रांची: झारखंड में प्रमुख विपक्षी दल बीजेपी ने राज्य में बनी महागठबंधन की सरकार को आड़े हाथों लिया है. सरकार में शामिल कांग्रेस पर सीधे तौर पर हमला करते हुए बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह ने शुक्रवार को कहा कि कांग्रेस अपने दोहरे चरित्र को निभा रही है. उन्होंने कहा कि जब झारखंड में तबरेज अंसारी की हत्या हुई तब कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने पूरे देश में हाय तौबा मचा दी थी. वहीं कांग्रेस नेता झारखंड के आदिवासियों की नृशंस हत्या पर खामोश बैठे हैं.
अरुण सिंह ने कहा ना तो अब कांग्रेस नेता राहुल गांधी कुछ बोल रहे हैं और न ही प्रियंका गांधी के तरफ से कोई वक्तव्य आ रहा है. बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव ने कहा कि हैरत की बात यह है कि अभी तक कांग्रेस नेताओं ने न तो इस घटना की निंदा की और न ही झारखंड आने का कोई कार्यक्रम बनाया है.
आदिवासी सीएम के कार्यकाल में हो रही हत्या
अरुण सिंह ने कहा कि आदिवासी दबे कुचले और असहाय हैं, यही वजह है कि सरकार बनते ही इनके ऊपर अत्याचार शुरू हो गया, वह भी तब जब राज्य की बागडोर एक आदिवासी के हाथ में है. उन्होंने कहा कि तबरेज अंसारी की हत्या के बाद तत्कालीन सरकार ने 12 लोगों को हिरासत में लिया था, पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की गई, यहां तक कि एसआईटी जांच भी हुई, लेकिन अभी तक चाईबासा की घटना को लेकर किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है. उन्होंने बताया कि देशद्रोह का मुकदमा जिनके खिलाफ चल रहा था सरकार बनते ही उन मुकदमों को वापस कर लिया गया, अभी और आगे बहुत कुछ देखना होगा.
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कांग्रेस का दबाव झेल रहे हैं सोरेन
बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव ने बताया कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को अब कांग्रेस का दबाव समझ में आ रहा होगा, जिस तरह कैबिनेट विस्तार को लेकर संशय की स्थिति बनी हुई है, उससे स्पष्ट हो रहा है कि हेमंत सोरेन कांग्रेस के दबाव में है. अरुण सिंह ने कहा कि जिस तरह का दबाव हेमंत सोरेन पर पड़ रहा है वह उन्हें खुद महसूस हो रहा होगा. अरुण सिंह ने कहा कि कांग्रेस का इतिहास रहा है, उन्होंने जिस पार्टी को समर्थन दिया है अपना काम पूरा होने पर समर्थन वापस भी ले लिया है.
जल्द होगी नेता प्रतिपक्ष और प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति
अरुण सिंह ने कहा कि 25 जनवरी से संगठन को मजबूत करने का काम शुरू कर दिया जाएगा, राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव के बाद अब राज्य में पार्टी के अध्यक्ष का मनोनयन होगा. उन्होंने कहा कि बूथ, मंडल और जिला स्तर पर अध्यक्षों की नियुक्ति होगी और पार्टी को और भी मजबूत किया जाएगा.
दरअसल, बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव प्रदेश में हुए विधानसभा चुनाव के बाद झारखंड पहुंचे थे. अपने झारखंड प्रवास के दौरान उन्होंने पार्टी की कोर कमेटी और प्रदेश और जिला स्तर के पदाधिकारियों के साथ बैठक की है.