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बीजेपी मिशन 2024: झारखंड में जमीनी जनाधार की हकीकत जानने की कोशिश में जुटी बीजेपी

मिशन 2024 को लेकर भारतीय जनता पार्टी इन दिनों आंदोलन के साथ-साथ झारखंड में अपनी जमीनी हकीकत को भी जानने की कोशिश में है. अपनी इसी तैयारी को लेकर राज्य की सभी लोकसभा सीटों पर सर्वे कराया जा रहा है. बीजेपी ने 2024 के लिए अपनी कमियों को जानने और दूर करने की योजना पर काम करना शुरू कर दिया है.

भारतीय जनता पार्टी
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Published : Apr 14, 2023, 8:13 PM IST

रांची: मिशन 2024 की तैयारी में भारतीय जनता पार्टी जुट गई है. झारखंड में अपने जमीन जनाधार को तलाशने और टटोलने काम बीजेपी में शुरू कर दिया है. 2024 के लोकसभा चुनाव में झारखंड की सभी 14 सीटों पर कमल खिलाने के लिए पार्टी जहां एक तरफ संगठनात्मक तैयारी में जुटी है वहीं दूसरी ओर लोकसभा क्षेत्रों का आकलन भी करा रही है.

2024 की तैयारी में राज्य में जमीनी हकीकत क्या है इसके लिए सर्वे का कार्य केन्द्रीय नेतृत्व के देखरेख में झारखंड के सभी 14 लोकसभा क्षेत्रों में चल रहा है. निजी एजेंसियों के माध्यम से बेहद ही गुप्त रुप से इसे करवाया जा रहा है. वर्तमान में एनडीए के खाते की 12 सीटों में से 11 सीट भाजपा के कब्जे में है और एक सीट आजसू के पास है. पार्टी की नजर इन सीटों के अलावे राजमहल और चाईबासा पर भी है जिसे जीतने के लिए रणनीति बनाई गई है.

सर्वे के तहत पार्टी झारखंड में वर्तमान यूपीए सरकार के द्वारा हाल में लिए गए 1932 आधारित स्थानीय नीति, ओल्ड पेंशन स्कीम,सर्वजन पेंशन जैसे योजना का जनता के बीच प्रभाव का भी आकलन करा रही है. इसके अलावे वर्तमान भाजपा सांसदों के क्षेत्र में परफॉर्मेंस और जनता के बीच छवि का भी आकलन कराया जा रहा है. 75 से ऊपर के वरिष्ठतम की श्रेणी में आने वाले सांसदों की जगह वैकल्पिक प्रत्याशी जैसे मुद्दों पर पार्टी गंभीरता से विचार करना शुरू कर दिया है. सर्वे रिपोर्ट केंद्रीय नेतृत्व के समक्ष प्रस्तुत होने के बाद भाजपा का थिंक टैंक इसपर समुचित निर्णय लेगा.

आजसू को साथ लेकर चुनाव लड़ने की तैयारी : 2024 के चुनावी जंग को हर हाल में जीतकर हैट्रिक लगाने की तैयारी में जुटी भारतीय जनता पार्टी झारखंड के सभी 14 सीटों पर कमल खिलाने की तैयारी में है. इसके तहत आजसू के साथ रिश्तों को और प्रगाढ़ किया जाएगा.यह कहा जा रहा है कि 2024 के लोकसभा चुनाव में पिछले लोकसभा चुनाव की तरह एनडीए एकजुट होकर झारखंड में चुनाव लड़ेगा. इसके अलावा भारतीय जनता पार्टी की नजर कांग्रेस की झोली में पिछले चुनाव में गई चाईबासा सीट पर भी है.

गृह मंत्री अमित शाह के चाईबासा दौरे के वक्त राजनीतिक गलियारों में कांग्रेस सांसद गीता कोड़ा के भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने की चर्चा काफी तेजी से होने लगी थी. राजनीति में संभावनाएं खत्म नहीं होती समय नजदीक आते ही राजमहल और चाईबासा में बड़े राजनीतिक बदलाव होने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है. संगठन को 2024 के चुनावी जंग के लिए तैयार करने में जुटे झारखंड बीजेपी प्रभारी लक्ष्मीकांत वाजपेयी राज्य की सभी 14 सीटों को अगले चुनाव में जीतने का दावा करते रहे हैं. पार्टी के इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए झारखंड के सभी जिलों का वे न केवल दौरा कर चुके हैं बल्कि वहां प्रवास कर स्थानीय कार्यकर्ताओं और नेताओं के साथ-साथ आम लोगों से फीडबैक ले चुके हैं.

सचिवालय घेराव की रिपोर्ट : भारतीय जनता पार्टी केंद्रीय नेतृत्व के समक्ष सचिवालय घेराव संबंधी रिपोर्ट झारखंड बीजेपी भेजने की तैयारी में है.इस रिपोर्ट में कार्यक्रम के दौरान सांसदों और स्थानीय विधायकों के रुख के साथ साथ पार्टी पदाधिकारियों के सहयोगात्मक ब्यौरा पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व को दी जाएगी. यह रिपोर्ट काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि 2024 के चुनाव से जोड़कर इस आंदोलन को पार्टी ने पूरी रूपरेखा बनाई थी.इसमें कोताही बरतने वाले सांसदों और विधायकों के बारे में भी पार्टी केंद्रीय नेतृत्व को अवगत कराने की कोशिश होगी. बहरहाल आने वाले समय में भारतीय जनता पार्टी जहां सरकार के विरोध में आंदोलन तेज करेगी वहीं संगठनात्मक मजबूती खासकर बूथ लेवल जैसी कमेटी बनाकर 2024 के चुनावी जंग में उतरने की तैयारी करेगी.

रांची: मिशन 2024 की तैयारी में भारतीय जनता पार्टी जुट गई है. झारखंड में अपने जमीन जनाधार को तलाशने और टटोलने काम बीजेपी में शुरू कर दिया है. 2024 के लोकसभा चुनाव में झारखंड की सभी 14 सीटों पर कमल खिलाने के लिए पार्टी जहां एक तरफ संगठनात्मक तैयारी में जुटी है वहीं दूसरी ओर लोकसभा क्षेत्रों का आकलन भी करा रही है.

2024 की तैयारी में राज्य में जमीनी हकीकत क्या है इसके लिए सर्वे का कार्य केन्द्रीय नेतृत्व के देखरेख में झारखंड के सभी 14 लोकसभा क्षेत्रों में चल रहा है. निजी एजेंसियों के माध्यम से बेहद ही गुप्त रुप से इसे करवाया जा रहा है. वर्तमान में एनडीए के खाते की 12 सीटों में से 11 सीट भाजपा के कब्जे में है और एक सीट आजसू के पास है. पार्टी की नजर इन सीटों के अलावे राजमहल और चाईबासा पर भी है जिसे जीतने के लिए रणनीति बनाई गई है.

सर्वे के तहत पार्टी झारखंड में वर्तमान यूपीए सरकार के द्वारा हाल में लिए गए 1932 आधारित स्थानीय नीति, ओल्ड पेंशन स्कीम,सर्वजन पेंशन जैसे योजना का जनता के बीच प्रभाव का भी आकलन करा रही है. इसके अलावे वर्तमान भाजपा सांसदों के क्षेत्र में परफॉर्मेंस और जनता के बीच छवि का भी आकलन कराया जा रहा है. 75 से ऊपर के वरिष्ठतम की श्रेणी में आने वाले सांसदों की जगह वैकल्पिक प्रत्याशी जैसे मुद्दों पर पार्टी गंभीरता से विचार करना शुरू कर दिया है. सर्वे रिपोर्ट केंद्रीय नेतृत्व के समक्ष प्रस्तुत होने के बाद भाजपा का थिंक टैंक इसपर समुचित निर्णय लेगा.

आजसू को साथ लेकर चुनाव लड़ने की तैयारी : 2024 के चुनावी जंग को हर हाल में जीतकर हैट्रिक लगाने की तैयारी में जुटी भारतीय जनता पार्टी झारखंड के सभी 14 सीटों पर कमल खिलाने की तैयारी में है. इसके तहत आजसू के साथ रिश्तों को और प्रगाढ़ किया जाएगा.यह कहा जा रहा है कि 2024 के लोकसभा चुनाव में पिछले लोकसभा चुनाव की तरह एनडीए एकजुट होकर झारखंड में चुनाव लड़ेगा. इसके अलावा भारतीय जनता पार्टी की नजर कांग्रेस की झोली में पिछले चुनाव में गई चाईबासा सीट पर भी है.

गृह मंत्री अमित शाह के चाईबासा दौरे के वक्त राजनीतिक गलियारों में कांग्रेस सांसद गीता कोड़ा के भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने की चर्चा काफी तेजी से होने लगी थी. राजनीति में संभावनाएं खत्म नहीं होती समय नजदीक आते ही राजमहल और चाईबासा में बड़े राजनीतिक बदलाव होने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है. संगठन को 2024 के चुनावी जंग के लिए तैयार करने में जुटे झारखंड बीजेपी प्रभारी लक्ष्मीकांत वाजपेयी राज्य की सभी 14 सीटों को अगले चुनाव में जीतने का दावा करते रहे हैं. पार्टी के इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए झारखंड के सभी जिलों का वे न केवल दौरा कर चुके हैं बल्कि वहां प्रवास कर स्थानीय कार्यकर्ताओं और नेताओं के साथ-साथ आम लोगों से फीडबैक ले चुके हैं.

सचिवालय घेराव की रिपोर्ट : भारतीय जनता पार्टी केंद्रीय नेतृत्व के समक्ष सचिवालय घेराव संबंधी रिपोर्ट झारखंड बीजेपी भेजने की तैयारी में है.इस रिपोर्ट में कार्यक्रम के दौरान सांसदों और स्थानीय विधायकों के रुख के साथ साथ पार्टी पदाधिकारियों के सहयोगात्मक ब्यौरा पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व को दी जाएगी. यह रिपोर्ट काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि 2024 के चुनाव से जोड़कर इस आंदोलन को पार्टी ने पूरी रूपरेखा बनाई थी.इसमें कोताही बरतने वाले सांसदों और विधायकों के बारे में भी पार्टी केंद्रीय नेतृत्व को अवगत कराने की कोशिश होगी. बहरहाल आने वाले समय में भारतीय जनता पार्टी जहां सरकार के विरोध में आंदोलन तेज करेगी वहीं संगठनात्मक मजबूती खासकर बूथ लेवल जैसी कमेटी बनाकर 2024 के चुनावी जंग में उतरने की तैयारी करेगी.

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