रांची: हॉकी, तीरंदाजी और अन्य खेलों के अलावा झारखंड में अब बॉक्सिंग में भी अपार संभावनाएं हैं. राज्य के बॉक्सर राष्ट्रीय स्तर पर बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं और इन खिलाड़ियों को झारखंड में हर वह सुविधा देने की कोशिश भी हो रही है. हमारी टीम ने रांची के खेल गांव स्थित मेगा स्पोर्ट्स स्टेडियम में संचालित बॉक्सिंग प्रशिक्षण केंद्र का जायजा लिया है और यहां के मूलभूत सुविधाओं-समस्याओं को लेकर प्रशिक्षक और खिलाड़ियों से भी विशेष रूप से चर्चा की है.
झारखंड में खेल और खिलाड़ियों के लिए एक बेहतर प्लेटफॉर्म तैयार किया गया है. एक उम्दा इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ-साथ यहां खिलाड़ियों को कुछ चुनिंदा खेलों में अंतरराष्ट्रीय स्तर के खेल प्रशिक्षक भी मिले हैं. हालांकि अभी भी इस राज्य में तीरंदाजी और हॉकी को ज्यादा महत्व दिया जाता है. क्योंकि इन खेलों में झारखंड के सबसे अधिक खिलाड़ी राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पटल पर देश ही नहीं बल्कि दुनिया में भी अपना दबदबा दिखाया है. हालांकि, अब धीरे-धीरे दौर बदल रहा है. इन खेलों से भी आगे निकल कर झारखंड के खिलाड़ी फुटबॉल, ग्रेपलिंग, रेसलिंग और बॉक्सिंग में भी अपने आपको साबित कर रहे हैं. इसी कड़ी में हमारी टीम ने राजधानी रांची मेगा स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स में संचालित बॉक्सिंग प्रशिक्षण केंद्र का जायजा लिया है.
तैयार हो रहे हैं बॉक्सर: मौके पर इस प्रशिक्षण केंद्र में दी जा रही सुविधाओं, जरूरतों और समस्याओं को लेकर खिलाड़ियों के साथ-साथ प्रशिक्षक से भी ईटीवी भारत की टीम ने विशेष रूप से बातचीत की है. इन बॉक्सिंग खिलाड़ियों को प्रशिक्षण देने के लिए आर्मी से रिटायर्ड ऑफिसर, बॉक्सिंग चैंपियन रह चुके द्रोणाचार्य अवार्डी ब्रजभूषण मोहंती को नियुक्त किया गया है और रोजाना खिलाड़ियों को ब्रजभूषण मोहंती की ओर से बेहतर प्रैक्टिस करवाया जा रहा है. इन खिलाड़ियों को हर वो टिप्स देते हैं जिससे खिलाड़ी मेडल जीत सके.
केंद्र में लगभग 54 खिलाड़ी प्रशिक्षण ले रहे हैं. इन खिलाड़ियों को इस सेंटर में तमाम सुविधाएं दी जा रही है. डाइट के साथ साथ प्रैक्टिस के लिए भी बेहतर व्यवस्था की गई है. हालांकि इस प्रशिक्षण केंद्र में भी कुछ लोगों की उदासीनता और अधिकारियों की निगरानी नहीं रखने के कारण कुछ परेशानियां देखने को मिल रही हैं. जरूरत के हिसाब से बॉक्सिंग बैग हैंगिंग नहीं किया गया है. जबकि 4 महीने पहले से ही बॉक्सिंग बैग मंगवा कर रखा गया है. जो फिलहाल धूल फांक रहा है. इसे हैंगिंग करवाने का समय भी जेएसएसपीएस के पदाधिकारियों को नहीं है. इस केंद्र में खिलाड़ियों के लिए जिम की भी व्यवस्था करने की मांग खेल प्रशिक्षक ने खेल विभाग के समक्ष रखी है. दूसरी ओर बीच-बीच में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के खेल प्रशिक्षण केंद्रों में इनकी ट्रेनिंग की व्यवस्था सुनिश्चित करने की बात भी कही है.
बाहर ट्रेनिंग भी जरूरी: इनकी मानें तो यहां के खिलाड़ी बाहर ट्रेनिंग के लिए नहीं जाते हैं. इस वजह से मेडल में फिलहाल हम पिछड़ रहे हैं. जिस दिन अन्य स्टेट और देश के बॉक्सर के साथ यह आउटडोर प्रशिक्षण लेंगे. उस दिन इनका भी ट्रेनिंग का स्टाइल चेंज होगा. वहीं, प्रशिक्षण केंद्र में प्रशिक्षण ले रहे खिलाड़ियों की मानें तो फिलहाल इस केंद्र में सुविधाएं ठीक हैं. लेकिन कुछ मूलभूत समस्याएं हैं. उन समस्याओं को जल्द दूर करने की आवश्यकता है.