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Misuse of Corona Guidelines: झारखंड में सरकारी कर्मचारियों के लिए खत्म नहीं हो रहा कारोना! गाइडलाइन्स का उठा रहे गलत फायदा - Jharkhand News

झारखंड में कोरोना संक्रमण से बचने के लिए बने नियमों का सरकारी कर्मचारी अब गलत तरीके से फायदा उठा रहे हैं. राज्य में कोरोना के मामले ना के बराबर हो चुके हैं. सभी जगहों में स्थिति सामान्य हो चुकी है, लेकिन झारखंड सचिवालय में कार्यरत कर्मी अभी भी अटेंडेंस के लिए बायोमैट्रिक सिस्टम का इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं.

Misuse of Corona Guidelines
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Published : Feb 15, 2023, 10:05 AM IST

Updated : Feb 15, 2023, 10:41 AM IST

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रांची: झारखंड में भले ही कोरोना संक्रमण नगण्य हो, लेकिन झारखंड सरकार के कर्मियों के लिए आज भी कोरोना है. यही वजह है कि कोरोना के समय में बंद बायोमेट्रिक सिस्टम से उपस्थिति आज भी बंद है. इसका फायदा सचिवालय में कार्यरत कर्मचारी और पदाधिकारी उठा रहे हैं. आम तौर पर लोगों की धारणा ये हो गई है कि सचिवालय में कार्यरत कर्मियों के लिए 12 बजे लेट नहीं दो बजे के बाद भेंट नहीं है.

ये भी पढ़ें: Jharkhand Corona Update: एक बार फिर झारखंड में कोरोना के एक भी एक्टिव केस नहीं, सावधानी बरतना फिर भी जरूरी

बायोमेट्रिक सिस्टम से उपस्थिति दर्ज होने के कई फायदे हैं. जिसे सरकार भी भली भांति जानते हैं. ऐसे में समय पर पदाधिकारी और कर्मचारियों की उपस्थिति सुनिश्चित हो इसके लिए हर कार्यालय में बायोमेट्रिक सिस्टम लगाया गया है. काफी मशक्कत के बाद राज्य सचिवालय से लेकर प्रखंड कार्यालय तक इसके माध्यम से उपस्थिति दर्ज होने लगी थी, लेकिन कोरोनाकाल में संक्रमण फैलने के भय से भारत सरकार और राज्य सरकार के निर्देश पर इसे बंद कर दिया गया. हालांकि, जब परिस्थितियां सामान्य होने लगी तो स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों को बायोमैट्रिक उपस्थिति को पूर्व की तरह अनिवार्य कर दिया गया. इसी तरह शिक्षा विभाग ने अपने शिक्षकों के लिए बायोमेट्रिक उपस्थिति को अनिवार्य कर रखा है.

सरकारी दफ्तरों में हो स्मार्ट गेट: इधर, झारखंड कर्मचारी महासंघ के महासचिव मृत्युंजय कुमार झा का मानना है कि बायोमेट्रिक सिस्टम चालू रहे या नहीं इससे कार्य की गुणवत्ता पर फर्क नहीं पड़ता. उन्होंने कहा कि सरकारी कार्यालय में भी अगर निजी कंपनी के दफ्तर में बने स्मार्ट गेट की तरह अत्याधुनिक सुविधा से लैस गेट होगा तो यह ना केवल सुरक्षा के दृष्टि से अच्छा होगा, बल्कि कर्मचारी-पदाधिकारी की उपस्थिति को भी इसके जरिए जाना जा सकेगा.

बायोमेट्रिक से उपस्थिति दर्ज कराने में जुटा कार्मिक विभाग: परिस्थितियां सामान्य होने के बाद राज्य सरकार बायोमेट्रिक से पूर्व की तरह कर्मचारियों-पदाधिकारियों की उपस्थिति को अनिवार्य करने जा रही है. कार्मिक विभाग के द्वारा स्वास्थ्य विभाग से इस संबंध में पिछले दिनों सहमति मांगी गई थी. स्वास्थ्य विभाग ने एनएचएम के रिपोर्ट पर कार्मिक विभाग को राज्य में कोरोना नगण्य होने का हवाला देते हुए बायोमेट्रिक सिस्टम से सभी कर्मचारियों का उपस्थिति दर्ज कराने की सहमति पत्र भेज दी है. स्वास्थ्य विभाग की अनुशंसा पर कार्मिक विभाग जल्द ही दिशा निर्देश जारी करने जा रही है.

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रांची: झारखंड में भले ही कोरोना संक्रमण नगण्य हो, लेकिन झारखंड सरकार के कर्मियों के लिए आज भी कोरोना है. यही वजह है कि कोरोना के समय में बंद बायोमेट्रिक सिस्टम से उपस्थिति आज भी बंद है. इसका फायदा सचिवालय में कार्यरत कर्मचारी और पदाधिकारी उठा रहे हैं. आम तौर पर लोगों की धारणा ये हो गई है कि सचिवालय में कार्यरत कर्मियों के लिए 12 बजे लेट नहीं दो बजे के बाद भेंट नहीं है.

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बायोमेट्रिक सिस्टम से उपस्थिति दर्ज होने के कई फायदे हैं. जिसे सरकार भी भली भांति जानते हैं. ऐसे में समय पर पदाधिकारी और कर्मचारियों की उपस्थिति सुनिश्चित हो इसके लिए हर कार्यालय में बायोमेट्रिक सिस्टम लगाया गया है. काफी मशक्कत के बाद राज्य सचिवालय से लेकर प्रखंड कार्यालय तक इसके माध्यम से उपस्थिति दर्ज होने लगी थी, लेकिन कोरोनाकाल में संक्रमण फैलने के भय से भारत सरकार और राज्य सरकार के निर्देश पर इसे बंद कर दिया गया. हालांकि, जब परिस्थितियां सामान्य होने लगी तो स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों को बायोमैट्रिक उपस्थिति को पूर्व की तरह अनिवार्य कर दिया गया. इसी तरह शिक्षा विभाग ने अपने शिक्षकों के लिए बायोमेट्रिक उपस्थिति को अनिवार्य कर रखा है.

सरकारी दफ्तरों में हो स्मार्ट गेट: इधर, झारखंड कर्मचारी महासंघ के महासचिव मृत्युंजय कुमार झा का मानना है कि बायोमेट्रिक सिस्टम चालू रहे या नहीं इससे कार्य की गुणवत्ता पर फर्क नहीं पड़ता. उन्होंने कहा कि सरकारी कार्यालय में भी अगर निजी कंपनी के दफ्तर में बने स्मार्ट गेट की तरह अत्याधुनिक सुविधा से लैस गेट होगा तो यह ना केवल सुरक्षा के दृष्टि से अच्छा होगा, बल्कि कर्मचारी-पदाधिकारी की उपस्थिति को भी इसके जरिए जाना जा सकेगा.

बायोमेट्रिक से उपस्थिति दर्ज कराने में जुटा कार्मिक विभाग: परिस्थितियां सामान्य होने के बाद राज्य सरकार बायोमेट्रिक से पूर्व की तरह कर्मचारियों-पदाधिकारियों की उपस्थिति को अनिवार्य करने जा रही है. कार्मिक विभाग के द्वारा स्वास्थ्य विभाग से इस संबंध में पिछले दिनों सहमति मांगी गई थी. स्वास्थ्य विभाग ने एनएचएम के रिपोर्ट पर कार्मिक विभाग को राज्य में कोरोना नगण्य होने का हवाला देते हुए बायोमेट्रिक सिस्टम से सभी कर्मचारियों का उपस्थिति दर्ज कराने की सहमति पत्र भेज दी है. स्वास्थ्य विभाग की अनुशंसा पर कार्मिक विभाग जल्द ही दिशा निर्देश जारी करने जा रही है.

Last Updated : Feb 15, 2023, 10:41 AM IST
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