रांची: लॉकडाउन के कारण कोटा समेत अन्य राज्यों में फंसे छात्रों को उनके घर वापस लाने के मामले में बार-बार केंद्र सरकार की तरफ इशारा करने वाली राज्य की महागठबंधन वाली सरकार को बीजेपी ने आड़े हाथों लिया है. बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने हेमंत सरकार पर इसे लेकर जमकर निशाना साधा है.
दरअसल कोटा में फंसे लगभग 3 हजार से अधिक छात्रों को उनके घर झारखंड लाने को लेकर चल रही सियासत के बीच राज्य सरकार ने स्पष्ट किया कि वह किसी भी हाल में लॉकडाउन के प्रावधानों का उल्लंघन नहीं करना चाहती है, यही वजह है कि बिना केंद्र के निर्देश के उन छात्रों और अप्रवासी मजदूरों को उनके घरों तक नहीं लाया जा सकता है. हालांकि इसे लेकर विपक्षी बीजेपी ने राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए साफ कहा कि राज्य सरकार के मंत्री शुरू से लॉकडाउन का उल्लंघन करते आ रहे हैं, ऐसे में इस तरह नैतिकता की दुहाई देना सही नहीं है.
बीजेपी प्रवक्ता ने कहा कि मामला यहीं तक नहीं है, जामताड़ा से कांग्रेस के विधायक इरफान अंसारी रांची आते हैं, इतना ही नहीं इरफान अंसारी बाकायदा मुख्यमंत्री से मिलते हैं, ऐसे में राज्य सरकार के नियमों को लेकर अपनी सुविधा से परिभाषा गढ़ रही है. उन्होंने कहा कि सरकार हिंदपीढ़ी जैसे मोहल्ले में लॉकडाउन सही तरीके से इंप्लीमेंट नहीं करवा पा रही है, ऐसे में राज्य में कोरोना संकट पर नियंत्रण करना संभव नहीं है.
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कांग्रेस ने किया बचाव, आलमगीर मामले पर नहीं दी प्रतिक्रिया
कांग्रेस ने भी राज्य सरकार की बातों का समर्थन किया है. झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता आलोक दुबे ने कहा कि बिना केंद्र के दिशा-निर्देश के सरकार बाहर फंसे लोगों को झारखंड में ला सकेगी. उन्होंने कहा कि झारखंड सरकार बाहर फंसे छात्रों और मजदूरों को लाने में सक्षम है, लेकिन लॉकडाउन की वजह से सरकार केंद्र से दिशा-निर्देश मांग रही है, हालांकि उन्होंने इसपर कोई जवाब नहीं दिया. उन्होंने कहा कि यह राजनीति करने का समय नहीं है, ऐसे में राज्य में बीजेपी के सांसदों को एकजुट होकर आना चाहिए.
दरअसल पूरे प्रकरण को समझने के लिए थोड़ा पीछे जाना जरूरी है. पूरे देश में जैसे ही लॉकडाउन लगा उसके थोड़े दिनों के बाद ही कथित तौर पर राज्य के संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम में अनुशंसा कर आठ अलग-अलग गाड़ियों से लोगों को कोडरमा, पाकुड़ और साहिबगंज जाने की इजाजत जिला प्रशासन से देने को कहा. हालांकि इस मामले ने जैसे ही तूल पकड़ा तब तक रांची के डिप्टी कमिश्नर को राज्य सरकार ने शोकॉज जारी कर दिया.