रांची: बिरला प्रोद्यौगिकी संस्थान (बीआईटी) के नए कुलपति डॉ. इंद्रनील मन्ना को बनाया गया हैं. उन्होंने अपना पदभार ग्रहण कर लिया है. वे आईआईटी खड़गपुर के मेटालर्जिकल एंड मैटेरियल्स इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर के पद पर कार्यरत थे.
नए कुलपति डॉ. इंद्रनील मन्ना
डॉ. मन्ना ने इंजीनियरिंग में पीएचडी एवं भौतिक धातु कर्म में एम्टेक आईआईटी, खड़गपुर से किया है. उन्होंने कलकत्ता विश्वविद्यालय से धातुकर्म में बीई किया है. डॉ. मन्ना को अनुप्रयुक्त भौतिकी के क्षेत्र में कलकत्ता विश्वविद्यालय से प्रेमचंद रायचंद छात्रवृत्ति (पीआरएस) भी मिली है. 1985 में व्याख्याता के रूप में IIT खड़गपुर में शामिल हुए. 2003 में प्रोफेसर के पद पर पहुंचे और 2009 में एचएजी प्रोफेसर.
अनुसंधान सलाहकार बोर्डों के सदस्य
मार्च, 2010 में निदेशक के रूप में सीएसआईआर-सीजीसीआरआई में शामिल होने तक वह एचएजी प्रोफेसर के पद पर बने रहे. इसके बाद, उन्होंने 2012-2017 तक आईआईटी, कानपुर के निदेशक के रूप में एक विशिष्ट कार्यकाल भी संभाला. उन्होंने कई अन्य पद संभाले हैं, जैसे नेशनल कोऑर्डिनेटर ऑफ इम्पैक्टिंग रिसर्च इनोवेशन एंड टेक्नोलॉजी, एमआरएचडी मुहिम, जीओआई की एक पहल के रूप में एआरसीआई, गेल, आरआईएनएल और भेल के अनुसंधान सलाहकार बोर्डों की सदस्य भी रह चुके हैं.
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आईआईटी खड़गपुर में भी योगदान
प्रशासनिक दायित्व संभालने से पहले डॉ. मन्ना ने आईआईटी खड़गपुर में 25 साल तक विभिन्न विषयों को पढ़ाया. उन्होंने दुनिया भर के 100 से अधिक संस्थानों में विभिन्न क्षमताओं में व्याख्यान दिया है. जैसे स्टटगार्ट में मैक्स प्लांक इंस्टीट्यूट, क्लेस्टल के तकनीकी विश्वविद्यालय, वारसॉ में यूनिप्रेस, लिवरपूल विश्वविद्यालय, नानयांग प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय और उल्म विश्वविद्यालय. डॉ मन्ना ने 250 से अधिक जर्नल प्रकाशनों में योगदान दिया है, 6000 से अधिक उद्धरण एकत्र किए हैं, 25 पीएचडी शोधों का पर्यवेक्षण किया और आईआईटी-खड़गपुर में कई उच्च मूल्य प्रायोजित परियोजनाओं का संचालन किया है. डॉक्टर मन्ना भारतीय धातु संस्थान के पूर्व अध्यक्ष एवं आईएनएई के पूर्व उपाध्यक्ष भी रह चुके हैं.