रांची: राजधानी की पुलिस ने साइबर ठगी के एक बड़े मामले का खुलासा किया है. ठगी का ये मामला 2021 मार्च का है जब एक व्यक्ति ने डेड इंश्योरेंस पॉलिसी के नाम पर 64.85 लाख रुपये की ठगी का एफआईआर दर्ज कराया था. करीब एक साल बाद इस मामले में सीआईडी की टीम ने दिल्ली से एक अपराधी संदीप सैनी को गिरफ्तार किया है. जिसे इस मामले में मुख्य आरोपी माना जा रहा है.
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64 लाख से ज्यादा का साइबर फ्रॉड: ये पूरा मामला रांची के पंडरा का है. जहां के निवासी ओम प्रकाश वर्मा ने साल 2021 के मार्च महीने में सीआईडी के साइबर क्राइम ब्रांच में एफ आई आर दर्ज करवाई थी जिसमें उन्होंने साइबर अपराधियों पर एचडीएफसी की डेड इंश्योरेंस पॉलिसी का पैसा वापस दिलाने के नाम पर कुल 64 लाख रुपये से ज्यादा के ठगी का आरोप लगाया था. ठगों के द्वारा रुपयों का ट्रांजेक्शन अलग अलग खातों में की गई थी. मामला दर्ज होने के बाद सीआईडी के साइबर क्राइम ब्रांच के इंस्पेक्टर ब्रह्मदेव प्रसाद के नेतृत्व में एक टीम का गठन किया गया था. जांच के दौरान सीआइडी को ये पता चला कि दिल्ली के त्रिलोकपुरी थाना क्षेत्र का रहने वाला संदीप सैनी एक साइबर अपराधी है और उसी ने अपने एक दूसरे साथ के साथ मिलकर ठगी के इस घटना को अंजाम दिया है. जिसके बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया है. संदीप के पास कई दस्तावेज मिले हैं जिससे ये पता चलता है कि वो ठगी के इस धंधे को कैसे अंजाम देता है.
लोगों से सावधान रहने की अपील: सीआईडी के एसपी एस कार्तिक के अनुसार डेड इंश्योरेंस पॉलिसी को वापस दिलाने के लिए साइबर अपराधी विभिन्न फर्जी नंबरों से लोगों को कॉल करते हैं और डेड इंश्योरेंस पॉलिसी तथा लोन दिलाने के नाम पर लोगों को प्रलोभन देकर विभिन्न बैंक खातों में धोखे से विश्वास में लेकर पैसों की ठगी कर लेते हैं. उन्होंने बताया कि इन अपराधों से बचने का सबसे बेहतर तरीका है कि किसी अज्ञात मोबाइल नंबर से अगर कोई डेड इंश्योरेंस पॉलिसी का पैसा वापस दिलाने के नाम पर आपको कॉल करता है, तब आप उससे निजी जानकारी साझा ना करें। डेड इंश्योरेंस पॉलिसी का पैसा वापस दिलाने और लोन दिलाने के नाम पर किसी प्रकार के कॉल आने पर नंबर की जांच इंश्योरेंस कंपनी एवं संबंधित कंपनी के वेबसाइट पर जाकर करें.