रांचीः प्रदेश में सत्तारूढ़ बीजेपी ने पहली बार अपने कार्यकर्ताओं को पहचान पत्र देना शुरू किया है. हालांकि इसकी औपचारिक शुरुआत पार्टी के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा के झारखंड दौरे के समय ही हो गई थी. लेकिन अब यह पहचान पत्र पार्टी के वैसे सभी कार्यकर्ताओं के पास जा रहा है, जो बूथ कमेटी से जुड़े हुए हैं.
सूत्रों की माने तो आगामी विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा कार्यकर्ताओं को भीड़ से अलग पहचान दिलाने की कवायद है. पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष प्रदीप वर्मा ने कहा कि दरअसल मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कार्यकर्ताओं को वचन दिया था कि सभी को पहचान पत्र देंगे. उन्होंने कहा कि इसमें कोई बुराई भी नहीं है. वर्मा ने कहा कि पहचान पत्र दुनिया के सबसे बड़े दल के कार्यकर्ताओं को दिया जा रहा है और प्रदेश के कार्यकर्ता इसको लेकर काफी उत्साहित हैं.
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वहीं, प्रदेश प्रवक्ता दीनदयाल बरनवाल ने कहा कि राज्य के कार्यकर्ता इस पहचान पत्र को लेकर कहीं भी सुलभता से आ जा सकेंगे. वहीं, वैसी सरकारी योजनाएं जो धरातल पर नहीं उतर पा रही हो या जिनसे लाभुकों को जोड़ा नहीं जा रहा हो. ऐसी स्थिति में पार्टी कार्यकर्ता अपनी पहचान पत्र को लेकर उन लाभुकों को स्कीम से जोड़ने का प्रयास करेंगे.
कांग्रेस ने साधा निशाना
वहीं, कांग्रेस पार्टी ने बीजेपी की इस पहल पर पार्टी को आड़े हाथों लिया है. झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने कहा कि दरअसल राज्य सरकार ने अब तक न तो अपने कार्यकर्ताओं को कुछ दिया और न लोगों को. जिस वजह से पहचान पत्र देकर बीजेपी कार्यकर्ताओं को बहला रही है.
उन्होंने कहा कि दरअसल यह पहचान पत्र बीजेपी कार्यकर्ता ठेकेदारों और डैम बनाने वाले लोगों से वसूली करने के लिए दे रही है. उन्होंने कहा कि आश्चर्य की बात यह है कि पहचान पत्र की जरूरत उन्हें ही होती है जिन्हें अपनी पहचान का संकट होता है. उन्होंने कहा कि यही हाल बीजेपी कार्यकर्ताओं का हो रहा है.
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क्या है पहचान पत्र का प्रारूप
दरअसल पहचान पत्र में बूथ लेवल कमिटी से जुड़े लोगों का नाम है. उनकी फोटो, बूथ का विवरण है. वहीं, इस पर प्रदेश अध्यक्ष का सिग्नेचर भी शामिल किया गया है. बता दें कि झारखंड में सत्तारूढ़ दल बीजेपी ने पहली बार इस तरह का प्रयोग शुरू किया है.