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विपक्ष ने झारखंड सरकार के बजट को बताया जन विरोधी, दीपक प्रकाश बोले- यह हेमंत सरकार की असफलताओं की कुंजी - झारखंड बजट पर दीपक प्रकाश

भाजपा ने झारखंड सरकार के बजट को जन विरोधी बताया है. प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने कहा कि यह हेमंत सरकार की असफलताओं की कुंजी है. उन्होंने कहा कि बजट में मूलभूत सुविधाओं को लेकर हो रही दिक्कत के समाधान का कोई प्रावधान नहीं है.

opposition reaction on jharkhand budget
झारखंड बजट पर दीपक प्रकाश
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Published : Mar 3, 2021, 6:53 PM IST

रांची: बुधवार को वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने झारखंड का बजट पेश किया. झारखंड बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने बजट को जन विरोधी बताया और कहा कि यह हेमंत सरकार के असफलताओं की कुंजी है. दीपक प्रकाश ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि हेमंत सरकार का बजट निराशा से भरा है.

देखें पूरी खबर

यह भी पढ़ें: झारखंड बजट: कृषि क्षेत्र के लिए सरकार ने दिए 18,653 करोड़, किसानों के कर्ज माफी के लिए 1200 करोड़ का प्रावधान

दीपक प्रकाश ने कहा कि यह बजट जन विरोधी, महिला विरोधी, आदिवासी विरोधी, नौजवान विरोधी और रोजगार नहीं देने वाला बजट है. झारखंड में जो मूलभूत सुविधाएं हैं उसके समाधान के लिए बजट में कोई प्रावधान नहीं किया गया. बेरोजगारों को रोजगार कैसे मिलेगा इस बात का उल्लेख कहीं नहीं है. झारखंड के मूलभूत विकास में सबसे बड़ा योगदान देने वाला औद्योगिक क्षेत्र, खनन क्षेत्र की सुरक्षा और सहायता कैसे होगी? उन्होंने कहा कि राज्य के विकास में छोटे-छोटे उद्योगों की बड़ी भूमिका होती है. बंद पड़े उद्योगों पर इस सरकार का कोई फोकस नहीं है.

बजट में विभागीय खर्च का विवरण नहीं

प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष ने कहा कि यह दुर्भाग्य की बात है कि इस बार के बजट में विभागीय खर्च का कोई विवरण नहीं है. सिर्फ सामान्य प्रक्षेत्र, सामाजिक प्रक्षेत्र और आर्थिक प्रक्षेत्र के तहत तीन भागों में बांट दिया गया है. पहले भी सरकार बजट पेश करती थी लेकिन तब विभागीय आधार पर खर्च का उल्लेख होता था. उन्होंने कहा कि झारखंड सरकार कहती है कि मोदी सरकार सहयोग नहीं कर रही है, जबकि उनके डॉक्यूमेंट में ही उल्लेख है कि 17 हजार 191 करोड़ केंद्र सरकार से सहायता मिलेगी. सेंट्रल टैक्स के माध्यम से 22 हजार करोड़ मिलने वाले हैं. मुख्यमंत्री जनता को दिग्भ्रमित कर रहे हैं.

केंद्रीय योजनाओं का नाम बदलकर क्रेडिट लेना चाहती है हेमंत सरकार

दीपक प्रकाश ने कहा कि केंद्र सरकार की जितनी योजनाएं हैं उनका नाम बदलकर गठबंधन सरकार क्रेडिट लेना चाहती है. डिपार्टमेंट के अनुसार जानकारी नहीं देना कागज पर घोड़ा दौड़ाने जैसा है. उन्होंने सरकार से मांग की है कि पिछले वित्तीय वर्ष के जो बजट के प्रावधान हुए थे, डिपार्टमेंट वाइज कितने खर्च किए गए इसकी जानकारी श्वेत पत्र जारी करके दें.

यह भी पढ़ें: झारखंड बजट में दिखा रोजगार का संकल्प, 2021-22 में 1100 लाख मानव दिवस का होगा सृजन

साहिबगंज में अवैध खनिज संपदा की तस्करी का आरोप, सीबीआई जांच की मांग

दीपक प्रकाश ने कहा कि गुरुजी के नाम से भोजन वितरण की योजना सरकार ने बनाई है. लेकिन, यह योजना पिछले कोरोना काल में दाल भात योजना की तरह फेल हो जाएगी. उन्होंने कहा कि बजट में मिनरल्स कॉरिडोर बनाने की बात कही गई है. यह कोई नई बात नहीं है. बल्कि जब से हेमंत सोरेन मुख्यमंत्री बने हैं तब से मिनरल्स इनलीगल कॉरिडोर चल रहा है. भाजपा इसका आरोप भी लगाती रही है. उन्होंने आरोप लगाया कि साहिबगंज में हर दिन 50 लाख रुपये की अवैध खनिज संपदा की तस्करी हो रही है. राज्य सरकार मामले की सीबीआई जांच कराए.

रांची: बुधवार को वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने झारखंड का बजट पेश किया. झारखंड बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने बजट को जन विरोधी बताया और कहा कि यह हेमंत सरकार के असफलताओं की कुंजी है. दीपक प्रकाश ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि हेमंत सरकार का बजट निराशा से भरा है.

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दीपक प्रकाश ने कहा कि यह बजट जन विरोधी, महिला विरोधी, आदिवासी विरोधी, नौजवान विरोधी और रोजगार नहीं देने वाला बजट है. झारखंड में जो मूलभूत सुविधाएं हैं उसके समाधान के लिए बजट में कोई प्रावधान नहीं किया गया. बेरोजगारों को रोजगार कैसे मिलेगा इस बात का उल्लेख कहीं नहीं है. झारखंड के मूलभूत विकास में सबसे बड़ा योगदान देने वाला औद्योगिक क्षेत्र, खनन क्षेत्र की सुरक्षा और सहायता कैसे होगी? उन्होंने कहा कि राज्य के विकास में छोटे-छोटे उद्योगों की बड़ी भूमिका होती है. बंद पड़े उद्योगों पर इस सरकार का कोई फोकस नहीं है.

बजट में विभागीय खर्च का विवरण नहीं

प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष ने कहा कि यह दुर्भाग्य की बात है कि इस बार के बजट में विभागीय खर्च का कोई विवरण नहीं है. सिर्फ सामान्य प्रक्षेत्र, सामाजिक प्रक्षेत्र और आर्थिक प्रक्षेत्र के तहत तीन भागों में बांट दिया गया है. पहले भी सरकार बजट पेश करती थी लेकिन तब विभागीय आधार पर खर्च का उल्लेख होता था. उन्होंने कहा कि झारखंड सरकार कहती है कि मोदी सरकार सहयोग नहीं कर रही है, जबकि उनके डॉक्यूमेंट में ही उल्लेख है कि 17 हजार 191 करोड़ केंद्र सरकार से सहायता मिलेगी. सेंट्रल टैक्स के माध्यम से 22 हजार करोड़ मिलने वाले हैं. मुख्यमंत्री जनता को दिग्भ्रमित कर रहे हैं.

केंद्रीय योजनाओं का नाम बदलकर क्रेडिट लेना चाहती है हेमंत सरकार

दीपक प्रकाश ने कहा कि केंद्र सरकार की जितनी योजनाएं हैं उनका नाम बदलकर गठबंधन सरकार क्रेडिट लेना चाहती है. डिपार्टमेंट के अनुसार जानकारी नहीं देना कागज पर घोड़ा दौड़ाने जैसा है. उन्होंने सरकार से मांग की है कि पिछले वित्तीय वर्ष के जो बजट के प्रावधान हुए थे, डिपार्टमेंट वाइज कितने खर्च किए गए इसकी जानकारी श्वेत पत्र जारी करके दें.

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साहिबगंज में अवैध खनिज संपदा की तस्करी का आरोप, सीबीआई जांच की मांग

दीपक प्रकाश ने कहा कि गुरुजी के नाम से भोजन वितरण की योजना सरकार ने बनाई है. लेकिन, यह योजना पिछले कोरोना काल में दाल भात योजना की तरह फेल हो जाएगी. उन्होंने कहा कि बजट में मिनरल्स कॉरिडोर बनाने की बात कही गई है. यह कोई नई बात नहीं है. बल्कि जब से हेमंत सोरेन मुख्यमंत्री बने हैं तब से मिनरल्स इनलीगल कॉरिडोर चल रहा है. भाजपा इसका आरोप भी लगाती रही है. उन्होंने आरोप लगाया कि साहिबगंज में हर दिन 50 लाख रुपये की अवैध खनिज संपदा की तस्करी हो रही है. राज्य सरकार मामले की सीबीआई जांच कराए.

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