रांची: प्रदेश में सत्तारूढ़ बीजेपी के डेलीगेशन ने चीफ सेक्रेटरी डीके तिवारी से झारखंड मुक्ति मोर्चा के सुप्रीमो शिबू सोरेन और कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन के परिवार द्वारा कथित तौर पर सीएनटी एक्ट के उल्लंघन के मामले को लेकर मुलाकात की.
शनिवार को डेलिगेशन ने चीफ सेक्रेटरी को दिए गए मेमोरेंडम में साफ तौर पर कहा कि सोरेन परिवार ने सीएनटी की धारा 46 का उल्लंघन करते हुए अनेक डीड के जरिए सैकड़ों एकड़ भूमि का गैर वाजिब हस्तांतरण किया है. इस मामले पर राज्य सरकार अपने स्तर से न्याय सम्मत निर्माण निर्णय लेने की दिशा में ठोस कार्रवाई करें.
डेलीगेशन ने मुख्य सचिव से मांग की है कि इस गंभीर घोटाले के संबंध में राज्य के आदिवासियों के संपत्ति की लूट संबंध में उचित जांच और कार्रवाई करें. डेलिगेशन ने कहा कि शिबू सोरेन और हेमंत सोरेन के परिवार को यह बताना चाहिए कि वे किस थाना क्षेत्र के वास्तविक निवासी हैं, क्योंकि अनेक जमीन डीड के जरिए उनके परिवार वालों ने संपूर्ण राज्य के विभिन्न जिलों में सैकड़ों एकड़ भूमि लिया है.
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वर्तमान में रांची जिले की एक महत्वपूर्ण जमीन के विषय में चर्चा हो रही है. हरमू स्थित भूमि का बाजार मूल्य मौजूदा समय में 30-40 लाख रुपए प्रति डिसमिल है. डीड के अनुसार यह जमीन 2009 में खरीदी गई थी और भूमि का सरकारी मूल्य उस समय 80 लाख रुपए था. डेलिगेशन ने साफ तौर पर कहा कि भूमि अधिग्रहण के विषय का विरोध करने वाले सोरेन और उनकी पत्नी से पूछा जाना चाहिए कि वह इस तरह आदिवासियों का भला कैसे करना चाहते हैं.
पार्टी के राज्यसभा सांसद समीर उरांव, विधायक रामकुमार पाहन, प्रदेश महामंत्री दीपक प्रकाश और प्रदेश उपाध्यक्ष प्रदीप वर्मा ने इस बाबत चीफ सेक्रेटरी को मेमोरेंडम दिया. जिसके बाद पार्टी ने मांग की है कि छोटानागपुर काश्तकारी अधिनियम की धारा 46 की गलत तरीके से अनुमति प्राप्त करने के मामले में फौजदारी विधिक कार्यवाही का आदेश दिया जाए.