रांची: प्रदेश में विपक्षी बीजेपी ने झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रभारी उमंग सिंघार को क्वॉरंटाइन नहीं करने पर राज्य सरकार पर निशाना साधा है. बीजेपी के प्रदेश महामंत्री और राज्यसभा सांसद समीर उरांव ने गुरुवार को कहा कि नियम को नहीं मानने वाले कांग्रेस प्रभारी पर अविलंब मुकदमा दर्ज होना चाहिए.
प्रशासन का दोहरा चरित्र उजागर
बीजेपी सांसद ने कहा कि राज्य सरकार के इशारे पर जिला प्रशासन कठपुतली बना हुआ है. लॉकडाउन के प्रारंभ से लेकर अबतक लगातार प्रशासन का दोहरा चरित्र उजागर हो रहा. उरांव ने कहा कि एक तरफ नेता विधायक दल और पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी और राज्यसभा सदस्य के रूप में शपथ लेकर नई दिल्ली से लौटे भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवम सांसद दीपक प्रकाश को एयरपोर्ट पर ही 14 दिन के होम क्वॉरेंटाइन का मुहर लगा दिया गया. जबकि कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी उमंग सिंघार नई दिल्ली से आकर रांची में कांग्रेस पार्टी के विभिन्न कार्यक्रमों में लगातार शामिल हो रहे हैं.
14 दिन के लिए होना था होम कॉरेंटाइन
समीर उरांव ने कहा कि राज्य के मुख्य सचिव ने सरकारी आदेश निकालकर राज्य के बाहर से लौटने वालों को 14 दिन के होम कॉरेंटाइन का स्पष्ट निर्देश दिया है. लेकिन जिला प्रशासन इसकी धज्जियां उड़ा रहा है. उरांव ने कहा कि सत्ताधारी दल के लिए अलग नियम लागू किए जा रहे, जबकि विपक्ष के लिए अलग.
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कांग्रेस पार्टी नहीं करती कानून का अनुपालन
उरांव ने कहा कि कांग्रेस पार्टी में कानून का अनुपालन का चरित्र कभी नहीं रहा है. ये कानून को अपने हिसाब से चलाना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि लॉकडाउन की शुरुआत में सरकार के एक मंत्री ने बसों में भरकर जिला और समुदाय विशेष के लोगों को भेजा, तो तब भी नियम धरे के धरे रह गए. सत्ताधारी विधायक नियमों को तोड़ते रहे, राजभवन के सामने धरना प्रदर्शन होता रहा और प्रशासन मूकदर्शक बना रहा.
पदाधिकारियों को चिन्हित करते हुए कठोर कार्रवाई
उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार में यह बात स्पष्ट हो चुकी है कि आम जनता और विपक्षी पार्टियों के लिये कुछ और नियम हैं, जबकि सत्ताधारियों के लिए कुछ और है. रास सांसद ने कहा कि प्रशासन सत्तापक्ष के लोगों से कानून के अनुपालन कराने में विफल साबित हुआ है. उरांव ने मुख्य सचिव से राज्य में कानून का शासन स्थापित करने की मांग करते हुए कहा कि जिला प्रशासन के वैसे पदाधिकारियों को चिन्हित कर कठोर कार्रवाई हो, जो कॉरेंटाइन के नियम के अनुपालन कराने में विफल रहे है.