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बजट को लेकर हेमंत सरकार पर भाजपा नेता की कड़ी प्रतिक्रिया, लगाए ये आरोप

भाजपा के प्रदेश महामंत्री आदित्य साहू ने सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़ा किया है.उन्होंने कहा कि खजाने में पैसे पड़े हैं पर सरकार इसे खर्च करने में फिसड्डी साबित हो रही है.

भाजपा नेता
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Published : Oct 20, 2020, 1:39 AM IST

रांचीः झारखंड की हेमंत सरकार द्वारा बजट का मात्र 20 प्रतिशत खर्च किए जाने को लेकर भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश महामंत्री आदित्य साहू ने सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़ा किया है. उन्होंने कहा है कि राज्य सरकार की नीति और नियत का इससे पता चलता है. पैसे खजाने में पड़े हैं पर राज्य सरकार ने किसानों, महिलाओं, गरीबों के लिए पूरवर्ती भाजपा सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं को बंद किया है.

उन्होंने कहा है कि प्रदेश में कर्मचारी वेतन के बिना, मरीज दवाई और एम्बुलेंस के बिना मर रहे है. प्रवासी मजदूर लाखों की संख्या में फिर से दूसरे राज्यों में पलायन करने को मजबूर हैं, किसान अपने धान के बकाये के लिए तरस रहे है. बेरोजगार युवक हताश और निराश है, सड़कों की स्थिति जर्जर है,सडकों पर गड्ढे ही गड्ढे हैं, जिसके कारण सैकड़ों जानें जा चुकी हैं.

यह भी पढ़ेंः 10 महीनों में नहीं हुआ जनता का कोई भी काम, दुमका-बेरमो उपचुनाव सरकार के लिए चुनौतीपूर्ण: अर्जुन मुंडा

उन्होंने बताया कि कृषि,पशुपालन एवं सहकारिता में 0.12 फीसदी ही राशि खर्च हो पाई है. भवन निर्माण में 1.71 फीसदी राशि खर्च हुई है. श्रम नियोजन में 2.37 फीसदी खर्च, वन पर्यावरण में 6. 45 % राशि खर्च, उच्च एवं तकनीकी शिक्षा में 10.16% खर्च, ऊर्जा विभाग में 11.23 फीसदी खर्च, पथ निर्माण में 12.19 % खर्च, पेयजल एवं स्वच्छता में 14.12 % खर्च, नगर विकास विभाग 18. 61% खर्च, खाद्य आपूर्ति विभाग में 23.02%, स्वास्थ्य ,चिकित्सा एवं शिक्षा में 23.42 % खर्च, ग्रामीण विकास विभाग में 33.47 % कुल खर्च, गृह कारा एवं आपदा विभाग में 44.50% खर्च होना यह बतलाता है कि राज्य विकास को लेकर कितना पीछे है.

रांचीः झारखंड की हेमंत सरकार द्वारा बजट का मात्र 20 प्रतिशत खर्च किए जाने को लेकर भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश महामंत्री आदित्य साहू ने सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़ा किया है. उन्होंने कहा है कि राज्य सरकार की नीति और नियत का इससे पता चलता है. पैसे खजाने में पड़े हैं पर राज्य सरकार ने किसानों, महिलाओं, गरीबों के लिए पूरवर्ती भाजपा सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं को बंद किया है.

उन्होंने कहा है कि प्रदेश में कर्मचारी वेतन के बिना, मरीज दवाई और एम्बुलेंस के बिना मर रहे है. प्रवासी मजदूर लाखों की संख्या में फिर से दूसरे राज्यों में पलायन करने को मजबूर हैं, किसान अपने धान के बकाये के लिए तरस रहे है. बेरोजगार युवक हताश और निराश है, सड़कों की स्थिति जर्जर है,सडकों पर गड्ढे ही गड्ढे हैं, जिसके कारण सैकड़ों जानें जा चुकी हैं.

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उन्होंने बताया कि कृषि,पशुपालन एवं सहकारिता में 0.12 फीसदी ही राशि खर्च हो पाई है. भवन निर्माण में 1.71 फीसदी राशि खर्च हुई है. श्रम नियोजन में 2.37 फीसदी खर्च, वन पर्यावरण में 6. 45 % राशि खर्च, उच्च एवं तकनीकी शिक्षा में 10.16% खर्च, ऊर्जा विभाग में 11.23 फीसदी खर्च, पथ निर्माण में 12.19 % खर्च, पेयजल एवं स्वच्छता में 14.12 % खर्च, नगर विकास विभाग 18. 61% खर्च, खाद्य आपूर्ति विभाग में 23.02%, स्वास्थ्य ,चिकित्सा एवं शिक्षा में 23.42 % खर्च, ग्रामीण विकास विभाग में 33.47 % कुल खर्च, गृह कारा एवं आपदा विभाग में 44.50% खर्च होना यह बतलाता है कि राज्य विकास को लेकर कितना पीछे है.

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