पताल में बर्न वार्ड जरूरी है क्योंकि दुर्घटना या हादसे के समय जल जाने पर तत्काल विशेषज्ञ डॉक्टर्स से इलाज की जरूरत होती है.

रांचीः रांची सदर अस्पताल में बर्न वार्ड नहीं है. इससे यह जले हुए मरीजों के लिए रेफर सेंटर बनकर रह गया है. रांची सदर अस्पताल में बर्न वार्ड का शिलान्यास तो किया गया था, लेकिन यहां ब्लड बैंक बना दिया गया. अब नया भवन बनने के बाद ही यहां बर्न वार्ड की व्यवस्था हो सकेगी. इससे जले हुए मरीजों को यहां इलाज के लिए और इंतजार करना पड़ेगा.

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दरअसल, अगलगी की घटना या दुर्घटना में जल जाने के बाद मरीजों की जान बचाने के लिए अरसे से यहां इन्फेक्शन फ्री बर्न वार्ड की जरूरत है. निजी अस्पतालों में यह सुविधा महंगी होने से जरूरत और बढ़ गई. राज्य के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल रिम्स के बर्न वार्ड की हालत भी ठीक नहीं है. इसी को देखते हुए रांची के सदर अस्पताल में एक 10 बेड का बर्न बनना था. इसके लिए सिविल सर्जन कार्यालय के पीछे बर्न वार्ड का भवन बनाया जाना शुरू भी हो गया था. लेकिन जब भवन बनकर तैयार हुआ तो प्रबंधन ने यहां ब्लड बैंक के कम्पोनेंट अलग करने के लिए सेपरेशन मशीन लगा दी. अब यह भवन ब्लड बैंक का हिस्सा बन गया है.

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सदर अस्पताल में कोई बर्न वार्ड नहींः हकीकत यह है कि अभी रांची में सिर्फ रिम्स में ही 24 बेड का बर्न वार्ड चल रहा है, जबकि सदर अस्पताल और अन्य सीएचसी में इसकी व्यवस्था नहीं है. सदर अस्पताल में तो जो जले हुए मरीज इलाज के लिए आते हैं उन्हें तुरंत रिम्स रेफर कर दिया जाता है. ब्लड बैंक का हो रहा है विस्तारः सदर अस्पताल ब्लड बैंक की हेड डॉ. रंजू कुमारी कहती हैं कि ब्लड बैंक के विस्तार के लिए बर्न वार्ड की जगह को इसमें समाहित किया गया है. इसका लाभ जल्द मिलने लगेगा क्योंकि एक होल ब्लड के अलग-अलग कंपोनेंट से कई लोगों की जान बचाई जा सकेगी. लेकिन जले हुए मरीज का इलाज कैसे होगा इस सवाल पर डॉ. रंजू कहती हैं कि यह तो विभाग के अधिकारी ही बताएंगे. हर जिला अस्पताल में बर्न वार्ड होना जरूरीः रिम्स के जनसंपर्क अधिकारी और सर्जन डॉ. डीके सिन्हा कहते हैं कि रिम्स के बर्न वार्ड में बेड और संसाधन सीमित हैं. हालांकि बर्न केस बढ़ने पर रिम्स में बेड भी बढ़ाए जाते हैं. उन्होंने कहा कि हर जिला अस्पताल में बर्न वार्ड जरूरी है क्योंकि दुर्घटना या हादसे के समय जल जाने पर तत्काल विशेषज्ञ डॉक्टर्स से इलाज की जरूरत होती है.
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